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राज्य के 22 जिलों में 20 सितंबर से फाइलेरिया उन्मूलन अभियान

पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क)| स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने शनिवार को कहा कि फाइलेरिया उन्मूलन के लिए 22 जिलों में 20 सितंबर से मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए – Mass Drug Administration) अभियान चलाया जाएगा. लोगों को रोग के संचरण को रोकने के लिए फाइलेरिया रोधी दवाएं दी जाएंगी.

पांडे ने कहा कि दो साल से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों को दवा नहीं दी जाएगी. जिन जिलों में एमडीए कार्यक्रम शुरू किया जाएगा वे हैं – अररिया, बांका, बेगूसराय, भागलपुर, बक्सर, पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, गोपालगंज, जहानाबाद, जमुई, कैमूर, कटिहार, खगड़िया, मधेपुरा, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, पटना, सहरसा, सारण, सीतामढ़ी , सीवान और सुपौल.

उन्होंने कहा कि फाइलेरिया विश्व स्तर पर गंभीर बीमारियों की सूची में आता है और भारत इससे सबसे अधिक प्रभावित देशों में से एक है. भारत में भी, बिहार में यह बीमारी सबसे अधिक है.

पांडे ने कहा, “जागरूकता से संबंधित कार्य किया जा रहा है. कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा”.

देश भर से फाइलेरिया के मामले में ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन से परहेज करने वाले और जागरूकता की कमी के मामले सामने आए हैं. मेडिकल जर्नल आर्म्ड फोर्सेज ऑफ इंडिया (Medical Journal Armed Forces of India) में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, एमडीए के सालाना एक खुराक के साथ अन्य तकनीकों के उपयोग से जापान, ताइवान, दक्षिण कोरिया और सोलोमन द्वीप से लिम्फेटिक फाइलेरिया (lymphatic filariasis) को पहले ही समाप्त कर दिया गया है और चीन में इसके संचरण को स्पष्ट रूप से कम कर दिया है.

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लोगों से दवा लेने का आग्रह करते हुए पांडे ने कहा कि फाइलेरिया से पीड़ित कई लोगों में शुरुआत में कोई लक्षण नहीं दिखते हैं. इसलिए बीमारी से बचाव के लिए सभी को दवा लेनी चाहिए. उन्होंने लोगों से अपने घरों या आस-पड़ोस में मच्छरों के प्रजनन की रोकथाम सुनिश्चित करने और मच्छरदानी का उपयोग करने और अपने आस-पास को साफ रखने के लिए भी कहा.