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BPSC 70वीं परीक्षा: पटना हाईकोर्ट का आया पहला फैसला

पटना (The Bihar Now डेस्क)| पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने 70वीं बीपीएससी सिविल प्रारंभिक (70th BPSC Civil Prelims) परीक्षा पुनः कराए जाने की याचिका पर गुरुवार को अपना पहला फैसला सुनाया. हाईकोर्ट ने कहा कि BPSC पीटी परीक्षा दोबारा नहीं होगी और रिजल्ट समय पर आएगा. जस्टिस अरविंद सिंह चंदेल (Justice Arvind Singh Chandel) ने बीपीएससी (BPSC) और बिहार सरकार (Government of Bihar) को 30 जनवरी तक अपना जवाब दाखिल करने को कहा है.

पटना हाईकोर्ट ने फिलहाल प्रारंभिक परीक्षा के रिजल्ट पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. पटना हाईकोर्ट के आज के फैसले के मुताबिक, अगर आयोग की जीत होती है, तो जो रिजल्ट वह जारी करेगा, उसे मान्यता दी जाएगी. लेकिन अगर याचिकाकर्ता जीत जाते हैं, तो आयोग द्वारा जारी किया गया रिजल्ट रद्द कर दिया जाएगा. इसका मतलब है कि याचिकाकर्ताओं की जीत से रिजल्ट पर असर पड़ेगा.

इससे पहले, जस्टिस अरविंद सिंह चंदेल की एकलपीठ ने पप्पू कुमार और अन्य की ओर से दायर याचिका की सुनवाई करते हुए कहा कि याचिका में जो मुद्दे उठाए गए हैं, वे गंभीर हैं. हालांकि, वर्तमान स्थिति में इस मामले में किसी भी प्रकार की अंतरिम राहत प्रदान करना संभव नहीं है.

हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा है – “संबंधित पक्षों के विद्वान वरिष्ठ वकील को सुनने और मामले के तथ्यों और परिस्थितियों तथा विद्वान वरिष्ठ वकील द्वारा उठाए गए तर्क पर विचार करने के बाद, इस स्तर पर, मैं कोई अंतरिम राहत देने के लिए इच्छुक नहीं हूं, जैसा कि याचिकाकर्ताओं ने प्रार्थना की है. उत्तरदाताओं के विद्वान वरिष्ठ वकील को 30 जनवरी, 2025 को या उससे पहले विस्तृत पैरावाइज जवाबी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया जाता है.”

कोर्ट ने आदेश में आगे कहा है – “यह स्पष्ट किया जाता है कि आयोग द्वारा आयोजित प्रारंभिक परीक्षा का कोई भी परिणाम इस याचिका के अंतिम नतीजा आने के बाद का विषय होगा.”

कोर्ट ने आयोग और राज्य सरकार को आदेश दिया है कि वे 30 जनवरी तक याचिका पर पूरा जवाब दें. कोर्टने यह भी कहा है कि इस मामले में अंतिम फैसला आने तक परीक्षा के परिणामों को अंतिम नहीं किया जाएगा.

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं के वकील वाईवी गिरि (advocate Y B Giri) और प्रणव कुमार (advocate Pranav Kumar) ने कोर्ट को जानकारी दी कि परीक्षा के दौरान कई परीक्षा केंद्रों पर प्रश्न पत्र समय से पहले लीक हो गए थे और ये सोशल मीडिया (social media) पर फैल गए थे. पटना के बापू परीक्षा परिसर (Bapu Pariksha Parisar, Patna) में 13 दिसंबर को हुई परीक्षा में लगभग 12,000 उम्मीदवारों ने हिस्सा लिया. प्रश्न पत्र लीक होने की घटना लगभग 1:06 बजे सोशल मीडिया पर पाई गई.

उन्होंने कोर्ट को आगे बताया कि परीक्षा केंद्रों पर जामर सही तरीके से काम नहीं कर रहे थे. मानक संचालन प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया और परीक्षा से एक दिन पहले कई उम्मीदवारों के केंद्र बदल दिए गए. इसके अलावा, बापू परीक्षा परिसर में हो रही अनियमितताओं के कारण आयोग ने 4 जनवरी 2025 को पुनर्परीक्षा आयोजित की, जो उचित नहीं थी. उन्होंने यह भी बताया कि 4 जनवरी को हुई पुनर्परीक्षा में प्रश्न संख्या 13, 79 और 91 हटा दिए गए थे, जिससे उस दिन परीक्षा देने वाले छात्रों को अतिरिक्त अंक मिलने का फायदा मिला.

जबकि राज्य के महाधिवक्ता पीके शाही और आयोग के प्रमुख अधिवक्ता ललित किशोर ने याचिकाकर्ताओं के आरोपों को खारिज किया. महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि इस मामले में एक और जनहित याचिका दायर की गई है, इसलिए कोर्ट को दोनों याचिकाओं की सुनवाई एक साथ करनी चाहिए.

याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट के सामने रखी हैं ये मांगें –

> 13 दिसंबर 2024 और 4 जनवरी 2025 को हुई परीक्षाओं के परिणामों को प्रकाशित करने पर रोक लगाई जाए.

> इन परीक्षाओं में हुई अनियमितताओं के कारण इन्हें रद्द किया जाए.

> सभी अभ्यर्थियों के लिए एक नई और निष्पक्ष प्रारंभिक परीक्षा आयोजित की जाए.