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पटना: आम जनता के लिए बापू टावर खुला, अंदर की सुंदरता से हैरान रह जाएंगे

पटना (The Bihar Now डेस्क)| लंबे समय के बाद राजधानी पटना (Patna) के गर्दनीबाग (Gardanibagh, Patna) स्थित नवनिर्मित बापू टावर (Bapu Tower) को अब आम जनता के लिए खोल दिया गया है. यह बापू टावर महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) के जीवन और उनके द्वारा प्रतिपादित मूल्यों पर आधारित एक अद्वितीय संग्रहालय (archive) है, जो अब तक केवल विशेष अनुमति प्राप्त लोगों के लिए खोला गया था. बापू टावर को अब आम जनता के लिए खोल दिया गया है और अब लोग टिकट खरीदकर महात्मा गांधी के जीवन और उनके मूल्यों पर आधारित इस संग्रहालय का आनंद ले सकते हैं.

अब, आम नागरिक भी टिकट खरीदकर इस संग्रहालय का आनंद उठा सकते हैं और महात्मा गांधी के जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं और उनके विचारों से परिचित हो सकते हैं. इस संग्रहालय के उद्घाटन से लोग महात्मा गांधी के संघर्ष, उनके सिद्धांतों और उनके द्वारा किए गए ऐतिहासिक कार्यों को देखने और समझने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्राप्त करेंगे.

गर्दनीबाग स्थित बापू टावर के निर्माण की यात्रा को शहरवासियों ने बहुत करीब से देखा है. यह एक ऐसा सफर था जो एक साधारण ईंट से शुरू होकर आज एक अनोखी और आकर्षक इमारत के रूप में सामने आया है. सड़क से गुजरते समय अक्सर लोगों की नजरें इस पर ठहर जाती थीं, लेकिन अब वे इसे न केवल बाहर से, बल्कि अंदर से भी देख सकते हैं.

अब तक इस संग्रहालय का मुफ्त भ्रमण करने के लिए करीब 14,028 लोग ई-मेल के माध्यम से अनुमति लेकर वहां पहुंच चुके हैं. इनमें सरकारी और निजी विद्यालयों के विद्यार्थी, कॉलेज के छात्र और अन्य लोग शामिल हैं. इस संग्रहालय में महात्मा गांधी के जीवन की विभिन्न अहम घटनाओं को दर्शाने के लिए मल्टीमीडिया का इस्तेमाल किया गया है, जो दर्शकों को गांधी जी के जीवन और उनके विचारों के प्रति जागरूक करता है.

बापू टावर का अद्वितीय निर्माण

बापू टावर के निदेशक विनय कुमार ने बताया कि यह संग्रहालय पूरी तरह से महात्मा गांधी को समर्पित है. यहां गांधी जी के जीवन के विभिन्न पहलुओं को फिल्मों, स्लाइड्स, पेंटिंग, फोटोज और वीडियो के जरिए दर्शाया गया है, जिससे दर्शकों को गांधी जी के विचारों और उनके संघर्षों के बारे में गहरी समझ प्राप्त होती है. यह संग्रहालय देश में अपनी तरह का पहला और अद्वितीय संग्रहालय है, जो महात्मा गांधी के जीवन को मल्टीमीडिया माध्यमों के जरिए प्रस्तुत करता है.

निदेशक विनय कुमार ने यह भी बताया कि बापू टावर की खासियत इसकी बाहरी तांबे की परत है, जिसका वजन लगभग 40 टन है. इस टावर की ऊंचाई लगभग 101 फीट है और यहां की दीर्घाओं का निर्माण दर्शकों के लिए बेहद आरामदायक और इंटरैक्टिव रूप में किया गया है.

उन्होंने बताया कि जब आप इस भवन में प्रवेश करेंगे तो 360 डिग्री ओरिएंटेशन हॉल में महात्मा गांधी के जीवन से जुड़े रोचक किस्से और घटनाओं को प्रस्तुत किया जाएगा. डिजिटल माध्यम से दर्शक गांधी जी के जीवन यात्रा को समझ सकते हैं और उनके आदर्शों को महसूस कर सकते हैं.

