ब्रेन सर्जरी के बाद सद्गुरु को अस्पताल से मिली छुट्टी, इमरजेन्सी में हुई थी सर्जरी
नई दिल्ली (TBN – The Bihar Now डेस्क)| आध्यात्मिक गुरु और ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु जग्गी वासुदेव (Sadhguru Jaggi Vasudev, Founder of Isha Foundation) को बुधवार को अस्पताल से छुट्टी मिल गई.
अपोलो हॉस्पिटल्स ग्रुप की संयुक्त प्रबंध निदेशक डॉ. संगीता रेड्डी (Dr. Sangeeta Reddy, Joint Managing Director, Apollo Hospitals Group) ने अस्पताल में सद्गुरु से मुलाकात करने के बाद कहा, “डॉक्टरों ने उनकी रिकवरी और उपचार पर संतुष्टि व्यक्त की है. ठीक होने के बावजूद सद्गुरु ने अपनी भावनाओं को उसी तरह बनाए रखा. वैश्विक भलाई के प्रति उनकी प्रतिबद्धता, उनका तेज़ दिमाग और उनकी हास्य की भावना सभी पहले की तरह ही बरकरार है. मुझे लगता है कि यह उन लाखों लोगों के लिए अच्छी खबर है जो उनके स्वास्थ्य के बारे में पूछताछ कर रहे हैं.”
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फाउंडेशन ने इस दौरान सद्गुरु को सभी से मिले प्यार और समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया है.
इससे पहले ईशा फाउंडेशन ने सद्गुरु की स्थिति के बारे में बताते हुए कहा था कि उन्हें पिछले चार हफ्तों से लगातार सिरदर्द का सामना करना पड़ रहा था. दर्द की गंभीरता के बावजूद उन्होंने अपना कार्यक्रम और गतिविधियां जारी रखीं और यहां तक कि 8 मार्च 2024 को रात भर चलने वाले महाशिवरात्रि समारोह का भी आयोजन किया.
15 मार्च 2024 की दोपहर जब वह दिल्ली पहुंचे तो सिरदर्द बेहद गंभीर हो गया. इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के वरिष्ठ सलाहकार न्यूरोलॉजिस्ट डॉ विनीत सूरी (consultant neurologist Dr Vinit Suri) की सलाह पर सद्गुरु ने उसी दिन शाम 4:30 बजे तत्काल एमआरआई कराया, जिसमें मस्तिष्क में भारी रक्तस्राव का पता चला.
एमआरआई के रिपोर्ट चिंताजनक थे. रिपोर्ट में पता चला कि सद्गुरु के मस्तिष्क में बड़े पैमाने पर रक्तस्राव हो रहा था. डॉ. सूरी ने स्थिति का वर्णन करते हुए कहा कि रक्तस्राव के दो मामले थे, एक लगभग तीन सप्ताह पहले हुआ था और दूसरा एमआरआई से कुछ दिन पहले हुआ था.
17 मार्च को सद्गुरु की न्यूरोलॉजिकल स्थिति तेजी से बिगड़ गई, जिससे उनकी चेतना के स्तर में प्रगतिशील गिरावट आई. साथ ही उनका बायां पैर कमजोर हो गया और बार-बार उल्टी के साथ सिरदर्द भी बदतर हो गया. आख़िरकार उन्हें अस्पताल में भर्ती कर लिया गया. सीटी स्कैन से पता चला कि मस्तिष्क की सूजन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है और मस्तिष्क का एक तरफ से जीवन के लिए खतरा पैदा हो गया है.
इसपर त्वरित कार्यवाई करते हुए डॉ विनीत सूरी, डॉ प्रणव कुमार, डॉ सुधीर त्यागी और डॉ एस चटर्जी सहित डॉक्टरों की एक टीम ने अस्पताल में भर्ती होने के कुछ घंटों के भीतर रक्तस्राव को कम करने के लिए आपातकालीन सर्जरी की. सफलतापूर्वक की गई सर्जरी के बाद सद्गुरु को वेंटिलेटर से हटा दिया गया. तब से सद्गुरु के स्वास्थ्य में लगातार प्रगति दिखा रहा था.
डॉ. विनीत सूरी, डॉ. प्रणव कुमार, डॉ. सुधीर त्यागी और डॉ. एस. चटर्जी की डॉक्टरों की एक टीम ने रक्तस्राव से राहत देने के लिए प्रवेश के कुछ घंटों के भीतर सर्जरी की. सर्जरी के बाद सद्गुरु को वेंटिलेटर से हटा दिया गया था.