‘उम्मीद है कि इस मामले पर ध्यान दिया जाएगा’: ममता ने पीएम मोदी को फिर लिखा पत्र
कोलकाता (The Bihar Now डेस्क)| पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) को फिर से एक और पत्र लिखा है, जिसमें पीजी प्रशिक्षु डॉक्टर के बलात्कार और हत्या (R.G.Kar Hospital rape and murder case) के संबंध में उनके द्वारा मोदी से पिछली बार किए गए पत्राचार पर किसी भी तरह की प्रतिक्रिया नहीं मिलने पर चिंता व्यक्त की गई है.
शुक्रवार 30 अगस्त को लिखे अपने पत्र में बनर्जी ने स्थिति की गंभीरता पर जोर दिया और केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री (Union Minister of Women and Child Development) से प्राप्त उत्तर की अपर्याप्तता को उजागर करते हुए शीघ्र केंद्रीय हस्तक्षेप का आग्रह किया.
ममता बनर्जी ने अपने पत्र में लिखा है, “इतने संवेदनशील मुद्दे पर आपकी ओर से कोई जवाब नहीं मिला. हालांकि, भारत सरकार की महिला एवं बाल विकास मंत्री (उनके नंबर 1/आरईएससी/एचएमडब्ल्यूसीडी/2024 दिनांक 25 अगस्त 2024) से जवाब मिला है, जो मेरे पत्र में उठाए गए मुद्दे की गंभीरता को बमुश्किल संबोधित करता है. मेरी नजर में इस सामान्य उत्तर में विषय की गंभीरता और समाज के लिए इसकी प्रासंगिकता को उचित मान नहीं दिया गया है.”
यह पत्र उनके सोशल मीडिया हैंडल, एक्स पर पोस्ट किया गया था.
फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट (Fast Track Special Courts) सहित महिलाओं और बच्चों के लिए आवश्यक सुरक्षा उपायों को लागू करने में राज्य सरकार की विफलता के संबंध में केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी के आरोपों के जवाब में सीएम ममता ने कहा कि राज्य सरकार ने 10 विशिष्ट POCSO FTSCs को मंजूरी दी है, जबकि 88 FTSCs और 62 POCSO-नामित न्यायालय पूर्ण राज्य वित्त पोषण के साथ कार्य कर रहे हैं.
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ममता ने पत्र में उल्लेख किया गया है, “इसके अलावा, मैं इस क्षेत्र में हमारे राज्य द्वारा पहले ही की गई कुछ पहलों का भी उल्लेख करूंगी, जिन्हें उत्तर में नजरअंदाज कर दिया गया है. फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट (FTSCs) के संबंध में, 10 विशेष POCSO अदालतें हैं जिन्हें राज्य सरकार द्वारा अनुमोदित किया गया है. इसके अलावा, 88 एफटीएससी और 62 POCSO-नामित न्यायालय पूर्ण राज्य वित्त पोषण के साथ कार्य कर रहे हैं और मामलों की निगरानी और निपटान पूरी तरह से न्यायालयों के हाथों में है.”
एफटीएससी में पीठासीन अधिकारियों की नियुक्ति के मुद्दे पर प्रकाश डालते हुए ममता ने आगे कहा है कि इस प्रक्रिया के लिए भारत सरकार से परीक्षण और कार्रवाई की आवश्यकता है, जिसमें उनके अनुसार, पीएम मोदी के हस्तक्षेप की आवश्यकता है.
पश्चिम बंगाल की सीएम ने जघन्य अपराधों के लिए केंद्रीय कानून और अनुकरणीय सजा का आग्रह करते हुए पीएम मोदी की तरफ से ध्यान देने की उम्मीद जताई.
ममता बनर्जी ने अपने पत्र में पीएम मोदी से कहा, ”मैं दोहराती हूं और ईमानदारी से अनुरोध करती हूं कि बलात्कार/बलात्कार और हत्या जैसे जघन्य अपराधों के लिए एक कठोर केंद्रीय कानून और अनुकरणीय सजा पर विचार किया जाए, जिसमें परीक्षण अधिकारियों (trial authorities) द्वारा एक निश्चित समय सीमा के अंदर मामलों के निपटान के लिए अनिवार्य प्रावधान हो. मुझे आशा है कि व्यापक रूप से हमारे समाज के हित में इस मामले पर आपकी ओर से बहुत ध्यान दिया जाएगा.”
बता दें, 26 अगस्त को, केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने पश्चिम बंगाल में महिलाओं और बच्चों के लिए आवश्यक सुरक्षा उपायों को लागू करने में विफलता के लिए पश्चिम बंगाल सरकार की आलोचना की.
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी को लिखे पत्र में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राज्य को 123 फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट (एफटीएससी) आवंटित किए गए थे, लेकिन उनमें से कोई भी अभी तक काम नहीं कर रहे हैं.
इससे पहले, 22 अगस्त को पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखकर केंद्र सरकार से केंद्रीय कानून लाने और “संवेदनशील” मुद्दों के लिए त्वरित सुनवाई सुनिश्चित करने के लिए फास्ट-ट्रैक अदालतें स्थापित करने का आग्रह किया था.
पत्र में ममता ने उल्लेख किया था कि ऐसे “संवेदनशील” मुद्दों को ऐसे जघन्य अपराधों के अपराधियों के खिलाफ अनुकरणीय सजा निर्धारित करने वाले कड़े केंद्रीय कानून के माध्यम से व्यापक रूप से संबोधित करने की आवश्यकता है.
बंगाल की मुख्यमंत्री ने ऐसे मामलों से निपटने के लिए “फास्ट-ट्रैक विशेष अदालतें” स्थापित करने का सुझाव दिया, जिनमें त्वरित सुनवाई की आवश्यकता होती है. यह घटनाक्रम 9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के सेमिनार हॉल में प्रशिक्षु डॉक्टर के मृत पाए जाने के बाद आया है.