एक कार्यालय जो छुट्टी के दिन बन जाता गरीब बच्चों का स्कूल

मुज़फ़्फ़रपुर (TBN – The Bihar Now डेस्क)| मुजफ्फरपुर जिले में एक अनोखा स्कूल है जो दरअसल एक पदाधिकारी का कार्यालय है. यह कार्यालय छुट्टी के दिनों में या सप्ताह के किसी भी दिन कार्यालय समय के बाद एक स्कूल का रूप ले लेता है, जहां गरीब बच्चें आकर पढ़ते हैं.
यह अनोखी पाठशाला है जिले में कार्यरत एसडीओ (पश्चिमी) डॉ अनिल कुमार दास का कार्यालय. सरकारी कामों को निपटाने के बाद डॉ दास सप्ताह में 1 दिन या फिर सरकारी छुट्टी वाले दिन अपने कार्यालय को ही स्कूल बना देते हैं. यहां जिले के सुदूर ग्रामीण इलाकों से बच्चे पढ़ाई करने आते हैं.
डॉ दास के इस अनोखे स्कूल में वैसे बच्चे पढ़ते हैं जो सिविल सर्विसेज सहित अन्य कंपटीशन की तैयारियां करने के इच्छुक हैं, पर गरीबी और लाचारी के कारण या तो निजी कोचिंग संस्थानों में जाने में असमर्थ हैं या फिर उन्हें तैयारियों के लिए सही मार्गदर्शन देने वाला नहीं मिल रहा है.
बिहार के जमुई जिले के सुदूर ग्रामीण क्षेत्र के रहने वालेएसडीओ (पश्चिमी) डॉ अनिल कुमार दास द्वारा अपने इस अनोखे स्कूल में पढ़ने वाले सभी बच्चों को निशुल्क शिक्षा दिया जाता है.
हमने देखी है गरीबी : डॉ दास
इस स्कूल के बारे में पूछे जाने पर डॉ दास कहते हैं कि हमने गरीबी देखी है. गांव में किस तरह का माहौल मिलता है, इससे भी हम अच्छी तरह से अवगत हैं. उन्होंने बताया कि वर्तमान दौर में बच्चों को उच्च शिक्षा दिलाने में मिडिल क्लास के परिवारों को बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है क्योंकि आजकल निजी संस्थानों में उच्च शिक्षा की पढ़ाई काफी महंगी है.
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एसडीओ दास ने आगे बताया कि मुजफ्फरपुर में तो उच्च शिक्षा के लिए खासकर बहुत सारी संस्थाएं हैं, लेकिन बच्चों को पढ़ाई के साथ साथ अच्छे मोटिवेशन की भी जरूरत होती है. कुछ गार्जियन तो संस्थाओं का शुल्क जैसे-तैसे कर दे देते हैं, लेकिन आज भी सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में पढ़ने वाले बच्चों के परिवार की स्थिति वैसी स्थिति नहीं है जिससे वे उच्च शिक्षा दिलाने में खर्च उठा सके.
दास ने बताया कि गरीब बच्चों को इन्हीं परेशानियों का सामना करते देख सोचा कि हमारे राज्य के होनहार ग्रामीण इलाको के गरीब बच्चों को मदद कर उनकी उम्मीदों में चार चांद लगा दिया जाए. इसके बाद उन्होंने अपने कार्यालय में यह अनोखा स्कूल चलाने की शुरुआत की.
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वहीं दूसरी ओर इस स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों ने बताया कि यह हम सभी बच्चों के लिए काफी अच्छी पहल है. उन्होंने बताया कि हमने कभी सोचा नहीं था कि हमारे जिले में ऐसे अधिकारी भी आएंगे जो अधिकारी के साथ-साथ शिक्षक भी हो जाएंगे.
बच्चों ने बताया कि एसडीओ साहब बड़े अच्छे ढंग से किसी भी प्रश्न को हल करने का तरीका बता देते हैं जिसे वे भूल नहीं पाते हैं. इस स्कूल में पढ़ने वाली कुछ छात्राओं ने बताया कि आज के दौर में पढ़ाई इतनी ज्यादा महंगी हो गई है कि सभी बच्चों के गार्जियन निजी संस्थान का खर्च चाह कर भी नहीं उठा सकते हैं. वैसी स्थिति में हम गरीब छात्रों के लिए एसडीओ सर का प्रयास किसी संजीवनी से कम नहीं है.