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राज्य में बाढ़ से तबाही; एक दिन में 10 से ज्यादा लोगों की डूबने से गई जान

पटना (The Bihar Now डेस्क)| राज्य में बाढ़ ने व्यापक तबाही का मंजर उत्पन्न कर दिया है. अनेक स्थानों पर सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं, जबकि रेल मार्ग भी बाधित हो चुके हैं. मंदिरों में जलभराव हो गया है और श्मशान घाट तथा कब्रिस्तान भी जलमग्न हैं. इन परिस्थितियों के चलते बाढ़ से प्रभावित लोगों में गहरा आक्रोश व्याप्त है. बाढ़ के कारण रविवार को 10 से अधिक लोगों की जान चली गई. इसके परिणामस्वरूप 500 से अधिक सरकारी स्कूल बंद कर दिए गए हैं और कॉलेजों में निर्धारित परीक्षाएं भी रद्द कर दी गई हैं.

गंगा नदी के तट पर स्थित मुंगेर, लखीसराय, कटिहार, भागलपुर और सीमांचल-पूर्व बिहार के अन्य जिलों में बाढ़ ने व्यापक तबाही मचाई है. शहरी क्षेत्रों में नावें चल रही हैं, जबकि मंदिर, श्मशान घाट और कब्रगाह तक जलमग्न हो चुके हैं. राष्ट्रीय राजमार्ग-80 पर पानी का तेज बहाव जारी है, जिसके कारण कई क्षेत्रों का मुख्यालय से संपर्क टूट गया है.

10 से अधिक लोगों की मौत

जमालपुर-भागलपुर रेलवे मार्ग पर पटरी और पुल के निकट गंगा का पानी आने के कारण कई ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है, जबकि कई अन्य का मार्ग बदल दिया गया है. लोग अपने-अपने घरों में जल कैदियों की तरह रह गए हैं. रविवार को इन जिलों में बाढ़ के पानी में डूबने से 10 से अधिक लोगों की मौत होने की सूचना प्राप्त हुई है.

सैकड़ों स्कूल बंद

बाढ़ से प्रभावित जिलों के विभिन्न गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश करने के परिणामस्वरूप विद्यालय प्रबंधन द्वारा भेजी गई रिपोर्ट के आधार पर लगभग 500 सरकारी विद्यालयों को बंद कर दिया गया है. मुंगेर विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले पांच जिलों में बाढ़ के कारण उत्पन्न परेशानियों को देखते हुए स्नातक सत्र की परीक्षाओं को अगले आदेश तक के लिए स्थगित कर दिया गया है. बाढ़ पीड़ित लोग ऊँचे स्थानों पर शरण ले चुके हैं, लेकिन वे रूखा-सूखा भोजन खाकर जीवन व्यतीत कर रहे हैं और उनके घरों में चूल्हा भी नहीं जल रहा है.

प्रशासनिक स्तर पर मुकम्मल व्यवस्था का दावा तो किया जा रहा है, लेकिन यह बाढ़ पीड़ितों के लिए नाकाफी साबित हो रहा है. रविवार को बाढ़ प्रभावित जिलों में पीड़ितों के बीच आक्रोश देखा गया, जिसके फलस्वरूप जगह-जगह सड़कें जाम कर लोगों ने विरोध-प्रदर्शन किया.

बाढ़ की चपेट में मुंगेर के 6 प्रखंड

मुंगेर जिले के छह प्रखंड, जिनमें मुंगेर सदर, बरियारपुर, जमालपुर, धरहरा, हवेली खड़गपुर और असरगंज शामिल हैं, बाढ़ से गंभीर रूप से प्रभावित हैं. यहाँ के 32 पंचायतें प्रशासनिक आंकड़ों के अनुसार बाढ़ की चपेट में हैं, जबकि वास्तविकता में मुंगेर में 40 से अधिक पंचायतें बाढ़ से ग्रस्त हैं.

