नींद से जागी झारखंड सरकार, कहा – ऐसा नहीं हो सकता
रांची (TBN – The Bihar Now डेस्क)| जामताड़ा में 100 से अधिक विद्यालयों में शुक्रवार को दिए जा रहे अवकाश मामले पर झारखंड सरकार की नींद टूटी है. साइबर ठगी के लिए मशहूर जामताड़ा के सभी स्कूलों में रविवार को अवकाश दिया जा रहा है जबकि वे सभी स्कूल उर्दू स्कूल नहीं हैं. स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग इसपर कार्रवाई कर सकता है.
जानकारी के मुताबिक झारखंड के जामताड़ा के दो प्रखंडों, कर्माटांड़ और नारायणपुर में मुस्लिम बहुल आबादी वाले गांवों में संचालित प्राथमिक विद्यालयों में रविवार की बजाय शुक्रवार को साप्ताहिक अवकाश दिया जा रहा है. इन विद्यालयों में मुस्लिम के साथ ही हिंदू धर्म के छात्र भी पढ़ाई करते हैं. अब इसको लेकर बखेड़ा खड़ा हो गया है.
नोटिस बोर्ड पर भी अंकित
शुक्रवार के दिन विद्यालयों में अवकाश का न सिर्फ ऐलान किया गया है, बल्कि विद्यालय के नोटिस बोर्ड पर भी इसको लेकर जानकारी अंकित की गई है. इस मामले को लेकर विवाद शुरू हुआ तो अब महकमे के अधिकारी कुछ भी बोलने से बच रहे हैं. शिक्षा विभाग की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक जिले में 1084 प्राथमिक विद्यालय संचालित हैं जिसमें से 15 विद्यालय उर्दू विद्यालय के रूप में सरकारी अभिलेखों में हैं.
सरकार ने पिछले सालजारी किया था आदेश
झारखंड सरकार ने पिछले साल आदेश जारी किया था कि प्रदेश के सभी उर्दू विद्यालयों में रविवार की जगह शुक्रवार के दिन अवकाश रहेगा. गैर उर्दू विद्यालयों में शुक्रवार को अवकाश नहीं होगा. चाहे वह मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में स्थित स्कूल क्यों न हों या चाहे वहां पढ़नेवाले अधिक बच्चे मुस्लिम क्यों न हों.
खबरों के मुताबिक उस इलाके में वैसे स्कूल जो उर्दू स्कूल के रूप में नोटिफाई नहीं हैं, वहां भी रविवार की बजाय शुक्रवार को अवकाश दिया जा रहा है. आरोप है कि ग्राम शिक्षा समिति और स्थानीय लोगों के दबाव के कारण दर्जनों विद्यालयों में जबरन उर्दू विद्यालय लिखवा दिया गया है और रविवार की बजाय शुक्रवार को छुट्टी दी जा रही है.
हालांकि, इस मामले में विद्यालय के शिक्षक भी कुछ बोलने से कतरा रहे हैं. बेसिक शिक्षा अधिकारी ने इसे लेकर कहा है कि सरकार की ओर से लेटर आया था कि उर्दू विद्यालयों में रविवार की जगह शुक्रवार को साप्ताहिक अवकाश दिया जाएगा.
स्पष्ट गाइडलाइन नहीं होने का फायदा उठा रहे
बता दें, स्कूलों में प्रार्थना को लेकर शिक्षा विभाग की कोई स्पष्ट गाइडलाइन नहीं है. इसका फायदा उठाकर मुस्लिम स्कूलों में प्रार्थना को बदल रहे हैं. स्कूलों में दया कर दान विद्या का… तथा तू ही राम है तू ही रहीम… दोनों प्रार्थना शुरू से होती रही है. कुछ स्कूलों में मां शारदे की भी प्रार्थना होती ही.
इधर शिक्षा सचिव राजेश शर्मा ने कहा है कि स्कूलों में कौन-सी प्रार्थना होगी, विभाग की ओर से कोई गाइडलाइन नहीं जारी की गई है. स्कूलों में प्रार्थना होनी है – सिर्फ यही आदेश है.
वैसे शर्मा के अनुसार, स्कूल में प्रार्थना के माध्यम से किसी धर्म को बढ़ावा नहीं दिया जा सकता. न ही किसी खास प्रार्थना के लिए बच्चों को बाध्य किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि मामले की जांच की जाएगी.