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देश में पहली बार एयरफोर्स स्टेशन पर ड्रोन से हुआ हमला !

जम्मू (TBN – The Bihar Now डेस्क)| जम्मू कश्मीर में आतंकी घटनाओं में अचानक बढ़ोतरी हो गई है. इसी कड़ी में शनिवार देर रात जम्मू एयरफोर्स स्टेशन (Jammu Airforce Station) पर दो धमाके हुए. हालांकि दोनों धमाकों की इन्टेन्सिटी बहुत कम होने के कारण बहुत कम नुकसान हुआ है. वैसे इस हफ्ते में सुरक्षाबल दूसरी बार निशाना बने हैं.

वायुसेना के अनुसार, पहला धमाका छत पर रात लगभग 1.37 पर हुआ जिस कारण छत को थोड़ा नुकसान पहुंचा. जबकि दूसरा धमाका इसके तुरंत बाद लगभग 1.42 पर खुली जगह पर हुआ जहां दो जवान मामूली रूप से चोटिल हुए.

NIA-NSG की टीम पहुंची

जम्मू एयरफोर्स स्टेशन हुए इन दोनों धमाकों की टेरर एंगल से जांच करने वहां एनआईए (NIA) और एनएसजी (NSG) की टीमें पहुंच चुकी हैं. इन धमाकों के पीछे किसके हाथ हैं और ये कैसे हुए, इसकी जांच शुरू हो चुकी है. इन धमाकों के बाद पठानकोट, अम्बाला और अवंतिपुरा एयरबेस को हाई अलर्ट पर रखा दिया गया है.

सूत्रों के अनुसार, जम्मू एयरफोर्स स्टेशन पर हुए इन धमाकों को ड्रोन अटैक (Drone attack) माना जा रहा है. प्रारम्भिक जांच में यह बात सामने आई है कि ड्रोन अटैक के जरिए एयरफोर्स स्टेशन पर खड़े एयरक्राफ्ट और हेलीकॉप्टर को टारगेट करने की कोशिश गई थी. यदि ये धमाके ड्रोन हमला साबित हो जाते हैं तो ये देश के सैन्य ठिकाने पर हुआ देश का पहला ड्रोन अटैक होगा.

वैसे वायुसेना की ओर से हमले के इस मामले पर अभी तक कोई टिप्पणी नहीं आई है. परंतु अभी तक के जांच में ड्रोन हमले का ही शक जताया गया है. बता दें कि इससे पहले अपने देश के किसी भी सैन्य ठिकाने पर ड्रोन अटैक नहीं हुआ है.

ये दोनों धमाके एयरफोर्स स्टेशन के टेक्नीकल एरिया के आस-पास हुए हैं. इसका संकेत यह है कि धमाकों के टारगेट स्टेशन पर खड़े एयरक्राफ्ट थे. सूत्रों के अनुसार, रात्रि में वहां गश्त लगा रही पेट्रोलिंग टीम को हथियार गिरते दिखाई दिए थे.

हमले के संदर्भ मे एक असेसमेंट रिपोर्ट के अनुसार, “एक मंजिला इमारत की छत पर एक गड्ढा हो गया है. इसलिए ऐसा माना जा रहा है कि ये विस्फोट ड्रोन अटैक के कारण हुआ और इसका संभावित टारगेट हेलीकॉप्टर था जो पार्किंग एरिया में खड़े थे.” हालांकि ये कहा गया है कि इन धमाकों में स्टेशन के किसी भी एयरक्राफ्ट या मशीन को नुकसान नहीं पहुंचा है.

सूत्रों के अनुसार, इन दोनों धमाकों में भले ही कोई नुकसान न पहुंचा हो, परंतु ड्रोन अटैक की आशंका से एयरफोर्स स्टेशन जैसे सवेदनशील इलाकों की सुरक्षा पर प्रभाव पड़ता है.

एयरफोर्स स्टेशन पर हुए इस हमले को ड्रोन अटैक से इसलिए भी जोड़कर देखा जा रहा है क्योंकि पड़ोसी देश पाकिस्तान (Pakistan) के कुछ आतंकी संगठनों (Terrorist Outfits) ने चीन (China) से ड्रोन खरीदे थी. ये ड्रोन 20 किलो तक का सामान उठा कर 25 किलोमीटर तक ढोकर लेने जाने में सक्षम थे. इन ड्रोन की खासियत है कि ये फिक्स किये गए किसी भी टारगेट पर आईईडी (IED) गिरा सकते हैं.