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पृथ्वी पर लौटने के बाद Sunita Williams गई पुनर्वास प्रक्रिया में

वाशिंगटन (The Bihar Now डेस्क)| नासा (NASA) के अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स (Sunita Williams) और बुच विलमोर ने 45 दिनों के पुनर्वास (45-day rehabilitation program) कार्यक्रम की शुरुआत कर दी है. इस कार्यक्रम का उद्देश्य उन्हें पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण शक्ति के अनुकूल ढालने में मदद करना है, क्योंकि वे नौ महीने तक अंतरिक्ष में रहे थे.

ये दोनों अंतरिक्ष यात्री भारतीय समयानुसार बुधवार सुबह जल्दी स्पेसएक्स (SpaceX) के क्रू-9 मिशन (Crew-9 mission) के जरिए पृथ्वी पर लौटे. उनका स्पेस कैप्सूल (Space Capsule) फ्लोरिडा (coast of Florida) के समुद्री तट के पास पानी में सुरक्षित उतर गया.

पुनर्वास की आवश्यकता क्यों?

वे लंबे समय तक इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (International Space Station) में रहे, जहां गुरुत्वाकर्षण न होने की वजह से उनके शरीर में कई बदलाव आए. अब उनकी शारीरिक स्थिति को फिर से सामान्य करने के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा.

अंतरिक्ष से लौटने के बाद शरीर में क्या बदलाव होते हैं?

अंतरिक्ष में रहने से शरीर में निम्न प्रकार के जैविक और शारीरिक परिवर्तन होते हैं:

  • तरल पदार्थों के असंतुलन के कारण चेहरे पर सूजन आ जाती है.
  • मांसपेशियों की कमजोरी के कारण टांगें पतली हो जाती हैं.
  • रीढ़ की हड्डी में बदलाव से व्यक्ति की लंबाई कुछ समय के लिए बढ़ सकती है.
  • हड्डियों की घनत्व (bone density) कम हो जाती है, जिससे वे कमजोर हो सकती हैं.
  • संतुलन, समन्वय, धीरज और मांसपेशियों की ताकत पर भी प्रभाव पड़ता है.

पुनर्वास कार्यक्रम कैसे काम करता है?

नासा के विशेषज्ञों द्वारा तैयार यह विशेष पुनर्वास कार्यक्रम उनकी खोई हुई शारीरिक क्षमताओं को बहाल करने में मदद करेगा. इस प्रक्रिया की शुरुआत उनके पृथ्वी पर उतरते ही कर दी जाती है.

पुनर्वास की प्रक्रिया

  • हर दिन 2 घंटे का विशेष व्यायाम कराया जाता है.
  • यह प्रक्रिया 45 दिनों तक लगातार चलती है.
  • हर अंतरिक्ष यात्री के लिए उनकी मेडिकल स्थिति, परीक्षणों के परिणाम और उनकी अंतरिक्ष यात्रा की भूमिका के आधार पर यह कार्यक्रम अलग-अलग होता है.

पुनर्वास को तीन चरणों में बांटा गया है

  1. पहला चरण: पहले दिन से शुरू होकर लचीलेपन (mobility), शरीर की हलचल, और मांसपेशियों की मजबूती पर ध्यान दिया जाता है.
  2. दूसरा चरण: इसमें संतुलन (balance) सुधारने, शरीर के अंगों की स्थिति का अनुभव बढ़ाने (proprioceptive exercises) और हृदय स्वास्थ्य सुधारने के लिए कसरत कराई जाती है.
  3. तीसरा चरण: यह सबसे लंबा चरण होता है, जिसमें मुख्य रूप से कार्यात्मक विकास (functional development) पर ध्यान दिया जाता है, जिससे यात्री सामान्य जीवन में लौट सकें.

क्या यह पुनर्वास सफल होता है?

पिछले अनुभव बताते हैं कि यह पुनर्वास कार्यक्रम बहुत प्रभावी होता है. कई बार अंतरिक्ष यात्री इस प्रक्रिया के बाद अपनी उड़ान से पहले की तुलना में और भी बेहतर शारीरिक स्थिति में आ जाते हैं.

उनकी लंबी अंतरिक्ष यात्रा कैसे हुई?

सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर की यह लंबी अंतरिक्ष यात्रा पहले से नियोजित नहीं थी. वे 5 जून को बोइंग स्टारलाइनर यान से गए थे. यह मिशन केवल 8 दिन का होना था, लेकिन तकनीकी खराबी के कारण उनकी वापसी में कई महीने लग गए.

वापसी की प्रक्रिया

जब Crew-10 मिशन अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर पहुंचा, तब सुनीता विलियम्स, बुच विलमोर, नासा के निक हेग और रूसी अंतरिक्ष यात्री अलेक्ज़ेंडर गॉर्बुनोव ने अपनी वापसी की तैयारी शुरू की.

कैसे हुई सफल वापसी?

ISS छोड़ने के 17 घंटे बाद, उनका स्पेसएक्स ड्रैगन कैप्सूल भारतीय समयानुसार सुबह 3:27 बजे सुरक्षित रूप से समुद्र में उतरा. वहां से उन्हें तुरंत बाहर निकाला गया और मेडिकल जांच के लिए भेजा गया. इसके बाद उन्होंने पुनर्वास प्रक्रिया शुरू की.

इस मिशन ने अंतरिक्ष यात्रा की सुरक्षा को लेकर कई चर्चाओं को जन्म दिया, जिसमें तकनीकी समस्याओं और राजनीतिक मुद्दों पर भी बहस हुई. लेकिन अंततः, इन दोनों अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षित वापसी के साथ यह मिशन सफलतापूर्वक समाप्त हुआ.