भव्य रुप से हुई श्री काशी विश्वनाथ मंदिर की सप्तर्षी आरती

वाराणसी (TBN रिपोर्ट) | गुरुवार को वाराणसी के दैनिक समाचार पत्रों में मंदिर के रेड जोन में स्थित कैलाश मंदिर के शिखर तोड़े जाने की खबर प्रकाशित हुई. इसकी जानकारी मिलते ही मंदिर प्रशासन ने इस घटना की तत्काल जांच कराई. वही मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल, आईजी और मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी भी मौके पर जाकर इस घटना की जांच की जिसमे यह पूरा फ़र्जी पाया गया.
साथ ही जांच में यह पाया गया कि मंदिर पर वर्षों से घर बनाकर उसकी भव्य नक्काशी व उसकी भव्यता को पूरी तरह से ढक दिया गया था. शिखर तोड़ने और आम जनमानस के बीच मंदिर प्रशासन की छवि धूमिल करने की यह साजिश, सप्त ऋषि आरती करने वाले महंत परिवार गुड्डू महाराज के नेतृत्व में की गई थी.
जब इसका विरोध किया गया और सोशल मीडिया और अखबारों में छपी सूचना का खंडन करने के लिए कहा गया, तब इन्होंने उस भ्रामक खबर का समर्थन करते हुए उसे सच साबित करने पर लगे रहे. इससे यह प्रतीत हुआ कि मंदिर की परंपरा मंदिर की गरिमा को जानबूझकर आम जनमानस के बीच खराब करने की साजिश की जा रही है.

यही नही कोरोना महामारी के बीच जहा लॉकडाउन है, ऐसे मंदिर के प्रवेश द्वार पर लोंगो को इकट्ठा करना और फहरा 144 के नियमो उलंघन करते हुए इस तरह का कार्य करना धार्मिक भावनाओं को भड़काने और राष्ट्र विरोधी कार्य किया गया. इसको देखते हुए मंदिर प्रशासन ने सप्त ऋषि आरती श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में तैनात विद्वान अर्चकों से कराने का निर्णय लिया और इस परंपरा का भव्य रूप से निर्वहन किया गया.
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक विशाल सिंह ने बताया कि इस द्वादश ज्योतिर्लिंग में काशी और काशी विश्वनाथ मंदिर का एक अलग ही महत्व है. इसके बाद भी महंत परिवार द्वारा जानबूझकर कुछ इस तरह के कार्य किए जा रहे हैं जो आम जनमानस के बीच भड़काने का कार्य है.
विशाल सिंह ने बताया कि इसको देखते हुए मंदिर प्रशासन में निर्णय लिया है कि मंदिर परंपरा से किसी प्रकार का कोई खिलवाड़ बर्दास्त नहीं होगा. उसका निर्वहन भव्य तरीके से किया जाएगा और आगे भी इस तरह के कार्य करने वाले सभी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.