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अरविंद केजरीवाल दो दिनों में मुख्यमंत्री पद से देंगे इस्तीफा, जल्दी चुनाव कराने की मांग

नई दिल्ली (The Bihar Now डेस्क)| दिल्ली के मुख्यमंत्री (Delhi Chief Minister) और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक (AAP national convenor) अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने रविवार को बड़ा ऐलान किया कि वह दो दिन बाद मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देंगे और तब तक मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठेंगे जब तक दिल्ली की जनता (public of Delhi) उन्हें “ईमानदार” (honest) नहीं मानती.

केजरीवाल ने आगे कहा कि अगर जनता उन्हें वोट देती है, तो यह उनके लिए ईमानदारी का प्रमाणपत्र होगा. उन्होंने यह भी कहा कि वह महाराष्ट्र के साथ दिल्ली में भी जल्दी चुनाव कराने की मांग करेंगे.

AAP कार्यालय (AAP office) में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, “मैं दो दिन बाद मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देने जा रहा हूँ. मैं तब तक मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठूँगा जब तक लोग अपना फैसला नहीं देते. मैं हर घर और गली में जाऊँगा और तब तक कुर्सी पर नहीं बैठूँगा जब तक मुझे जनता का फैसला नहीं मिल जाता. मैं तब तक मुख्यमंत्री के पद पर नहीं बैठूँगा जब तक जनता अपना निर्णय नहीं सुनाती. चुनाव कुछ महीनों में होने वाले हैं. अगर आपको लगता है कि केजरीवाल ईमानदार हैं, तो मेरे लिए वोट करें, मैं चुनाव के बाद मुख्यमंत्री बन जाऊँगा. अगर आपको लगता है कि मैं ईमानदार नहीं हूँ, तो वोट न दें. आपका वोट मेरी ईमानदारी का प्रमाणपत्र होगा, तभी मैं मुख्यमंत्री के पद पर बैठूँगा.”

अगले मुख्यमंत्री का निर्णय जल्द

केजरीवाल ने आगे कहा, “चुनाव फरवरी में होने की उम्मीद है. मैं मांग करता हूँ कि चुनाव नवंबर में महाराष्ट्र (Maharashtra elections) के चुनावों के साथ कराए जाएँ. जब तक चुनाव नहीं होते, पार्टी से किसी और को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा. अगले 2-3 दिनों में विधायकों की एक बैठक होगी, जहाँ अगले मुख्यमंत्री का निर्णय लिया जाएगा.”

केजरीवाल ने यह भी आरोप लगाया कि केंद्र सरकार उन राज्यों के मुख्यमंत्रियों के खिलाफ मामले दर्ज करने की योजना बना रही है, जहाँ बीजेपी चुनाव हार चुकी है.

क्योंकि वे लोकतंत्र को बचाना चाहते थे

पार्टी कार्यकर्ताओं को दिए गए अपने सम्बोधन में अरविंद केजरीवाल ने कहा कि लोग पूछते हैं कि केजरीवाल ने जेल से इस्तीफा क्यों नहीं दिया. उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया क्योंकि वे लोकतंत्र को बचाना चाहते थे. अब उनके पास एक नया फॉर्मूला है; वे उन राज्यों में विपक्षी पार्टियों के मुख्यमंत्री के खिलाफ मामले दर्ज करते हैं जहाँ उन्होंने चुनाव हारे हैं. उन्होंने सिद्धारमैया और पिनराई विजयन के खिलाफ भी मामले दर्ज किए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने पूछा है कि सरकार जेल से क्यों नहीं चलाई जा सकती… मैं सभी गैर-BJP मुख्यमंत्रियों से अपील करता हूँ कि अगर आपके खिलाफ कोई मामला है, तो इस्तीफा मत दीजिए. अगर दिल्ली के लोग सोचते हैं कि केजरीवाल ईमानदार नहीं है, तो मैं मुख्यमंत्री पद पर एक मिनट भी नहीं रहूँगा. आज मेरा बैंक खाता खाली है… मैंने वकीलों से कहा कि मैं मामले के खत्म होने तक मुख्यमंत्री पद नहीं लेना चाहता. वकीलों ने कहा कि यह मामला दस साल से ज्यादा चलेगा. अब मैं आपके सामने हूँ. मैं आपसे पूछता हूँ कि क्या केजरीवाल ईमानदार है या बेईमान. मैं तब तक मुख्यमंत्री पद पर नहीं बैठूँगा जब तक जनता अपना निर्णय नहीं सुनाती.

दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल रविवार को दिल्ली स्थित पार्टी कार्यालय पहुंचे. शुक्रवार रात तिहाड़ जेल से रिहा होने के बाद यह उनकी पहली बैठक थी.

उधर, शनिवार को केजरीवाल ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ एक बैठक की थी जिसमें हरियाणा विधानसभा चुनाव और राष्ट्रीय राजधानी में पार्टी संगठन जैसे विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई.

बताते चलें, सुप्रीम कोर्ट द्वारा उन्हें दिल्ली एक्साइज नीति घोटाले से संबंधित भ्रष्टाचार मामले में जमानत मिलने के कुछ घंटे बाद केजरीवाल को शुक्रवार शाम को तिहाड़ जेल से रिहा किया गया था.