बापू टावर की आधारशीला महात्मा गांधी की 150वीं जयंती यानि 2 अक्टूबर 2018 रखी गई थी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) ने बुधवार 2 अक्टूबर को बापू टावर का लोकार्पण किया था. अब जाकर इसको आम् लोगों के लिए खोल दिया गया है.

तांबे का क्लैडिंग

बापू टावर पर्यावरण प्रबंधन तथा सतत विकास के उच्च मानकों तथा वैज्ञानिक तकनीकों पर आधारित है. इसमें ग्रीन टेक्नोलॉजी (green technology) का प्रयोग किया जा रहा है. यह देश का पहला भवन है, जिसके पूरे बाहरी भाग पर तांबे का आवरण (copper cladding) लगाया गया है, जो चमक बिखेर रहा है. इतना ही नहीं रात में जब लाइटें जलती हैं तो इसकी खूबसूरती और बढ़ जाती है.

बापू टावर के दो मुख्य भाग हैं -आयताकार एवं शंकुकार. जी प्लस 6 आयताकार भवन में 3 गैलरी, प्रेक्षागृह, अस्थायी प्रदर्शनी दीर्घा, कार्यालय कक्ष, प्रतीक्षालय, म्यूजियम शॉप एवं जलपान गृह है. 102 फीट ऊंचे शंकुकार भवन में लगातार क्रम में 5 रैंप हैं.

7 एकड़ में बने इस जी+6 भवन की बाहरी संरचना पर तांबे का क्लैडिंग (आवरण) है, जो विश्व स्तरीय इमारतों जैसे ‘स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी’ (Statue of Liberty) में इस्तेमाल होने वाला एक स्पेशल फीचर है.

इस भवन में महात्मा गांधी के जीवन से जुड़ी ऐतिहासिक घटनाएं, गांधी के विचार, स्वतंत्रता संग्राम में उनकी भूमिका, बिहार से लगाव, बापू के आदर्शों को आम जन में स्थापित करने के लिए बिहार सरकार द्वारा किये गये कार्यों आदि की उत्कृष्ट प्रदर्शनी रहेगी.

संग्रहालय में प्रवेश शुल्क और अन्य विवरण

बापू टावर में प्रवेश करने के लिए 12 साल से ऊपर के दर्शकों को 50 रुपये का टिकट लेना होगा. 5 से 12 साल तक के बच्चों के लिए टिकट की दर 10 रुपये निर्धारित की गई है. वहीं दिव्यांग व्यक्तियों और 70 साल से ऊपर के बुजुर्गों के लिए प्रवेश नि:शुल्क रहेगा.

इसके अलावा, सरकारी और निजी विद्यालयों के विद्यार्थियों, संस्थाओं और कार्यालयों के 25 से अधिक लोगों के समूह के लिए भी मुफ्त प्रवेश की व्यवस्था की गई है. टिकटों की बुकिंग के लिए काउंटर मंगलवार से रविवार तक सुबह 10:30 बजे से शाम 4 बजे तक खुला रहेगा, जबकि सोमवार को संग्रहालय पूरी तरह बंद रहेगा.

प्रतिदिन पांच स्लॉट में टिकटों की बुकिंग की व्यवस्था है, जिससे लोग अपनी पसंदीदा समयावधि में संग्रहालय का भ्रमण कर सकते हैं. निदेशक विनय कुमार ने बताया कि संग्रहालय का पूरा भ्रमण करने में दर्शकों को कम से कम दो घंटे का समय लगेगा, क्योंकि यहां पर महात्मा गांधी के जीवन से जुड़ी कई महत्वपूर्ण घटनाओं और उनके विचारों को विस्तार से प्रस्तुत किया गया है.

बापू टावर न केवल एक संग्रहालय है, बल्कि यह महात्मा गांधी के जीवन और उनके सिद्धांतों को जानने का एक आदर्श स्थान बन चुका है. यहां पर आने वाले दर्शक न केवल गांधी जी के जीवन के विभिन्न पहलुओं को समझ सकते हैं, बल्कि उनके आदर्शों को अपने जीवन में अपनाने की प्रेरणा भी प्राप्त कर सकते हैं. यह संग्रहालय गांधी जी के जीवन को समर्पित एक बेहतरीन श्रद्धांजलि है, जो हर नागरिक को उनकी जीवन यात्रा से जुड़ने का अवसर प्रदान करता है.