मणिपुर हिंसा: कम से कम 60 की मौ’त, 231 घा’यल, 1,700 घर ज’ले
इम्फाल (TBN – The Bihar Now डेस्क)| मणिपुर (Manipur) के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने सोमवार को कहा कि मणिपुर में तीन मई से अब तक हुई जातीय हिंसा में महिलाओं सहित कम से कम 60 लोगों की मौत हो गई है और 231 लोग घायल हो गए हैं, जबकि 1,700 घर जला दिए गए हैं. उन्होंने घोषणा की कि हिंसा भड़काने वाले व्यक्तियों और समूहों और अपनी जिम्मेदारियों को पूरा नहीं करने वाले सरकारी कर्मचारियों पर जिम्मेदारी तय करने के लिए एक उच्च-स्तरीय जांच की जाएगी. सिंह ने मीडिया को बताया कि अब तक 1,593 छात्रों सहित हिंसा की चपेट में आए 35,655 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है.
उन्होंने कहा कि लगभग 10,000 लोग फंसे हुए हैं, उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह घटना के पहले दिन से सोमवार तक स्थिति की निगरानी कर रहे हैं. सिंह ने कहा कि गृह मंत्री ने हिंसा से निपटने के लिए सेना और असम राइफल्स के 105 कॉलम की मदद के लिए केंद्रीय बलों की 50 कंपनियां भेजी हैं. उन्होंने कहा कि उपद्रवियों और आंदोलनकारियों ने सुरक्षा बलों से 1,041 हथियार और 7,460 गोलियां छीन लीं और अब तक 214 हथियार और 4,273 गोलियां बरामद की गई हैं.
मुख्यमंत्री ने लोगों से शांति की अपील करते हुए मृतक के परिजनों को पांच लाख रुपये, गंभीर रूप से घायल होने पर दो लाख रुपये और गैर गंभीर रूप से घायल होने पर 25 हजार रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है. उन्होंने कहा, “मैं सभी से निराधार और निराधार अफवाहें नहीं फैलाने या उन पर विश्वास नहीं करने की अपील करता हूं. मैं लोगों से अपील करता हूं कि वे राज्य में शांति और शांति लाएं. फंसे हुए लोगों को उनके संबंधित स्थानों तक पहुंचाना शुरू कर दिया गया है.”
सिंह ने कहा कि मणिपुर में विभिन्न स्थानों पर फंसे उन सभी लोगों को सुरक्षित स्थानों और आश्रय शिविरों में सर्वोत्तम संभव देखभाल और सहायता प्रदान की जा रही है.
बता दें, पिछले 3 मई को ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ मणिपुर ( All Tribal Students` Union of Manipur, ATSUM) द्वारा अनुसूचित जनजाति में मेइती (Meitei) समुदाय को शामिल करने की मांग का विरोध करने के लिए बुलाए गए ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ (Tribal Solidarity March) के दौरान विभिन्न स्थानों पर अभूतपूर्व हिंसक झड़पें, हमले और आगजनी हुई.
मीतेई ट्रेड यूनियन द्वारा दायर एक रिट याचिका पर कार्रवाई करते हुए मणिपुर उच्च न्यायालय (Manipur High Court’) के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एम.वी. मुरलीधरन ने 19 अप्रैल को राज्य सरकार को केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्रालय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) सूची में मीतेई समुदाय को शामिल करने की सिफारिश प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था.
मणिपुर में व्याप्त अशांति को देखते हुए केंद्र सरकार ने स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए पहले ही राज्य में धारा 355 लागू कर दी है. अनुच्छेद 355 संविधान में निहित आपातकालीन प्रावधानों का हिस्सा है जो केंद्र को आंतरिक गड़बड़ी या बाहरी आक्रमण के खिलाफ राज्य की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने का अधिकार देता है.
बिहारी छात्रों को मंगलवार सुबह वापस लाया जाएगा
इधर सोमवार को, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पटना में बताया कि उत्तर पूर्वी राज्य में मौजूदा हिंसा के मद्देनजर मणिपुर से राज्य लौटने के इच्छुक बिहारी छात्रों को मंगलवार सुबह इंडिगो के विमान से वापस पटना लाया जाएगा.
बता दें, इम्फाल और उसके आसपास के विभिन्न शिक्षण संस्थानों में पढ़ने वाले बिहार के लगभग 300 छात्र वर्तमान में मणिपुर में हिंसा के मद्देनजर अपने संबंधित छात्रावासों में रह रहे हैं.
सीएम कार्यालय के अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देशानुसार मणिपुर के विभिन्न शिक्षा संस्थानों में पढ़ने वाले बिहारी छात्रों को पहले बसों के माध्यम से इंफाल हवाई अड्डे लाया जाएगा. हवाई अड्डे से छात्रों को इंडिगो की उड़ान के माध्यम से पटना लाया जाएगा. मंगलवार को सुबह 6 बजे इंफाल से उड़ान भरेंगे.