बिहार के पहले जू-सफारी का सीएम ने किया उद्घाटन, अब पर्यटक कर सकेंगे भ्रमण

पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क)| राजगीर में राज्य के पहले जू सफारी (Wild Animal Safari at Rajgir, Bihar) का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को फीता काटकर उद्घाटन किया. 480 एकड़ क्षेत्रफल में फैले इस सफारी के निर्माण में 176 करोड़ रुपये का खर्च आया है. आज से यह आम जनता के लिए खोल दिया गया जिससे पर्यटक यहां आकर जू सफारी का भ्रमण कर सकेंगे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस सफारी को बनाने में गुणवत्ता एवं उच्चस्तरीय पर्यटक सुविधाओं का पूरा ध्यान रखा गया है. इस प्रकार की सफारी देश में 1-2 जगह पर ही उपलब्ध है. इस सफारी में टिकट विंडों, कंट्रोल रुम, इटरप्रेटेशन सेंटर, 180 डिग्री थियेटर, ओरिएंटेशन हॉल आदि उपलब्ध हैं. इस जू सफारी का शिलान्यास 2016 में किया गया था.
यहां पर्यटकों के लिए फोटो एवं सेल्फी प्वाइंट भी बनाया गया है. पर्यटकों की सुविधा एवं सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सभी जरुरी काम किये गये हैं. बाघ, शेर, भालू, तेंदुआ और हिरण को यहां रखने का निर्णय हुआ है.
इस सफारी में फिलहाल 2 बाघ, 7 शेर, 2 तेंदुआ, 2 भालू एवं 200 के करीब की संख्या में हिरण हैं. इन सब जानवरों उनके प्राकृतिक वातावरण में नजदीक से देखने के लिए 20 सुरक्षित सफारी बस खरीदे गये हैं. एक सफारी बस में 22 पर्यटक बैठकर एक साथ सफारी का भ्रमण कर सकते हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि जू सफारी बनाने का मकसद यह है कि यहां जानवर खुले में विचरण कर सकें और देखने वाले वाहन में बैठकर इसका आनंद लें सकें.
इस सफारी में हिरणों को, जो यहां पहले से थे, हर्बीवोरस सफारी में रखा गया है. जानवरों के लिए पाँच अलग-अलग बड़े इन्क्लोजर (बाड़े) बनाए गए हैं जिनमें पर्यटक सुरक्षित वाहनों में बैठकर जंगली जानवरों को उनके प्राकृतिक वातावरण में नजदीक से देख सकेंगे.
इस जू सफारी में हर्बीवोरस सफारी, लेपर्ड सफारी, टाइगर सफारी सहित पांचों जगहों पर इंट्री प्वाइंट बनाया है. जू सफारी के भ्रमण में करीब डेढ़ घंटे का समय लगेगा. अब पर्यटक यहां आकर जू सफारी का भ्रमण कर सकेंगे. यहां जो खाली जगह है, वहां वृक्षारोपण कराया जायेगा.
नीतीश कुमार ने बताया कि इस जू सफारी में जाने के लिए सोन भंडार और जरासंध के अखाड़े को पार करना पड़ता है. यहां का ग्लास स्काई वॉक (Glass Sky Walk) भी काफी लोकप्रिय हो गया है जो देश में और कहीं नहीं है.
मुख्यमंत्री ने बताया कि घोड़ाकटोरा में ईको टूरिज्म को बढ़ावा दिया गया है. वहां भगवान बुद्ध की प्रतिमा लगवायी गई है. घोड़ाकटोरा प्रांगण में पर्यटकों के आवागमन हेतु ई-रिक्शा का परिचालन कराया गया है. इसके लिए यहां के टमटम चालकों को निःशुल्क ई-रिक्शा मुहैया कराया गया. यहां पार्क का भी निर्माण कराया गया है. वेणुवन में भगवान बुद्ध रहा करते थे, जिसे विकसित एवं विस्तारित किया गया है ताकि नई पीढ़ी के लोग यहां आकर इससे अवगत हो सकें. पांडू पोखर का भी सौंदर्याकरण किया गया है. यहां जो पंच पहाड़ी है उसका संरक्षण किया जा रहा है एवं यहां पर पौधारोपण का कार्य भी कराया गया है.