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पप्पू यादव ने की पूर्णिया में Patna High Court के बेंच की स्थापना की मांग

नई दिल्ली / पूर्णिया (The Bihar Now डेस्क)| शुक्रवार को लोकसभा में प्रश्नकाल (Question Hour in Lok Sabha) के दौरान पूर्णिया लोकसभा के सांसद राजेश रंजन उर्फ़ पप्पू यादव (Purnia Lok Sabha MP Rajesh Ranjan alias Pappu Yadav) ने केंद्र सरकार से पूर्णिया में पटना हाईकोर्ट के बेंच की स्थापना की मांग (Demand for establishment of Patna High Court bench in Purnia) की.

पप्पू यादव ने प्रश्न काल के दौरान पूछा कि क्या पटना हाईकोर्ट की कोई बेंच बिहार के भागलपुर जिले में कार्यरत है, यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है और यदि नहीं, तो इसके क्या कारण हैं?

उन्होंने पूछा कि क्या सरकार का पटना पहुंचने के लिए लंबी दूरी की यात्रा करने में मुकदमेबाजों को होने वाली असुविधा और बिहार में बड़ी संख्या में मामले लंबित होने के दृष्टिगत, कोसी-सीमांचल क्षेत्र के भागलपुर और पूर्णिया में पटना उच्च न्यायालय के बेंच की स्थापना करने का विचार है? यदि हां, तो उक्त प्रस्ताव की समयावधि क्या है? यदि नहीं, तो इसके क्या कारण हैं?

उन्होंने कहा कि पहले भी मैंने तत्कालीन विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद (Ravi Shankar Prasad) को लंबी चिट्ठी लिखकर इसके लिए आग्रह किया था. लॉ कमिशन की 125वीं रिपोर्ट (125th report of Law Commission) देख लीजिए.

उन्होंने कहा कि वर्तमान में महाराष्ट्र में दो, मध्य प्रदेश में तीन, उत्तर प्रदेश में दो, हाईकोर्ट की बेंच हैं, जबकि बिहार में चार बेंच होनी चाहिए. बिहार में एक पटना हाईकोर्ट है, जिसमें अभी तक लगभग 2,37,000 केस पेंडिंग हैं.

हाईकोर्ट की बेंच आज से लम्बित नहीं

पप्पू यादव ने कहा कि पूर्णिया में हाईकोर्ट की बेंच का खुलना आज से लम्बित नहीं है. कोसी, सीमांचल, मिथिलांचल, भागलपुर का जो इलाका है, वहां सबसे ज्यादा गरीब लोग है. वे पटना नहीं आ सकते हैं, क्योंकि वहां से पटना की बहुत दूरी है. इसके कारण उन्हें न्याय नहीं मिल पाता है. इसलिए हम पूर्णिया में हाईकोर्ट की एक बेंच की स्थापना की मांग करते हैं.

नई बेंच के लिए कुछ प्रक्रियाएं – विधि मंत्री

पप्पू यादव के सवाल के जवाब में विधि मंत्री अर्जुन राम मेघवाल (Law Minister Arjun Ram Meghwal) ने कहा कि जसवंत सिंह कमीशन (Jaswant Singh Commission) की रिकमेंडेशन्स और सुप्रीम कोर्ट के निर्णय ने कुछ प्रक्रियाएं तय कर दी है. उस प्रक्रिया के तहत नई बेंच स्थापित करने के विषय में संबंधित राज्य सरकार और हाईकोर्ट सभी पहलुओं पर विचार करके आपसी सहमति बनाएंगे. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस, राज्य के मुख्य मंत्री और फिर गवर्नर – इन सबकी की सहमति बनने के बाद ऐसा कोई प्रस्ताव आएगा तो सरकार विचार करेगी. फिलहाल केंद्र सरकार के पास बिहार से अभी ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं आया है.

प्रीपेड मीटर की अनियमितता पर भी गम्भीर सवाल

इसके अलावा उन्होंने पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र में हो रहे कम बिजली आपूर्ति और बिजली के प्रीपेड मीटर की अनियमितता पर भी गम्भीर सवाल खड़े किये. उन्होंने कहा कि पूर्णिया की अधिकांश जनता गरीब है. प्रीपेड मीटर के नाम पर उनका शोषण हो रहा है.

स्मार्ट मीटर का आतंक

उन्होंने कहा कि पूर्णिया के साथ कटिहार, अररिया और किशनगंज में स्मार्ट मीटर का आतंक है. स्मार्ट मीटर की रीडिंग और रिचार्ज नहीं होने पर जिस तरह से बिजली काट दी जा रही है, वह बेहद गलत है. यूं कहें कि इससे मिडिल क्लास और गरीब लोगों का शोषण हो रहा है. इसलिए स्मार्ट मीटर के रीडिंग की जांच अत्यंत आवश्यक है.

उन्होंने पूर्णिया क्षेत्र अंतर्गत कटिहार जिला में आने वाले कोढ़ा में विद्युत परियोजना के लिए अधिग्रहित जमीन पर बिजली ग्रेड स्थापित करने का कार्य किया जाए. उन्होंने कहा कि आज सबसे ज्यादा बिजली की कटौती हमारे लोकसभा क्षेत्र पूर्णिया और बगल के कटिहार में हो रहा है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने सरकार से वन नेशन-वन टैरिफ की मांग करते हैं.

(इनपुट-एजेंसी)