Big Newsअन्य राज्यों से

राष्ट्रपति ने किया पादप जीनोम संरक्षक किसान सम्मान से पुरस्कृत

नई दिल्ली / भोपाल (TBN – The Bihar Now डेस्क)| मंगलवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) ने मध्य प्रदेश की लहरी बाई को श्रीअन्न प्रजातियों के संरक्षण और संवर्धन के लिए वर्ष 2021-22 के ‘पादप जीनोम संरक्षक किसान सम्मान’ (Plant Genome Patron Farmer Award) से सम्मानित किया. राज्य के डिंडोरी जिले की किसान को यह सम्मान नई दिल्ली में दिया गया.

लहरी बाई को पहले कृषक अधिकार वैश्विक संगोष्ठी (First Global Symposium on Farmers’ Rights) के अलंकरण समारोह में सम्मान स्वरूप 1,50,000 रुपये की नकद राशि, प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिह्न प्रदान किया गया. कार्यक्रम का आयोजन नई दिल्ली के सी. सुब्रामण्यम ऑडिटोरियम (C. Subramaniam Auditorium, New Delhi) में हुआ. इस मौके पर केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Union Agriculture and Farmers Welfare Minister Narendra Singh Tomar) उपस्थित थे.

डिंडोरी जिले की बजाग तहसील निवासी लहरी बाई ने बैगा समुदाय की सहायता से कोदो, कुटकी, सांवा, काग, सिकिया, मडुआ जैसे दुर्लभ श्रीअन्न प्रजातियों का सीड बैंक विकसित किया है. दिल्ली में 12 से 15 सितंबर 2023 तक चलने वाली वैश्विक संगोष्ठी में लहरी बाई ने अपने सीड बैंक की प्रदर्शनी भी लगाई है.

प्रदेश के किसान-कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री कमल पटेल ने लहरी बाई की अभूतपूर्व उपलब्धि पर बधाई दी है. उन्होंने कहा कि मिलेट्स संरक्षण के लिए लहरी बाई द्वारा अदभुत कार्य किया गया है. उनके कार्य की सराहना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) भी रेडियो प्रोग्राम मन की बात में कर चुके हैं. लहरी बाई ने सम्पूर्ण मध्यप्रदेश को गौरवान्वित किया है.

इस संगोष्ठी का आयोजन खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ), रोम के खाद्य और कृषि के लिए पादप आनुवंशिक संसाधनों पर अंतर्राष्ट्रीय संधि (अंतर्राष्ट्रीय संधि) के सचिवालय द्वारा किया जा रहा है और केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है. इस कार्यक्रम का संरक्षण पौधा किस्म और किसान अधिकार (PPVFR) प्राधिकरण, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR), आईसीएआर-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI), और आईसीएआर-राष्ट्रीय पादप आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो (NBPGR) द्वारा किया जा रहा है.

इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि भारत एक विशाल विविधता वाला देश है, जिसका क्षेत्रफल विश्व का केवल 2.4 प्रतिशत है, लेकिन पौधों और जानवरों की सभी दर्ज प्रजातियों का 7-8 प्रतिशत यहीं है. उन्होंने साझा किया कि जैव विविधता के मामले में, भारत पौधों और प्रजातियों की विस्तृत श्रृंखला से संपन्न देशों में से एक है. उन्होंने कहा कि भारत की यह समृद्ध कृषि-जैव विविधता वैश्विक समुदाय के लिए एक खजाना रही है.

उन्होंने कहा कि हमारे किसानों ने कड़ी मेहनत और उद्यमपूर्वक पौधों की स्थानीय किस्मों का संरक्षण किया है, जंगली पौधों को पालतू बनाया है और पारंपरिक किस्मों का पोषण किया है, जिन्होंने फसल प्रजनन कार्यक्रमों के लिए आधार प्रदान किया है और इससे मनुष्यों और जानवरों के लिए भोजन और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित हुई है.

राष्ट्रपति ने कहा कि दुनिया का कृषक समुदाय इसका अग्रणी संरक्षक है और वे फसल विविधता के सच्चे संरक्षक हैं. उन्होंने आगे कहा कि किसानों को असाधारण शक्ति और जिम्मेदारी दी गई है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हम सभी को पौधों और प्रजातियों की कई किस्मों की रक्षा और पुनर्जीवित करने के किसानों के प्रयास की सराहना करनी चाहिए, जिनका अस्तित्व हम सभी के लिए महत्वपूर्ण है.

(इनपुट-एजेंसी)