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सीतामढ़ी: टूटा बागमती का तटबंध, बड़ी आबादी में हाहाकार

सीतामढ़ी (The Bihar Now डेस्क)| स्थानीय ग्रामीणों के द्वारा बचाने के अथक प्रयास के बावजूद रविवार सुबह बागमती का तटबंध लगभग 100 मीटर से ज्यादा दायरे में टूट गया है. इस कारण 50 हजार से ज्यादा की आबादी को भारी तबाही का सामना करना पड़ रहा है. वहां बाढ़ से चारों ओर हाहाकार मच गया है.

जानकारी के अनुसार, रविवार की सुबह तटबंध में रिसाव शुरू हो गया. ग्रामीणों ने इसे बचाने की कोशिश की, लेकिन सफल नहीं हो सके. इस बारे में वरिष्ठ अधिकारियों को जानकारी दी गई, लेकिन बागमती परियोजना के अधिकारी और कर्मचारी रिसाव के स्थान से भाग गए.

इधर, रिसाव के कारण एक बड़ा सुराख बन गया. देखते-देखते तटबंध का लगभग पांच मीटर हिस्सा टूट गया. इसके बाद पानी का बहाव तेजी से बढ़ने लगा. जब तक समाचार लिखा गया, तब तक 100 मीटर तटबंध टूट चुका था और यह लगातार बढ़ता जा रहा था. टूटे हुए बांध की मरम्मत के लिए कोई उपाय नहीं किया जा रहा है.

नेपाल के कारण बाढ़ की स्थिति गंभीर

नेपाल से छोड़े जा रहे पानी के कारण बिहार में बाढ़ की स्थिति गंभीर होती जा रही है. रविवार को सीतामढ़ी के बेलसंड में मधकौल गांव के पास बागमती नदी के बांए तटबंध में सुराग बन गया, जिससे तटबंध टूट गया. तटबंध सौ मीटर से अधिक टूट गया है, जिससे कई गांवों में बाढ़ का पानी भर गया है. लगभग पचास हजार लोगों की जिंदगी पर खतरा बढ़ गया है. पानी की तेज धार के कारण तटबंध में कटाव भी बढ़ता जा रहा है.

बागमती का तटबंध टूटने से बाढ़ का पानी मधकौल गांव की ओर बढ़ रहा है. जब तटबंध को बचाने की कोशिश की जा रही थी, तब सभी स्थानीय अधिकारी टूटने के स्थान से चले गए. मुखिया मनोज कुमार सिंह ने बताया कि अगर परियोजना के उच्च अधिकारी प्रयास करते, तो तटबंध को बचाया जा सकता था. लेकिन विभागीय अधिकारियों ने लोगों की जान और संपत्ति की कोई परवाह नहीं की.

बड़े इलाके में फैला बाढ़ का पानी

स्थानीय मुखिया ने बताया कि डीएम को इसकी सूचना दे दी गई है. लेकिन डीएम के पहुंचने से पहले ही तटबंध टूट गया. इसके बाद बाढ़ का पानी मधकौल, जाफरपुर, बसौल, पड़राही, कंसार, बेलसंड, ओलीपुर, रूपौली जैसे गांवों में फैल गया है. तटबंध के अंदर दरियापुर और मौलानगर गांव में भी पानी प्रवेश कर गया है. बाढ़ का पानी बेलसंड तरियानी मेन रोड पर चढ़कर पूरब की ओर फैलने लगा है. इस स्थिति में लोग ऊंचे स्थानों और तटबंध पर शरण लेकर अपनी जान बचाने की कोशिश कर रहे हैं. अभी जान-माल का आंकलन नहीं हो पा रहा है.