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वाल्मीकिनगर: मुख्यमंत्री ने किया बोट सफारी का लोकार्पण

वाल्मीकिनगर / पश्चिमी चंपारण (TBN – The Bihar Now डेस्क)| मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar Chief Minister) ने मंगलवार को वाल्मीकिनगर में पुरानी त्रिवेणी नहर में विकसित किये गए बोट सफारी (Boat Safari at Valmikinagar, West Champaran) का फीता काटकर लोकार्पण किया. इस सफारी को जल-जीवन-हरियाली अभियान (Jal Jeevan Hariyali Programme) के तहत विकसित किया गया है.

पर्यटकों को बोट सफारी समर्पित करने के बाद मुख्यमंत्री ने बोट सफारी के अंतर्गत नौकायान कर पुरानी त्रिवेणी नहर का मुआयना भी किया. मुआयना के क्रम में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि पुरानी त्रिवेणी नहर में बोट सफारी की शुरुआत हुई है इसलिए इसके पानी के फ्लो को भी ध्यान में रखना होगा.

मुख्यमंत्री ने पुरानी त्रिवेणी नहर (डेड कैनाल) के पहले एवं अंतिम छोर पर जाकर वहां का निरीक्षण भी किया. इस दौरान मुख्यमंत्री ने डेड कैनाल के आखिरी छोर (एंड पॉइंट) को दोन कैनाल से जोड़ने का निर्देश दिया ताकि बोट सफारी हेतु डेड कैनाल में जलस्तर मेंटेन रहे. वही डेड कैनाल के प्रारंभिक छोर (स्टार्ट पॉइंट) को सड़क के नीचे से गंडक नदी से जोड़ दें ताकि पानी का फ्लो होता रहे.

मुख्यमंत्री ने वाल्मीकिनगर में गंडक नदी के तट पर प्रस्तावित वाल्मीकि सभागार के लिए चिन्हित भूमि का निरीक्षण किया. निरीक्षण के क्रम में मुख्यमंत्री ने वाल्मीकि सभागार के मास्टर प्लान, लोकेशन मैप, गेस्ट हाउस, फ्लोर प्लान का अवलोकन कर वाल्मीकि सभागार तक आवागमन हेतु लिंक पथ, पार्किंग, सिक्योरिटी बैरक, प्रवेश एवं निकास द्वार के संबंध में अधिकारियों से विस्तृत जानकारी ली.

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निरीक्षण के क्रम में अधिकारियों को निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह जंगल का इलाका है, जिसे ध्यान में रखते हुए वाल्मीकि सभागार की चहारदीवारी की ऊंचाई सुनिश्चित होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि यह स्थल महर्षि वाल्मीकि के नाम पर है, जिस प्रकार गया में भगवान बुद्ध के नाम पर महाबोधि सांस्कृतिक केंद्र का निर्माण कराया गया है, ठीक उसी प्रकार यहां निर्मित होनेवाले 102 कमरों के सभागार का नामकरण वाल्मिकी सभागार किया गया है. इसके खुले हिस्से में वृक्षारोपण भी किया जाएगा.

इसके बाद मुख्यमंत्री ने वाल्मीकिनगर स्थित पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के सभागार में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में शामिल हुये.

मंत्रिपरिषद की बैठक में शामिल होने के बाद मुख्यमंत्री ने पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के सभागार प्रांगण में स्वास्थ्य, जिला औद्योगिक नवप्रवर्तन योजना, स्टार्टअप ज़ोन, चनपटिया, जीविका, वाल्मीकि व्याघ्र आरक्ष आदि द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन किया. प्रदर्शनी अवलोकन के क्रम में मुख्यमंत्री ने सतत् जीविकोपार्जन योजना अंतर्गत जीविका समूहों के 1,506 लाभार्थियों को 2 करोड़ 40 लाख रुपये का सांकेतिक चेक प्रदान किया. उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक बेतिया क्षेत्र के सौजन्य से 4,500 जीविका स्वयं सहायता समूहों को वित्त पोषण हेतु मुख्यमंत्री द्वारा चेक सौंपा गया.

मुख्यमंत्री ने मंगलवार को बाल्मीकि व्याघ्र आरक्ष (Valmikinagar Tiger Reserve) का भ्रमण किया. भ्रमण के दौरान मुख्यमंत्री ने जटाशंकर मंदिर (Jatashankar Mandir) एवं कौलेश्वर धाम मंदिर (Kauleshwar Dham Mandir) का दर्शन एवं परिक्रमा कर राज्य की सुख, शांति, समृद्धि के लिए ईश्वर से प्रार्थना की. कौलेश्वर धाम मंदिर के पास गंडक नदी रिवर फ्रंट का मुख्यमंत्री ने निरीक्षण कर उसके आस-पास के इलाकों को और अधिक विकसित एवं सौन्दर्यीकृत करने का निर्देश दिया.

पत्रकारों से की बातचीत

निरीक्षण के पश्चात् पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि गंडक नदी के जिस प्वाइंट पर त्रिवेणी नहर निकलती है और जहां इसका इण्ड प्वाइंट है वहां भी जाएंगे. 50 वर्ष पहले से इसका इरिगेशन के लिये उपयोग होता था, बाद में यह बंद हो गया. अधिक वर्षापात के कारण इसमें पानी रहता है, इसे देखते हुए इसकी शुरुआत कराई गयी है, यह ठीक है. पर्यटक भी इसका लाभ उठायेंगे.

उन्होंने बताया कि हमलोगों ने यहां ईको टूरिज्म की शुरुआत कराई है. ईको टूरिज्म को बढावा देने के लिये यह भी एक कदम है. यहां टूरिस्ट आयेंगे, उनके रहने के इंतजाम के साथ ही सारी व्यवस्थायें की जा रही है. विभिन्न जगहों से आकर लोग यहां रूक सकते हैं, किसी प्रकार की मीटिंग कर सकते हैं. परिवारवाले लोग भी यहां आयेंगे. अभी भी टूरिस्ट के रूकने के लिये यहां इंतजाम है. कुछ लोग यहां घूमने आयेंगे और चले जायेंगे, कुछ लोग रूकेंगे भी, सभी लोगों के लिये सारी व्यवस्थाएं की जा रही हैं. ईको टूरिज्म से रोजगार भी बढ़ेगा.