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2013 रेप मामले में आसाराम बापू को उम्रकैद की सजा

गांधीनगर / गुजरात (TBN – The Bihar Now डेस्क)| गांधीनगर की एक सत्र अदालत ने मंगलवार को स्वयंभू धर्मगुरु आसाराम बापू को 2013 (Asaram Bapu sentenced to life in 2013 rape case) में एक महिला शिष्या द्वारा दायर बलात्कार के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई. धर्मगुरु को भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (2) (सी) के तहत बलात्कार और 377 (अप्राकृतिक अपराध) के तहत दोषी करार दिया गया.

आदेश पारित करते हुए कोर्ट द्वारा यह नोट किया गया कि आसाराम (Asaram Bapu) ने समाज के खिलाफ “बहुत गंभीर अपराध” किया है. कोर्ट ने माना कि “धार्मिक लोगों के शोषण” को पूरी तरह से रोकने के लिए उन्हें दंडित किया जाना चाहिए.

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश डीके सोनी (Additional Sessions Judge DK Soni) ने पीड़िता को मुआवजे के रूप में भुगतान करने के लिए आसाराम पर 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया.

अदालत ने अपने आदेश में कहा, “अभियोजन ने अभियुक्त के द्वारा किए गए अपराध संदेह को साबित किया है. अभियुक्त का वृद्ध होना और उसके स्वास्थ्य का ठीक नहीं रहना उसके बचाव का आधार नहीं हो सकता. आरोपी ने बहुत गंभीर अपराध किया है और ऐसे जघन्य अपराध के लिए सहानुभूति का कोई स्थान नहीं हो सकता. इस तरह के जघन्य अपराध के अपराधी को समाज के धर्मनिष्ठ लोगों के शोषण को रोकने के लिए बख्शा नहीं जा सकता है.”

कोर्ट ने कहा, ‘हमारे शास्त्रों में भी कहा गया है कि जहां नारी का सम्मान होता है वहां देवता निवास करते हैं. इतना ही नहीं, महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना हम सभी की जिम्मेदारी है.”

अदालत ने यह भी कहा कि घटना के समय पीड़िता की उम्र करीब 20-21 साल थी जबकि आसाराम की उम्र करीब 60-62 साल थी. आरोपी, जो पीड़िता के पिता से बड़ा है, द्वारा किए गए अपराध को हल्के में नहीं लिया जा सकता है. अदालत ने कहा कि यह न केवल समाज की बल्कि अदालत की भी नैतिक जिम्मेदारी है कि वह समाज में एक मिसाल कायम करे और ऐसे अपराधों को ऐसे अपराध करने से रोके.

बता दें, सूरत की पीड़िता ने 2013 में आसाराम बापू और छह अन्य के खिलाफ 2001 और 2006 के बीच अहमदाबाद में अपने आश्रम में बलात्कार करने और उसे अवैध रूप से बंधक बनाने का मामला दर्ज कराया था. वहीं, आसाराम विभिन्न मामलों में अलग-अलग जेल की सजा काट रहा है.