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भारत बंद के समर्थन में संयुक्त ट्रेड यूनियंस मोर्चा ने निकाला जुलूस

नोएडा (TBN – रितेश कुमार सिन्हा की रिपोर्ट)| संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा सोमवार 27 सितंबर को आहूत भारत बंद के समर्थन में ट्रेड यूनियन कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया तथा प्रशासन को ज्ञापन सौंपा. यह भारत बंद किसान विरोधी कृषि कानूनों के खिलाफ, एमएसपी की कानूनी गारंटी के लिए, श्रम कानूनों के खात्मे के विरोध में आयोजित किया गया था.

नोएडा संयुक्त ट्रेड यूनियंस मोर्चा द्वारा नोएडा हरौला लेबर चौक से जलूस निकालकर सेक्टर- 6, नोएडा पुलिस उपायुक्त कार्यालय पहुंचा. मोर्चा के कार्यकर्ता “तीनों काले कृषि कानून वापस लो”, “डीजल, पेट्रोल व रसोई गैस के दामों को आधा करो”, “श्रमिक विरोधी नए लेबर कोड वापस लो”, “बेलगाम महंगाई पर रोक लगाओ”, “न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी की गारंटी का कानून बनाओ”, “कमरतोड़ महंगाई, बेरोजगारी और मजदूरों की जीविका पर हमले बंद करो”, “सार्वजनिक क्षेत्र के निजीकरण की नीति वापस लो”, “बिजली बिल 2020 वापस लो” आदि नारों के साथ जुलूस निकाला.

नोएडा संयुक्त ट्रेड यूनियंस मोर्चा द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, जुलूस में मोर्चा के सभी घटक संगठनों इंटक, एटक, एचएमएस, सीटू, यूटीयूसी, टीयूसीआई के कार्यकर्ता शामिल हुए. इंटक से डॉक्टर केपी ओझा, एटक से नईम अहमद, एचएमएस से आरपी सिंह चौहान, सीटू से गंगेश्वर दत्त शर्मा, राम सागर, भरत डेंजर, विनोद कुमार, पूनम देवी, टीयूसीआई से उदय चंद्र झा, यूटीयूसी से सुधीर त्यागी, सुभाष गुप्ता, एक्टू से अमर सिंह शामिल हुए.

स्थानीय पुलिस ने इस जुलूस को तुलसी जर्दा के सामने सेक्टर- 2, में ही बैरिकेड लगाकर रोक दिया. पुलिस द्वारा रास्ते में रोके जाने पर जोरदार नारेबाजी शुरू कर दी गई.

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प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, स्थानीय पुलिस द्वारा रोके जाने के बाद वक्ताओं ने जुलूस में शामिल लोगों को संबोधित करते हुए तानाशाह मोदी सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि विरोधी कृषि कानूनों एवं मजदूर विरोधी चार श्रम कोड की निंदा की. साथ ही उन्होंने देश के सरकारी व सार्वजनिक क्षेत्र के निजी करण करने व उसे ओने पौने दामों में बेचे जाने की सरकार के फैसलों की भी कड़ी निंदा की.

बाद में मोर्चा द्वारा किसान विरोधी कृषि कानूनों व मजदूर विरोधी चार श्रम कोडों को वापस लेने हेतु प्रदर्शन स्थल पर ही पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को प्रधानमंत्री भारत सरकार एवं मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार को संबोधित ज्ञापन सौंपा.