सीपीआई एमपी ने राष्ट्रपति को लिखा पत्र, संसद के आगामी विशेष सत्र का किया विरोध
नई दिल्ली (TBN – The Bihar Now डेस्क)| केरल से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के संसद सदस्य (राज्यसभा) बिनॉय विश्वम (Binoy Viswam, Rajya Sabha MP from Kerala representing the Communist Party of India) ने संसद के इस माह में होने वाले विशेष सत्र के विरोध में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखा है. उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि संविधान में परिकल्पित नियंत्रण और संतुलन की प्रणाली एक बड़े खतरे में है.
संसद सदस्य ने इस मामले में संसदीय प्रणाली को संरक्षित करने के लिए राष्ट्रपति से हस्तक्षेप करने की मांग की है. आइए जानते हैं उन्होंने अपने पत्र में क्या लिखा है. नीचे लिखा गया उनके पत्र का हिन्दी अनुवाद है –
“माननीय
श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी,
जिस तरह से सरकार 18 सितंबर, 2023 से 22 सितंबर, 2023 तक संसद का विशेष सत्र बुलाने के लिए आगे बढ़ी है, उसके बारे में मैं पूरी निराशा के साथ आपको लिख रहा हूं.
सम्मन के माध्यम से यह सूचित किया गया कि इस विशेष सत्र में वे सभी कार्य नहीं होंगे जो संसद एक विधायिका के रूप में हमेशा करती रही है. इसमें शून्यकाल, प्रश्नकाल या निजी सदस्य दिवस नहीं होगा. विशेष सत्र के लिए कोई एजेंडा प्रसारित नहीं किया गया है. हमारी सरकार में संसद का कार्य सरकार को लोगों के प्रति जवाबदेह बनाए रखना है. हालाँकि, इन कार्रवाइयों से यह आश्चर्य होता है कि क्या यह सत्र कार्यकारी संसद होगा, जो उस सदन की जगह लेगा जहाँ बहस, चर्चा और असहमति होती थी. जैसा कि हमने पिछले सत्रों में देखा, सरकार ने सदस्यों को मणिपुर हिंसा, अदानी खुलासे और पेगासस जासूसी मुद्दे जैसे अत्यंत महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करने से रोक दिया. साथ ही, दूरगामी परिणामों वाले कई कानून बहुत कम या बिना किसी बहस के जल्दबाजी में पारित किए गए. संसद को अप्रभावी बनाने के इन प्रयासों के आलोक में, ऐसा प्रतीत होता है कि इस विशेष सत्र के साथ, सरकार यह स्पष्ट संदेश देना चाहती है कि संसदीय बहुमत ने उन्हें संसदीय प्रणाली को पूरी तरह से ख़त्म करने में सक्षम बना दिया है. इरादा संसद को भक्त जन समिति बनाने का है जिसमें चर्चा के लिए कोई जगह नहीं होगी.
यह स्पष्ट है कि हमारे संविधान में परिकल्पित नियंत्रण और संतुलन की प्रणाली एक बड़े खतरे में है. माननीय राष्ट्रपति जी, आपने “संविधान की रक्षा, सुरक्षा और बचाव करने की शपथ ली है और इन असाधारण परिस्थितियों में, मैं संसदीय प्रणाली को संरक्षित करने के लिए आपके हस्तक्षेप का अनुरोध करता हूं. आपका हस्तक्षेप संसदीय सत्रों को एक ऐसा मंच बनाने की अनुमति दे सकता है जहां प्रश्न और महत्व के मामले हों जैसा कि संसद में होना चाहिए, उठाया जाता है और उस पर विचार-विमर्श किया जाता है.”

बता दें, बिनॉय विश्वम केरल से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) से राज्यसभा में संसद सदस्य हैं. वह सीपीआई के राष्ट्रीय सचिव और अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हैं.
संसद का विशेष संसद सत्र
बताते चलें, संसद का विशेष संसद सत्र 18-22 सितंबर तक आयोजित किया जाएगा. गौरतलब है कि आम तौर पर एक वर्ष में तीन संसदीय सत्र आयोजित किए जाते हैं – बजट, मानसून और शीतकालीन सत्र. लेकिन इस विशेष सत्र के लिए लोकसभा-राज्यसभा सचिवालय ने बताया कि विशेष सत्र के दौरान प्रश्नकाल या फिर निजी सदस्यों के कामकाज जैसी कार्यवाही नहीं होगी. सचिवालय के अनुसार सत्र के दौरान पांच बैठकें होंगी.