बिल गेट्स ने की थी जल-जीवन-हरियाली अभियान की प्रशंसा : नीतीश
पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क)| नीतीश कुमार ने कहा है कि 2012 में हरियाली मिशन की स्थापना के बाद लगभग 22 करोड़ पौधे लगाए गए हैं. इस कारण अब राज्य में हरित आवरण 15 प्रतिशत से अधिक हो चुका है. वे मंगलवार को 1 अणे मार्ग स्थित संकल्प में वीडियो कन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जल-जीवन-हरियाली अभियान (Jal Jeevan Haryali Abhiyan) के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे.
नीतीश ने इस समीक्षा बैठक में कहा कि उनकी सरकार ने राज्य में विकास कार्यों के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण के लिए भी कई कदम उठाए गए हैं. यहां वृक्षारोपण और जल संरक्षण के की कार्य किए जा रहे हैं.
उन्होंने बताया कि झारखंड से अलग होने के समय बिहार में हरित आवरण मात्र 9 प्रतिशत रह गया था. 2012 में “हरियाली मिशन” की स्थापना में 24 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया था. अभी तक लगभग 22 करोड़ पौधे लगाए जा चुके हैं. आज हरित आवरण 15% पहुँच चुका है जिसे सरकार ने 17% से अधिक करने लक्ष्य रखा है. इसके लिए तेजी से वृक्ष लगाने का कार्य किया जा रहा है.
5 करोड़ पौधा लगाने का लक्ष्य
उन्होंने बैठक में बताया कि 5 जून 2020 से 9 अगस्त 2020 तक 2 करोड़ 51 लाख पौधा लगाने के लक्ष्य रखा गया था जबकि उससे अधिक 3 करोड़ 94 लाख वृक्षारोपण किया गया. इस साल 5 जून को 5 करोड़ पौधा लगाने के लक्ष्य की शुरुआत की गई है. उन्होंने कहा कि वृक्षारोपण के साथ साथ उनके रखरखाव पर भी विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है.
जल-जीवन-हरियाली अभियान का मिशन मोड
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2019 में सभी दलों के विधान पार्षदों एवं विधायकों के साथ बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि जल-जीवन-हरियाली अभियान को मिशन मोड में चलाया जाए.
उन्होंने जल-जीवन-हरियाली का मतलब समझाते हुए कहा कि जल और हरियाली है तभी जीवन सुरक्षित है, चाहे वह जीवन मनुष्य, पशु-पक्षी या किसी अन्य जीव जंतु की हो. उन्होंने बताया कि जल-जीवन-हरियाली अभियान पर 24 हजार करोड़ रुपए से अधिक खर्च करने का प्रावधान किया गया है. यह बिहार जैसे गरीब राज्यों के लिए बड़ी बात है.
उन्होंने कहा कि बिहार के जल-जीवन-हरियाली अभियान की विश्व स्तर पर प्रशंसा हो रही है. बिल गेट्स की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि जब वे पटना आए थे, उस समय उनसे जल-जीवन-हरियाली अभियान को लेकर चर्चा हुई थी. यहां से जाने के बाद उन्होंने इस अभियान की प्रशंसा की थी. युनाईटेड नेशन (United Nation) में भी बिहार के जल-जीवन-हरियाली अभियान की सराहना हुयी थी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को मौसम के अनुकूल तथा जैविक खेती करनी होगी. उन्हें फसल अवशेष को जलाना नहीं चाहिए. उन्होंने कहा कि सार्वजनिक चापाकल हर हाल में फंक्शनल रहे. जीर्णोद्धार कराए गए कुओं एवं चापाकलों के किनारे सोख्ता का निर्माण जरुर कराएं. अतिक्रमण मुक्त कराए गए जल संचयन क्षेत्रों के किनारे बसे गरीब लोगों के पुनर्वास हेतु कार्रवाई करें.
सौर ऊर्जा के उपयोग के लिए लोगों को करें प्रेरित
नीतीश कुमार ने कहा कि सौर ऊर्जा के उपयोग एवं उसके उत्पादन तथा ऊर्जा की बचत के लिए लोगों को प्रेरित करें. उन्होंने कहा कि कॉलेज, पुराने सरकारी स्कूलों के भवन, नए बनाए गए इंस्टीच्यूट के भवनों पर भी सौर प्लेट लगाएं जाए. संबद्ध विभाग आपस में इसके लिए मीटिंग कर कार्य योजना बनाएं.
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जल-जीवन-हरियाली अभियान के बारे में लोगों के बीच प्रचार-प्रसार कराएं, उन्हें इस अभियान के उद्देश्य, फायदे के बारे में बताएं. उन्होंने कहा कि लोगों को जलवायु संरक्षण के प्रति जागरुक करना है. निरंतर इस बात का आकलन और समीक्षा करें कि जल-जीवन-हरियाली अभियान के अंतर्गत किए जा रहे कार्य तेजी से पूर्ण हो. उन्होंने कहा कि इस अभियान के तहत लक्षित कार्यों को पूरे मनोयोग से पूर्ण करें.
इस बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार एवं मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह उपस्थित थे, जबकि वीडियो कन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, उप मुख्यमंत्री श्रीमती रेणु देवी, संबंधित विभागों के मंत्रीगण, मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण, विकास आयुक्त आमिर सुबहानी, संबंधित विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव एवं अन्य वरीय पदाधिकारी जुड़े हुए थे.