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देशभर में 11 अप्रैल को मनाई जाएगी ईद-उल-फितर: शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी

नई दिल्ली / पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क)| ईद-उल-फितर, जो रमज़ान के उपवास महीने की समाप्ति का प्रतीक है, गुरुवार 11 अप्रैल को देश भर में मनाया जाएगा. इसकी घोषणा दिल्ली की जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने की.

शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने कहा, “आज चांद नहीं दिखा, इसलिए देशभर में 11 अप्रैल को ईद का त्योहार मनाया जाएगा.” बता दें, ईद मनाने की आधिकारिक पुष्टि रमजान की आखिरी रात को अर्धचंद्र के दिखने पर निर्भर करती है. यह परंपरा इस्लाम में चंद्र कैलेंडर के महत्व पर जोर देती है.

देश की राजधानी दिल्ली और पूरे देश के किसी भी हिस्से में चांद आज मंगलवार को नहीं दिखाई दिया. इसके चलते अब ईद का त्योहार बुधवार नहीं बल्कि गुरुवार को मनाया जाएगा. ऐसे में बुधवार को 11 मार्च को शुरू हुआ रमजान (Ramdan 2024) के महीने का आखिरी यानी 30वां रोजा होगा.

ईद-उल-फितर की सटीक तारीख इस्लामी चंद्र कैलेंडर द्वारा निर्धारित की जाती है, जो अर्धचंद्र के दिखने पर आधारित है. जबकि ग्रेगोरियन कैलेंडर 365 दिनों के सौर वर्ष का अनुसरण करता है, इस्लामी कैलेंडर में 29 या 30 दिनों के 12 महीने होते हैं, जो एक वर्ष में कुल 354 या 355 दिन होते हैं. परिणामस्वरूप, ग्रेगोरियन कैलेंडर के संबंध में ईद-उल-फितर की तारीख हर साल लगभग 10-12 दिनों तक बदल जाती है.

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

इस्लामी परंपरा में ईद-उल-फितर उन लोगों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है जो तपस्या और आध्यात्मिक शांति की भावना चाहते हैं. यह इस्लामिक चंद्र कैलेंडर के नौवें महीने रमजान के पूरा होने का प्रतीक है. वे इस पूरे समय अल्लाह की पूजा करते हैं और उनके प्रति समर्पित रहते हैं. इस साल रमज़ान 11 मार्च को शुरू हुआ और 11 अप्रैल को समाप्त होगा.

ईद का महत्व

दुनिया भर के सभी मुसलमानों के लिए यह एक अत्यंत अर्थपूर्ण दिन है. ईद-उल-फितर का जश्न रमज़ान-ए-पाक महीने के अंत का प्रतीक है. इस्लामिक कैलेंडर में कहा गया है कि ईद उल फितर का त्योहार हर साल शव्वाल 10 के पहले दिन मनाया जाता है. इस दिन लोग बधाई देने और स्नेह का आदान-प्रदान करने के लिए एक-दूसरे के घर जाते हैं. इस दिन, युवाओं को ईद के तोहफे मिलते हैं और नई पोशाकें पहनी जाती हैं. घर में तरह-तरह के व्यंजन बनाए जाते हैं. इस दिन मीठी सेवइयां बनाई जाती हैं. इस दिन लोग जल्दी उठते हैं, मस्जिद जाते हैं, नमाज़ पढ़ते हैं और सभी से गले मिलते हैं. इस दिन गरीबों की मदद की जाती है और फितरा भी दिया जाता है.

इसके बाद लोग एक-दूसरे को गले लगाते हैं और ईद की शुभकामनाएं देते हैं. प्रत्येक मित्र और रिश्तेदार एक-दूसरे से मिलने आते हैं. हर किसी के घर में विभिन्न प्रकार के मीठे खाद्य पदार्थ बनाने की प्रथा है, विशेषकर सेंवई. घर पर मेहमानों को मीठी सेवइयां या सेवइयां खिलाई जाती हैं. ईदी परिवार के सदस्यों और दोस्तों के बीच बांटी जाति है. ईद उल फितर की सुबह लोग नए कपड़े पहनते हैं, नमाज़ अदा करते हैं और विश्व शांति के लिए प्रार्थना करते हैं. ईद-उल-फितर के मौके पर लोग अल्लाह का शुक्रिया अदा करते हैं क्योंकि वह उन्हें पूरे महीने रोजा रखने की ताकत देता है. ईद पर, ज़कात – एक निर्धारित राशि – वंचितों और निराश्रितों के लिए एकत्र की जाती है.

2024 में ईद उल फितर पर करने योग्य बातें:

ईद के दिन नमाज जरूर पढ़नी चाहिए. ऐसा कहा जाता है कि इस दिन नमाज पढ़ने से अल्लाह आप पर अपनी रहमत बरसाते हैं और रमजान के महीने में आपके सभी गुनाहों को माफ कर देते हैं.

ईद के दिन दान और जकात का विशेष महत्व बताया जाता है. इस दिन किए गए दान का आपको कई गुना लाभ मिलता है.

इस ईद पर सभी के साथ प्रेम और शांति से पेश आने की प्रथा है; इसे सामाजिक और धार्मिक दोनों दृष्टिकोण से अत्यधिक लाभकारी माना जाता है.

इस उत्सव पर मनुष्य और पशु दोनों को भोजन दान करना उचित है. ऐसा करने से अल्लाह खुश होते हैं और उनकी दुआएं आपको मिलती हैं.

ईद त्योहार के दौरान प्रेम और भाईचारे का संदेश दिया जाता है. इस प्रकार, यदि आप अपने प्रियजनों से परेशान हैं तो आपको इस दिन से शुरुआत करनी चाहिए और सब कुछ भूल जाना चाहिए.