रविवार को, विजयनगर गांव के बाढ़ पीड़ितों ने सड़क जाम कर अपने सांसद का पुतला जलाया. इसी दौरान गांधीपुर में सड़क पर जाम के कारण उपायुक्त (डीएम) और पुलिस अधीक्षक (एसपी) दोनों फंस गए. अंततः, बाढ़ प्रभावित लोगों को पॉलीथिन और सूखे राशन देने के आश्वासन के बाद जाम को हटा दिया गया. जमालपुर प्रखंड के विजयनगर तीन बटिया चौक पर रविवार सुबह 9 बजे बाढ़ पीड़ितों ने राहत की मांग को लेकर सड़क जाम कर दिया. आक्रोशित जन समूह ने मुंगेर के सांसद के खिलाफ नारेबाजी करते हुए उनका पुतला दहन किया.

लखीसराय और कटिहार में भी बाढ़

लखीसराय में गंगा और हरूहर नदियों के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है, जिसके परिणामस्वरूप लोग अपने घरों में कैद होकर रह गए हैं. जिले के पांच नए गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर चुका है. कटिहार के मनिहारी प्रखंड की धुरियाही पंचायत सहित कई अन्य पंचायतों में बाढ़ का पानी फैल गया है. यहां की नदियां खतरे के स्तर से ऊपर बह रही हैं, जिससे स्थिति गंभीर होती जा रही है.

भागलपुर में भी घुसा पानी

भागलपुर के शहरी क्षेत्रों में जल स्तर निरंतर बढ़ता जा रहा है. बूढ़ानाथ मंदिर के समीप स्थित काली मंदिर, बरारी का सीढ़ी घाट तथा मंदिर का परिसर जलमग्न हो चुका है. बाढ़ का पानी काफी ऊँचाई तक पहुँच गया है, जिससे श्मशान भी प्रभावित हुए हैं. इस स्थिति के कारण लोग अपने प्रियजनों का दाह संस्कार करने के लिए मजबूर हैं और उन्हें यह कार्य अत्यंत कठिनाइयों के साथ करना पड़ रहा है.

बाढ़ का पानी नवगछिया, सैदपुर, तिनटंगा करारी पीडब्ल्यूडी सड़क पर कई स्थानों पर ओवरफ्लो हो गया है, जिससे इस क्षेत्र की लाइफलाइन मानी जाने वाली सड़क के क्षतिग्रस्त होने के कारण यातायात पूरी तरह से बाधित हो गया है. इस गंभीर स्थिति ने स्थानीय निवासियों के लिए अनेक चुनौतियाँ उत्पन्न कर दी हैं.

कहलगांव शहर में बाढ़ का पानी

गंगा के जलस्तर में निरंतर वृद्धि के कारण कहलगांव शहर सहित प्रखंड के कई पंचायतों में हजारों घरों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. पूरे प्रखंड में त्राहिमाम की स्थिति उत्पन्न हो गई है. अकबरनगर के श्रीरामपुर रिंग बांध में रविवार को आई दरार के कारण श्रीरामपुर गांव पूरी तरह जलमग्न हो गया. जैसे ही गांव में पानी प्रवेश किया, वहां अफरातफरी का माहौल बन गया.

तिलकपुर पंचायत के अनेक घरों में पानी की ऊंचाई पांच फीट तक पहुंच गई है. बाढ़ ने ऐसी विनाशकारी स्थिति उत्पन्न की है कि शवों का अंतिम संस्कार करने के लिए भी कब्रगाह और श्मशान घाट जलमग्न हो चुके हैं. मृत्यु के बाद दाह संस्कार और मिट्टी देने में परिजनों को काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है.

जमालपुर-भागलपुर के बीच रेल संपर्क भंग

मालदा रेल मंडल के साहिबगंज लूप लाइन पर स्थित बरियारपुर और सुल्तानगंज रेलवे स्टेशनों के बीच रेलवे ट्रैक पर बाढ़ का पानी पहुँच जाने के कारण शनिवार रात से जमालपुर और भागलपुर के बीच रेल परिचालन सुरक्षा कारणों से बाधित कर दिया गया है. इससे पूर्व, वर्ष 2001 में भी बाढ़ के कारण जमालपुर-भागलपुर रेलखंड पर 5 से 6 दिनों तक रेल सेवाएं प्रभावित हुई थीं.

रविवार की शाम को मालदा मुख्यालय द्वारा जारी नोटिफिकेशन में यह जानकारी दी गई कि सोमवार को जमालपुर से होकर गुजरने वाली 10 जोड़ी ट्रेनें रद्द रहेंगी, जबकि 12 जोड़ी ट्रेनें वैकल्पिक मार्ग से संचालित की जाएंगी.