Big Newsकाम की खबरकोरोनावायरसफीचर

विशेषज्ञों ने कहा, ओमिक्रॉन करेगा कोरोना का पूरा खात्मा

नई दिल्ली (TBN – The Bihar Now डेस्क)| पूरी दुनिया में कोरोना का नया वेरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron) काफी तेजी से फैल रहा है. लेकिन ब्रिटिश मेडिकल काउंसिल के पूर्व वैज्ञानिक ने कहा है कि यही वेरिएंट कोरोना के खात्मे की वजह बनेगा. एक्सपर्ट्स का मानना है कि ओमिक्रॉन के तेज फैलाव से डरने की जरूरत नहीं है, इस वेरिएंट की वजह से ही कोरोना महामारी का अंत होगा.

डेल्टा से कम खतरनाक

आपको बता दें कि कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि जैसे डेल्टा फेफड़ों पर गहरा असर कर रहा था वैसा ओमिक्रॉन के मामले में नहीं है. ओमिक्रॉन काफी धीमी गति से फैलता है और उसके संक्रमित को भी कोई ज्यादा दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ रहा है. हालांकि गुरुवार को ही यूरोप और अमेरिका में ओमिक्रॉन के मामलों में एक साथ काफी तेजी से उछाल देखने को मिली थी.

फेफड़ों में ओमिक्रॉन 10 गुना धीमा

ब्रिटिश मेडिकल काउंसिल के पूर्व वैज्ञानिक डॉक्टर राम एस. उपाध्याय ने ओमिक्रॉन को लेकर राहत भरी जानकारी दी है. डॉक्टर उपाध्याय के मुताबिक ओमिक्रॉन श्वासनली में रुककर अपनी संख्या को बढ़ाता है. ओमिक्रॉन जब तक फेफड़ों में पहुंचता है, तब तक इसकी स्पीड 10 गुना कम हो जाती है. इसलिए मरीज को ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत नहीं पड़ती.

यह भी पढ़ें| कोरोना: शुक्रवार को 158 नए संक्रमितों की पुष्टि, मार्च से पहले ही संक्रमण होगा पीक पर

बता दें कि इंसान की श्वासनली में ‘म्यूकोसल इम्यून सिस्टम’ होता है, जो इम्यूनिटी सिस्टम का सेंटर होता है. यहीं पर एक एंटीबॉडी बनती है, जिसे ‘इम्यूनोग्लोबुलिन आईजीए’ कहते हैं. अब जबकि ओमिक्रॉन श्वासनली में ही अपनी संख्या बढ़ाता है, तो यहां पहले से मौजूद एंटीबॉडी जल्दी एक्टिव होती है. आसान शब्दों में इसे समझें तो ओमिक्रॉन के गंभीर खतरा बनने से पहले ही एंटीबॉडी उसे खत्म करना शुरू कर देती है.

ओमिक्रॉन करेगा कोरोना का अंत

जब भी कोई शख्स कोरोना के किसी भी वेरिएंट से संक्रमित होता है तो रिकवर के दौरान उसका शरीर नेचुरल एंटीबॉडी बना लेता है. लगभग यही काम वैक्सीन भी करती है. वैक्सीन का काम होता हैृ कि शरीर में कोरोना से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता विकसित करना. चूंकि ओमिक्रॉन काफी धीरे फैलता है तो जितने लोगों में यह फैलेगा, उतने ज्यादा लोगों को नेचुरल इम्यूनिटी बनती जाएगी.

एंटीबॉडी बनाने के लिए अच्छा है ओमिक्रॉन

गौरतलब है कि संक्रमण की वजह से जो इम्यूनिटी (Immunity) बनती है, वह वैक्सीन से बनने वाली इम्यूनिटी के मुकाबले ज्यादा वक्त तक शरीर में मौजूद रहती है. इस वजह से यह जितनी तेजी से लोगों को संक्रमित करेगा, इसका खतरा उतना ही कम होता जाएगा. इसे आप डेल्टा से तुलना करके भी समझ सकते हैं. जब डेल्टा वेरिएंट फैला था तब दुनिया में कई लोगों की मौत हो रही थी. लेकिन ओमिक्रॉन के मामलों में मौतें इसीलिए नहीं हो रहीं हैं क्योंकि यह वेरिएंट शरीर को कमजोर बनाने की जगह मजबूती प्रदान कर रहा है. इसी आधार पर विशेषज्ञों का मानना है वेरिएंट से कोरोना महामारी का खात्मा होगा.

(इनपुट-जी)