रतन टाटा की विरासत पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी – नीतीश
पटना (The Bihar Now डेस्क)| मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रसिद्ध उद्योगपति और टाटा सन्स के पूर्व चेयरमैन, पद्म विभूषण रतन टाटा के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है. मुख्यमंत्री ने अपने संदेश में कहा कि रतन टाटा के नेतृत्व में टाटा समूह ने दुनिया भर में बड़ा विकास किया. उन्होंने भारतीय उद्योग में महत्वपूर्ण योगदान दिया और समाज के कमजोर वर्गों की सेवा में अपना जीवन समर्पित किया. उन्होंने कहा कि रतन टाटा की विरासत हमेशा आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनेगी.
रतन टाटा को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उद्योगपति मुकेश अंबानी और अन्य बड़ी हस्तियों ने श्रद्धांजलि दी है. गृह मंत्री अमित शाह उनकी अंतिम यात्रा में शामिल होने गए हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार ने रतन टाटा को वर्ष 2000 में पद्म भूषण और 2008 में पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया था. उनके चले जाने से उद्योग और समाज में बहुत बड़ा नुकसान हुआ है. मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्मा की शांति के लिए और उनके परिवार को इस कठिन समय में धैर्य रखने की ताकत देने के लिए भगवान से प्रार्थना की है.
टाटा का कल शाम हो गया था निधन
बता दें, रतन टाटा का निधन बुधवार की शाम मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में हो गया. वे 86 साल के थे और पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे. बुधवार की शाम उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई और कुछ ही घंटों बाद उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया. रतन टाटा का जाना देश के लिए एक बड़ा नुकसान है, लेकिन उन्हें देश कभी नहीं भूलेगा. उन्होंने अपने जीवन में अनेक महत्वपूर्ण कार्य किए. टाटा ग्रुप को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने में रतन टाटा का बहुत बड़ा योगदान रहा. उन्होंने देश और आम लोगों के लिए कई ऐसे काम किए, जिन्हें लोग हमेशा याद करेंगे. रतन टाटा एक उदार इंसान थे और संकट में हमेशा देश की मदद के लिए तैयार रहते थे.
इससे पहले, सोमवार को रतन टाटा की तबीयत खराब होने की खबर आई थी. इसके कुछ घंटों बाद, रतन टाटा ने अपने एक्स (ट्विटर) हैंडल पर एक पोस्ट साझा किया. उन्होंने लिखा, “मेरी चिंता करने के लिए सभी का धन्यवाद! मैं बिल्कुल ठीक हूं. चिंता की कोई बात नहीं, मैं बढ़ती उम्र से संबंधित बीमारियों की रूटीन जांच के लिए अस्पताल आया हूं.” लेकिन देश को यह दुःख रहेगा कि वह इस बार अस्पताल से लौट नहीं पाए और हमेशा के लिए अंतिम यात्रा पर निकल गए.