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कौन हैं देश के नए मुख्य चुनाव आयुक्त Gyanesh Kumar?

नई दिल्ली (The Bihar Now डेस्क)| चुनाव आयुक्त के रूप में लगभग एक साल पूरा करने के बाद, ज्ञानेश कुमार को सोमवार को मुख्य चुनाव आयुक्त (Chief Election Commissioner) के पद पर पदोन्नत किया गया. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें नया मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) नियुक्त किया. वह राजीव कुमार की जगह लेंगे, जो मंगलवार को 65 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद पद छोड़ देंगे. इसके बाद ज्ञानेश बुधवार 20 फरवरी को अपना पद संभालेंगे.

ज्ञानेश कुमार पहले ऐसे मुख्य चुनाव आयुक्त हैं जिन्हें चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के नए कानून (New laws for appointment of election commissioners) के तहत चुना गया है. इसके साथ ही, 1989 बैच के आईएएस अधिकारी डॉ. विवेक जोशी (Dr. Vivek Joshi, IAS) को चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया है. वे अपने पद का कार्यभार संभालने के बाद से अधिकारिक रूप से कार्य शुरू करेंगे.

ज्ञानेश कुमार की नियुक्ति की घोषणा प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय समिति की बैठक के कुछ घंटे बाद हुई. यह बैठक नए मुख्य चुनाव आयुक्त के चयन के लिए आयोजित की गई थी, क्योंकि मौजूदा राजीव कुमार मंगलवार को सेवानिवृत्त होने जा रहे हैं.

इस बैठक में लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने मांग की कि जब तक सुप्रीम कोर्ट चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति से जुड़े नए कानून पर अपना फैसला नहीं देता, तब तक इस प्रक्रिया को टाल दिया जाए. सुप्रीम कोर्ट इस मुद्दे पर बुधवार को सुनवाई करने वाला है.

चुनाव आयोग में भूमिका और कार्यकाल

ज्ञानेश कुमार को 14 मार्च 2024 को चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया था, जो उनकी सेवानिवृत्ति के सिर्फ दो महीने बाद हुआ. उन्होंने 15 मार्च 2024 को कार्यभार संभाला और अगले ही दिन भारतीय चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनावों की तारीखों की घोषणा कर दी.

पिछले 11 महीनों में, वे मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और चुनाव आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू के साथ मिलकर आयोग का हिस्सा रहे. इस दौरान उन्होंने लोकसभा चुनाव, जम्मू-कश्मीर के पहले विधानसभा चुनाव, हरियाणा, झारखंड, महाराष्ट्र और दिल्ली के विधानसभा चुनाव कराए.

अब मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में उनका कार्यकाल 26 जनवरी 2029 तक रहेगा. इस दौरान वे 20 विधानसभा चुनावों, 2027 में राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनावों की निगरानी करेंगे और 2029 के लोकसभा चुनावों की तैयारियों का नेतृत्व करेंगे.

ज्ञानेश कुमार का प्रशासनिक करियर

ज्ञानेश कुमार 1988 बैच के केरल कैडर के आईएएस अधिकारी हैं. उन्होंने जनवरी 2024 में सहकारिता मंत्रालय के सचिव पद से सेवानिवृत्ति ली थी. अपने करियर के दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया, जिनमें शामिल हैं:

  • संसदीय कार्य मंत्रालय में सचिव
  • गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव और अतिरिक्त सचिव
  • रक्षा मंत्रालय में संयुक्त सचिव
  • केरल सरकार में लोक निर्माण विभाग और वित्त विभाग में विभिन्न पदों पर कार्य
  • 2012 से 2016 तक दिल्ली स्थित केरल हाउस में रेजिडेंट कमिश्नर

अनुच्छेद 370 हटाने में अहम भूमिका

2018 से 2021 तक गृह मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव रहते हुए, उन्होंने अनुच्छेद 370 हटाने और जम्मू-कश्मीर व लद्दाख को दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित करने की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. सरकार ने इस बदलाव को अत्यंत गोपनीय रखा था, और ज्ञानेश कुमार इस प्रक्रिया के केंद्र में थे.

इसके अलावा, मोदी सरकार ने उन पर इतना भरोसा जताया कि उन्हें राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की स्थापना में भी शामिल किया गया.

सहकारिता मंत्रालय में सुधार

सहकारिता सचिव के रूप में, 2023 में बहु-राज्य सहकारी समितियां (संशोधन) अधिनियम पारित करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही. यह कानून सहकारी समितियों में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने के उद्देश्य से लाया गया था.

शिक्षा और व्यक्तिगत जानकारी

ज्ञानेश कुमार उत्तर प्रदेश से आते हैं और उन्होंने आईआईटी कानपुर से सिविल इंजीनियरिंग में बी.टेक किया है. इसके अलावा, उन्होंने बिजनेस फाइनेंस की पढ़ाई भी की है.

अब मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में, वे आने वाले वर्षों में भारत की चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता और पारदर्शिता बनाए रखने की जिम्मेदारी संभालेंगे.