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“दिव्य कोरोनिल” घिरी विवादों में; प्रचार प्रसार पर रोक

नई दिल्ली/पटना (TBN रिपोर्ट) | मंगलवार को बाबा रामदेव के पतंजलि द्वारा लॉन्च किया गया कोरोना वायरस के लिए दवा “कोरोनिल” विवादों में घिर गई है. बुधवार को बाबा रामदेव की इस दवा को एक और बड़ा झटका लगा है. जैसा कि मालूम है, मंगलवार को इस दवा को लांच किए जाने के बाद इसके प्रचार प्रसार पर भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने रोक लगा दी थी.

बुधवार को उत्तराखंड की आयुर्वेद ड्रग्स लाइसेंस अथॉरिटी ने भी बाबा की इस दवा पर सवाल उठाया है. समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, आयुर्वेद ड्रग्स लाइसेंस अथॉरिटी के उपनिदेशक यतेंद्र सिंह रावत ने बताया है कि पतंजलि को इम्युनिटी बूस्टर और खांसी-जुकाम की दवा के लिए लाइसेंस जारी किया गया था न कि कोरोना की दवा के लिए. उन्होंने बताया कि उन्हें मीडिया के माध्यम से ही पता चला कि पतंजलि द्वारा “कोरोनिल” नामक कोरोना की किसी दवा का दावा किया जा रहा है.

विभाग की ओर से पतंजलि को नोटिस जारी

आयुर्वेद ड्रग्स लाइसेंस अथॉरिटी के उपनिदेशक रावत के मुताबिक भारत सरकार का निर्देश है कि कोई भी आदमी या कंपनी कोरोना के नाम पर दवा बनाकर उसका प्रचार-प्रसार नहीं कर सकता. ऐसा तभी किया जा सकता है जब आयुष मंत्रालय की तरफ से दवा को वैधता मिल जाए. उन्होंने कहा कि विभाग की ओर से फिलहाल पतंजलि को इस बावत नोटिस जारी किया गया है.

जैसा की मालूम है, योग गुरु बाबा रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद ने मंगलवार (23 जून) को बाजार में ‘दिव्‍य कोरोनिल टैबलेट’ (Divya Coronil Tablet) नाम से एक टैबलेट उतारी थी. उनका दावा था कि यह टैबलेट कोविड-19 के इलाज में शत-प्रतिशत कारगर है.

बुधवार 24 जून को इस मुद्दे पर आयुष मंत्री श्रीपद नाइक ने कहा कि यह अच्छी बात है कि बाबा रामदेव ने देश को एक नई दवा दी है, लेकिन नियमानुसार जांच के लिए इस दवा को पहले उसे आयुष मंत्रालय में आना होगा. उन्होंने बताया कि पतंजलि की ओर से एक रिपोर्ट आई है जिसे देखने के बाद अनुमति दी जाएगी.

जांच-पड़ताल होने तक प्रचार पर रोक

कोरोना की इस दवा के लॉन्च होने के बाद आयुष मंत्रालय ने कहा था कि कंपनी (पतंजलि आयुर्वेद) को ‘दिव्‍य कोरोनिल टैबलेट’ नामक इस दवा में मौजूद विभिन्न जड़ी-बूटियों की मात्रा एवं इससे संबंधित अन्य ब्योरा जल्द से जल्द उपलब्ध कराना होगा. साथ ही पतंजलि को आदेश दिया गया है कि जांच-पड़ताल होने तक कंपनी इस दवा का कोई प्रचार प्रसार न करें.

बताते चलें, आयुष मंत्रालय ने इस दवा के तथ्य और बताये जा रहे वैज्ञानिक अध्ययन के ब्योरे के बारे में अपनी अनभिज्ञता दिखाई थी. विभाग ने पतंजलि आयुर्वेद को दवा के नमूने के आकार, स्थान एवं उन अस्पतालों का ब्योरा देने को कहा गया था, जहां कोरोना से संबंधित अनुसंधान अध्ययन किया गया. साथ ही, विभाग ने पतंजलि को संस्थागत नैतिकता समिति की मंजूरी भी दिखाने को कहा है.