बिजली प्रीपड स्मार्ट मीटर से लग रहा तीन गुणा ज्यादा पैसा, उपभोक्ता परेशान
Last Updated on 9 months by Nikhil
पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क)| लोगों की शिकायत है कि बिजली प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगने के बाद उन्हें तीन गुणा ज्यादा बिजली का बिल आ रहा है. रविवार को राजधानी पटना स्थित गाँधी संग्रहालय (Gandhi Sangrahalay, Patna) में आयोजित प्रीपेड स्मार्ट मीटर के खिलाफ नागरिक कन्वेंशन (Citizens Convention Against Prepaid Smart Meters in Patna) में यह बात कही गई. इस कन्वेंशन का आयोजन नागरिक सरोकारों व जनतात्रिक अधिकारों के लिए प्रतिबद्ध संस्था ‘सिटींजन्स फोरम’ ने किया.
इस नागरिक कन्वेंशन में बिजली का स्मार्ट मीटर को लेकर ‘सिटीजन्स फोरम’ (Citizens Forum) की ओर से एक पेपर प्रस्तुत किया गया जिसमें स्मार्ट मीटर लगने के बाद आम लोग द्वारा झेली जा रही परेशानियों का जिक्र किया गया.
इस पेपर के अनुसार दूसरे राज्यों की तुलना में बिजली बिल में तीन गुणा से ज्यादा भुगतान करना पड़ता है. उडीसा, केरल, गोवा आदि राज्यों में बिजली दर 2.11 रु से लेकर 2.87 रु प्रति यूनिट है, लेकिन बिहार में शहरी क्षेत्र में 6.10 रु, 6.40 रु तथा 8.40 रु लिया जाता है.
इस अवसर पर एटक के राज्य महासचिव गज़न्फर नवाब ने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रीपेड स्मार्ट मीटर के बहाने गरीब लोगों से धन वसूल कर निजी कम्पनियों को दे दिया जा रहा है.
प्रदीप मेहता ने नागरिक कन्वेंशन को संबोधित करते हुए कहा कि प्रीपेड स्मार्ट मीटर उपभोक्ता संरक्षण कानून में नियम है कि बिजली बिल महीने के बाद 15 दिनों के बाद तक जमा किया जा सकता है. लेकिन इस नियम को लागू नहीं किया जाता है.
किसान आंदोलन जैसा हो इसका विरोध
मेहता ने कहा कि किसान आंदोलन की तरह संगठित होकर इसका विरोध करना होगा. मोबाइल कम्पनी की तरह बिजली कम्पनी को बनाया जा रहा है. इस बिल का विरोध होना चाहिये.
वहीं, इस कन्वेन्शन में बिहार इलेक्ट्रीक सप्लाई वर्कर्स यूनियन के उपमहासचिव डीपी यादव ने कहा कि बिजली उद्योग से जुड़े मज़दूर भी इस लड़ाई में साथ हैं तथा 23 दिसंबर को संसद के सामने धरना देने जा हैं. पहले बिजली विभाग में जहां चालीस हजार मज़दूर थे जो आउटसोर्सिंग के बाद मात्र 14 हजार रह गए हैँ.
पूर्व नगर पार्षद बलराम चौधरी ने कहा कि यदि कोई स्वच्छा से प्रीपेड मीटर लगाएं तो ठीक है, लेकिन इसके लिए जबरदस्ती नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि ज़ब बिहार सरकार ने प्रीपड स्मार्ट मीटर की शुरुआत की थी तब पटनासिटी से आंदोलन की शुरुआत हुई. प्रीपेड मीटर बड़े पूंजीपतियों के लिए लाया गया.
चौधरी ने कहा कि अब सरकार हमारी गाढ़ी कमाई का पैसा प्रीपैड मीटर के द्वारा ले ले रही है. जहां पहले 120 वाट और 200 वाट का जलाया जाता था, अब मात्र 8 से 10 वाट का ही बल्ब जलाया जाता है फिर भी बिजली विभाग मनमानी कर 8.05 रु के दर से बिजली बिल लिया जा रहा है.
प्रीपेड मीटर के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान चलाने वाले अखिलेश कुमार ने नागरिक कन्वेंशन में अपनी राय प्रकट करते हुए कहा कि हमने दो हजार लोगों का हस्ताक्षर भेजा था. यदि हर गली मुहल्ले में लोगों को इसके लिए जागरूक कर दिया जाए, तो सरकार को जगाया जा सकता है.
अध्यक्ष मंडल की ओर अनिल कुमार राय ने कहा कि सड़कों के संघर्ष का कोई विकल्प नहीं है. जब तक सड़कों पर किसी चीज का विरोध नहीं होता है, सत्ता बेलगाम हो जाती है. हमारी सरकार पूंजीवाद के मैनेजर की तरह काम करती है.
इस नागरिक कन्वेंशन में पटना शहर के आम नागरिकों के अलावा विभिन्न जन संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद थे. कन्वेंशन का संचालन पांच सदस्यों वाली अध्यक्ष मंडल ने किया. अध्यक्ष मंडल में अनिल कुमार राय, प्रीति सिन्हा, मनोज कुमार चंद्रवंशी, संजय श्याम और मणिलाल शामिल थे.