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फसल अवशेष जलायें नहीं, उसका उचित प्रबंधन करें – प्रेम कुमार

fasal avshesh jalaye nahin, uska uchit prabandhan karen - prem kumar

पटना (TBN डेस्क) | खेतों में पड़े फसल अवशेष जलायें नहीं, उसका उचित प्रबंधन करें. ये बात शनिवार को कृषि मंत्री डॉ प्रेम कुमार ने कही.

प्रेम कुमार ने कहा कि राज्य में रबी फसलों की कटनी समाप्ति की ओर है तथा समय आ गया है कि खेतों में पड़े फसल अवशेषों को न जला कर उसका उचित प्रबंधन किया जाय.

उन्होंने कहा कि फसल अवशेष को खेतों में जलाने से मिट्टी का तापमान बढ़ता जिसके परिणामस्वरूप मिट्टी में उपलब्ध जैविक कार्बन जल कर नष्ट हो जाता है. इससे मिट्टी की उर्वरा-शक्ति कम हो जाती है तथा मिट्टी में उपलब्ध सूक्ष्म जीवाणु, केंचुआ आदि मर जाते हैं.

उन्होंने कहा कि इनके मिट्टी में रहने से ही मिट्टी जीवंत कहलाता है. जबकि फसल अवषेषों को जलाने से जमीन में उपलब्ध जरूरी पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं, मिट्टी में नाईट्रोजन की कमी हो जाती है, जिसके कारण फसलों का उत्पादन घटता है.

उन्होंने कहा कि मजदूरों के अभाव में अधिकांश किसान भाई-बहन गेहूँ की कटनी कम्बाईन हार्वेस्टर से करते हैं. कटनी के उपरान्त गेहूँ के तने का अधिकांश भाग खेतों में ही रह जाता है. आमतौर पर किसान भाई-बहन द्वारा इन फसल अवषेषों को खेतों में ही जला दिया जाता है.

उन्होंने कहा कि एक टन फसल अवशेष को जलाने से लगभग 60 किलोग्राम कार्बन मोनोऑक्साईड,  1460 किलोग्राम कार्बन डाईऑक्साईड तथा 2 किलोग्राम सल्फर डाईऑक्साईड गैस निकलकर वातावरण में फैलता है, जिससे पर्यावरण को काफी नुकसान पहुँचता है.

प्रेम कुमार ने राज्य के किसान भाइयों एवं बहनों से अपील किया कि फसल अवशेषों को खेतों में न जलाकर उसे मिट्टी में मिला दें या उससे वर्मी कम्पोस्ट बनायें अथवा पलवार विधि से खेती करें. ऐसा करने से मिट्टी का स्वास्थ्य अच्छा बना रहेगा एवं फसलों का गुणवत्तापूर्ण तथा अधिक उत्पादन होगा, जिससे किसानों की आय बढ़ेगी.