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बाढ़ से मची तबाही, दरभंगा-सीतामढ़ी में तटबंधों में दरार

पटना / दरभंगा / सीतामढ़ी (The Bihar Now डेस्क)| दरभंगा और सीतामढ़ी में बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है. तटबंधों में दरारें आ गई हैं, जिससे पानी आसपास के क्षेत्रों में तेजी से फैल रहा है. इससे स्थानीय लोगों में चिंता और डर का माहौल है. सरकार और संबंधित विभाग राहत कार्य में जुटे हैं, लेकिन स्थिति गंभीर बनी हुई है. लोग सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए मजबूर हो रहे हैं.

सोमवार को दरभंगा में कोसी नदी और सीतामढ़ी में बागमती नदी के तटबंधों में नई दरारें आने के बाद राज्य के कई हिस्सों में बाढ़ की स्थिति और खराब हो गई है. अधिकारियों के अनुसार, रात भर हुई बारिश के बाद उफनती कोसी नदी ने किरतपुर प्रखंड के पास अपने तटबंध तोड़ दिए, जिससे किरतपुर और घनश्यामपुर प्रखंड के एक दर्जन से अधिक गांव प्रभावित हुए हैं.

वहीं, सीतामढ़ी जिले के रुन्नीसैदपुर प्रखंड के रूपौली गांव के पास बागमती नदी के तटबंध टूटने से वहां पानी का रिसाव होने लगा है. इस बीच, शिवहर जिले के तरियानी छपरा गांव के पास रविवार की शाम बागमती के पश्चिमी तटबंध टूटने से तरियानी छपरा सहित आसपास के गांवों में पानी भर गया है.

बागमती नदी के तटबंध में आई दरार

इससे पहले, रविवार को सीतामढ़ी के मधकौल गांव में बागमती नदी के तटबंध में दरार आ गई. पश्चिम चंपारण में गंडक नदी के बाएं तटबंध में पानी का अत्यधिक दबाव होने के कारण नुकसान हुआ, जिससे बाढ़ का पानी वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में घुस गया.

बिहार के जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने सोमवार को पीटीआई-भाषा से कहा, “घबराने की कोई बात नहीं है… स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है. जल संसाधन विभाग और राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारी सतर्क हैं और चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं. अब तक राज्य के विभिन्न हिस्सों से तटबंधों में दरार की कुल छह घटनाएं सामने आई हैं. इनमें से कुछ की मरम्मत हो चुकी है और कुछ जगहों पर मरम्मत का काम चल रहा है.”

मंत्री ने यह भी बताया, “रविवार को दरभंगा के वाल्मीकि नगर और किरतपुर से भी तटबंधों पर पानी बहने की जानकारी मिली थी. लेकिन अब नदियों का जलस्तर कम हो रहा है… बाढ़ के कारण बिहार में अब तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं है.”

एनडीआरएफ 6 टीमें तैनात

राज्य आपदा प्रबंधन विभाग ने सोमवार को एक बुलेटिन जारी करते हुए बताया कि “उत्तर बिहार में स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, उत्तर प्रदेश के वाराणसी और झारखंड के रांची से राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीआरएफ) की छह अतिरिक्त टीमें बुलाई गई हैं. यह एनडीआरएफ की 12 टीमों और राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीआरएफ) की 22 टीमों के अलावा है, जो अब बाढ़ प्रभावित जिलों में राहत और बचाव कार्य कर रही हैं.”

अधिकारियों ने कहा कि छोटी नदियों में जलस्तर घटने के बावजूद, बाढ़ से प्रभावित 16 लाख से अधिक लोगों के लिए स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है.

बाढ़ की चेतावनी जारी

बिहार सरकार ने शनिवार और रविवार को वीरपुर और वाल्मीकि नगर बैराज से बड़ी मात्रा में पानी छोड़े जाने के बाद राज्य के उत्तरी, दक्षिणी और मध्य हिस्सों में बाढ़ की चेतावनी जारी की है. गंडक और कोसी नदियों पर स्थित वाल्मीकि नगर और वीरपुर बैराज पर पानी का दबाव सोमवार को कम हुआ, जिससे पानी का बहाव भी घट गया.

रविवार को वाल्मीकि नगर बैराज से 5.62 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था, जो सोमवार को सुबह आठ बजे तक घटकर 1.89 लाख क्यूसेक हो गया. इसी तरह, वीरपुर बैराज से रविवार को 6.61 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था, जो सोमवार को सुबह आठ बजे तक 2.88 लाख क्यूसेक रह गया.

राज्य के बाढ़ से प्रभावित जिलों में पश्चिमी और पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, शिवहर, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, सीवान, सारण, वैशाली, पटना, जहानाबाद, मधुबनी, अररिया, पूर्णिया, कटिहार और भोजपुर शामिल हैं.