भर्ती और प्रवेश परीक्षाओं में कदाचार रोकने के लिए संसद में विधेयक पारित
नई दिल्ली (TBN – The Bihar Now डेस्क)| लोकसभा ने मंगलवार को ‘सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) विधेयक, 2024’ [Public Examinations (Prevention of Unfair Means) Bill, 2024] पारित कर दिया, जो सरकारी भर्ती परीक्षाओं और प्रतिस्पर्धी प्रवेश परीक्षाओं में कदाचार और अनियमितताओं से सख्ती से निपटने का प्रावधान करता है.
विधेयक में यूपीएससी (UPSC), कर्मचारी चयन आयोग (SSC) द्वारा आयोजित परीक्षाओं और एनईईटी NEET) और जेईई (JEE) जैसी प्रवेश परीक्षाओं को शामिल किया गया है. विधेयक में परिभाषित प्रामाणिक उम्मीदवार और छात्र विधेयक के दायरे में कार्रवाई के लिए उत्तरदायी नहीं होंगे.
सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) विधेयक, 2024 को कार्मिक और प्रशिक्षण राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह (MoS for Personnel and Training Jitendra Singh) ने लोकसभा में पेश किया. सिंह ने कहा कि प्रस्तावित कानून मेधावी छात्रों और उम्मीदवारों के हितों की रक्षा के लिए है. डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि इस कानून का उद्देश्य हमारे युवाओं की योग्यता की रक्षा करना और हमारे बच्चों की भलाई करना है.
कानून पार्टी लाइनों से ऊपर
मंत्री ने बताया कि यह कानून पार्टी लाइनों से ऊपर उठकर है जिसका उद्देश्य कदाचार में शामिल सेवा प्रदाता संस्थानों पर कठोर दंड लगाना है. साथ ही, इसका उद्देश्य संगठित गिरोहों और संस्थानों को रोकना है जो अपने आर्थिक लाभ के लिए अनुचित तरीके अपनाते हैं. लेकिन यह कानून उम्मीदवारों को इसके प्रावधानों से बचाता है.
इस विधेयक में परीक्षा लीक में शामिल व्यक्तियों के लिए न्यूनतम तीन से पांच साल की कारावास की अवधि का सुझाव दिया गया है.
कदाचार के प्रति सख्त दृष्टिकोण पर जोर देते हुए, उन्होंने कहा कि विधेयक का उद्देश्य कुछ बेईमान तत्वों द्वारा भ्रष्ट आचरण पर अंकुश लगाना है जो हमारे युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करते हैं, उनके करियर और आकांक्षाओं को नष्ट करते हैं और कभी-कभी घातक आत्महत्याओं का कारण बनते हैं.
अपराधियों के लिए दंड
बता दें, विधेयक में धोखाधड़ी पर अंकुश लगाने के लिए न्यूनतम तीन से पांच साल की कैद की सजा का प्रस्ताव है और धोखाधड़ी के संगठित अपराधों में शामिल लोगों को पांच से 10 साल की कैद और न्यूनतम 1 करोड़ रुपये का जुर्माना देना होगा.
उच्च स्तरीय राष्ट्रीय तकनीकी समिति का प्रावधान
इसके अतिरिक्त, इस विधेयक में सार्वजनिक परीक्षाओं पर एक उच्च स्तरीय राष्ट्रीय तकनीकी समिति के निर्माण की परिकल्पना की गई है.
इस समिति का उद्देश्य डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म सुरक्षा, फुलप्रूफ आईटी सिस्टम, इलेक्ट्रॉनिक निगरानी और बुनियादी ढांचे के लिए राष्ट्रीय मानकों को सुनिश्चित करने वाले प्रोटोकॉल विकसित करना है, जिससे कदाचार के खिलाफ परीक्षा प्रक्रिया को और मजबूत किया जा सके.