धार्मिक आयोजन में भगदड़ से 87 से ज्यादा लोगों की मौ’त
लखनऊ (The Bihar Now डेस्क)| उत्तर प्रदेश के हाथरस में मंगलवार 2 जून को एक धार्मिक आयोजन में 87 से ज्यादा लोगों की मौत (more than 87 dead in stampede at religious event in Uttar Pradesh’s Hathras) हो गई.
जानकारी के मुताबिक, सिकंद्राराऊ थाना क्षेत्र के गांव फुलरई में आयोजित भोले बाबा के सत्संग में आज भगदड़ मच गई, जिसमें महिलाओं और बच्चों समेत 87 लोगों के मरने की सूचना मिल रही है. कलेक्टर ने भी इस बात की पुष्टि की है कि मरने वालों की संख्या 80 से ज्यादा हो सकती है.
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जांच के आदेश दिए हैं. डीजीपी और गृह सचिव मौके पर पहुंच कर राहत कार्य का जायजा ले रहे हैं. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने घटना पर दुख जताया है. पीएम मोदी ने भी लोकसभा ने इस हादसे पर दुख जताया है और राज्य सरकार के साथ मिलकर पीड़ितों की हर संभव मदद की बात की है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाथरस में हुई दुर्घटना का संज्ञान लेते हुए अपनी कैबिनेट के दो मंत्रियों चौ. लक्ष्मी नारायण और संदीप सिंह के साथ ही आला अधिकारियों को मौके पर भेजा है. उन्होंने एडीजी आगरा और कमिश्नर के नेतृत्व में टीम गठित कर जांच के आदेश दिए हैं. मुख्यमंत्री पल-पल की स्थिति पर नज़र रख रहे हैं.
हाथरस के डीएम आशीष कुमार ने घटना के बारे में बताया, “सत्संग के दौरान जब बहुत ज्यादा उमस होने लगी तो लोग वहां से निकलने लगे. लोगों के वहां से निकलने के क्रम में भगदड़ मची और हादसा हो गया. घटना की जांच के लिए उच्च अधिकारियों की एक जांच कमेटी बनाई गई है. इस आयोजन की इजाजत एसडीएम ने दी थी. ये एक प्राइवेट आयोजन था. कानून-व्यवस्था के लिए प्रशासन की ड्यूटी लगाई थी, जबकि भीतर की व्यवस्था आयोजकों की ओर से की जानी थी. हादसे की असली वजह क्या है ये तो जांच के बाद ही पता चलेगा. लेकिन फिलहाल प्रशासन का फोकस ये है कि जो लोग घायल हैं उन्हें जल्दी इलाज मिले.”
पहले 27 के मरने की सूचना दी गई थी
शुरू में एटा के एसएसपी राजेश कुमार सिंह ने संवाददाताओं से बातचीत में 27 लोगों के मारे जाने की जानकारी दी थी.
उन्होंने पत्रकारों से कहा था, “एक दुखद घटना हुई है, हाथरस जनपद में सिकंद्राराऊ के पास मुगलगढ़ी गांव में भोले बाबा का कार्यक्रम चल रहा था, भगदड़ के कारण लोगों की मौतें हुई हैं. हमारे यहां एटा के अस्पताल में 27 शव आए हैं जिनमें 23 महिलाएं, तीन बच्चे और एक पुरुष का शव है. घायल अभी नहीं पहुंचे हैं.”
एटा के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) उमेश कुमार त्रिपाठी ने भी मीडिया से बातचीत में बताया था कि, “अभी तक 27 शव पोस्टमॉर्टम के लिए पहुंचे हैं, जिनमें दो 25 महिलाएं और दो पुरुष हैं. कई घायलों को भी भर्ती कराया गया है. जांच के बाद आगे की जानकारी दी जाएगी.”
मुआवजे की घोषणा
मुख्यमंत्री ने घटना को बहुत ही दुखद बताते हुए मृतकों के परिजनों को 2 – 2 लाख रुपये और घायलों को 50-50 रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है. मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन को घायलों का समुचित उपचार करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही कार्यक्रम आयोजकों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर पुलिस प्रशासन को कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं.
घटना के बाद अस्पताल पहुंचे विनीत कुमार नामक एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि अस्पताल में 107 लाशें पड़ी हुई हैं जिसे उन्होंने खुद अपने हाथों से गिना है. मृतकों में 4 बच्चे भी शामिल हैं. एक ने बताया कि अस्पताल में एक ही डॉक्टर की मौजूदगी होने से कई घायलों की मौत हो गई.
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, मृतकों की संख्या में और वृद्धि हो सकती है.
राष्ट्रीय जनता दल ने जताया दुख
आरजेडी ने कहा है कि उत्तर प्रदेश के हाथरस में एक सत्संग में मची भगदड़ में अब 122 से अधिक जानें जा चुकी हैं. 150 से अधिक बुरी तरह से घायल हैं. परिजनों की शिकायत है कि दुर्घटना में प्रशासन की भारी लापरवाही देखी गई. स्थानीय अस्पतालों में उन्हें कोई सुविधा नहीं मिली.
भाजपा पर आरोप लगते हुए आरजेडी ने कहा कि बीजेपी अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए धार्मिक भावनाएँ तो खूब भड़काती है, पर श्रद्धालुओं के लिए सुविधा या उनकी सुरक्षा की भाजपाइयों को कण भर भी चिंता नहीं होती है. अस्पतालों में सुधार की उनसे अपेक्षा करना ही व्यर्थ है. बस मंदिरों पर राजनीति कर के राजनीतिक रोटी सेंकना है. दुःख की इस घड़ी में राष्ट्रीय जनता दल पीड़ित परिवारों के प्रति अपनी संवेदनाएँ व्यक्त करता है.