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“मानवीय मूल्यों पर आधारित पत्रकारिता” की जगह नहीं ले सकता AI- राष्ट्रपति मुर्मू

नई दिल्ली (The Bihar Now डेस्क)| राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Droupadi Murmu) ने बुधवार को कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) दुनिया में नई संभावनाएं और चुनौतियां लेकर आया है और अब यह मीडिया के क्षेत्र में भी प्रवेश कर चुका है. लेकिन यह कभी भी “मानवीय मूल्यों पर आधारित पत्रकारिता” की जगह नहीं ले सकता. राष्ट्रपति मुर्मू 19वें रामनाथ गोयनका उत्कृष्टता पत्रकारिता पुरस्कार समारोह (19th Ramnath Goenka Excellence in Journalism Awards) में बोल रही थीं.

राष्ट्रपति ने कहा, “मशीनों ने रिपोर्ट तैयार करना और संपादन करना शुरू कर दिया है. वह दिन दूर नहीं जब वे पत्रकारों के अधिकतर काम कर सकेंगी. लेकिन वे कभी भी इंसानों जैसी संवेदनशीलता और सहानुभूति नहीं रख पाएंगी. यही विशेषता पत्रकारों को एआई से अलग और बेहतर बनाएगी. मानवीय मूल्यों से जुड़ी पत्रकारिता कभी खत्म नहीं होगी.”

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि लोकतंत्र के लिए स्वतंत्र और निष्पक्ष पत्रकारिता बहुत जरूरी है. अगर नागरिकों को सही जानकारी नहीं मिलेगी, तो लोकतांत्रिक प्रक्रिया का कोई अर्थ नहीं रह जाएगा.

उन्होंने कहा कि न्यूजरूम में विचारों की सक्रियता पत्रकारिता के लिए आवश्यक है. साथ ही, गुणवत्तापूर्ण और सटीक रिपोर्टिंग सुनिश्चित करने के लिए शोध और अनुसंधान (रिसर्च) का भी महत्वपूर्ण योगदान होता है. उन्होंने ‘इंडियन एक्सप्रेस’ अखबार का उदाहरण दिया, जो रामनाथ गोयनका के नेतृत्व में निष्पक्ष और खोजपरक पत्रकारिता का प्रतीक रहा है.

राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि पत्रकारिता की आत्मा को मजबूत करने के लिए ग्राउंड रिपोर्टिंग को प्राथमिकता देनी चाहिए. मीडिया संस्थानों को अपने संसाधनों का उपयोग इस दिशा में करना चाहिए ताकि जनता तक वास्तविक और ठोस समाचार पहुंच सके.

मीडिया के व्यवसायिक मॉडल पर चर्चा करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि पहले अखबार और पत्रिकाएं गुणवत्तापूर्ण रिपोर्टिंग और विश्लेषण पर ध्यान देती थीं, जिससे उनकी बिक्री बढ़ती थी. इससे विज्ञापनदाताओं को अच्छा प्लेटफार्म मिलता था, जिससे समाचार पत्रों का खर्च पूरा होता था. लेकिन आज कई तरह के हाइब्रिड बिजनेस मॉडल आ गए हैं.

राष्ट्रपति ने डीपफेक और एआई के दुरुपयोग को भी एक गंभीर खतरा बताया. उन्होंने कहा कि सभी नागरिकों, खासतौर पर युवाओं को इसके प्रति जागरूक करने की जरूरत है, ताकि वे गलत सूचना और फर्जी खबरों का शिकार न बनें.

पुरस्कार समारोह के दौरान, राष्ट्रपति ने कहा कि “रामनाथ गोयनका पत्रकारिता पुरस्कार” केवल उत्कृष्ट पत्रकारों को सम्मानित करने के लिए नहीं, बल्कि भारतीय मीडिया के एक महान व्यक्तित्व की विरासत को भी याद करने का अवसर है.

उन्होंने कहा, “रामनाथ गोयनका ने स्वतंत्रता से पहले और स्वतंत्रता के बाद भी प्रेस की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष किया. आपातकाल के दौरान उनके अखबार ने झुकने से इनकार कर दिया. तब उनके अखबार ने एक खाली संपादकीय प्रकाशित किया, जो स्वतंत्र पत्रकारिता और लोकतांत्रिक अधिकारों की बहाली का प्रतीक बन गया. उनकी निडरता स्वतंत्रता संग्राम के मूल्यों से प्रेरित थी.”

राष्ट्रपति ने यह भी बताया कि रामनाथ गोयनका की सेवा भावना सिर्फ पत्रकारिता तक सीमित नहीं थी. उनका महात्मा गांधी से भी विशेष संबंध था, और वे कई सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय रहे.

रामनाथ गोयनका फाउंडेशन द्वारा 2006 से शुरू किए गए इन पुरस्कारों का उद्देश्य पत्रकारिता के क्षेत्र में उत्कृष्टता को पहचानना और सम्मानित करना है. यह पुरस्कार 13 श्रेणियों में दिए जाते हैं, जिनमें खोजी पत्रकारिता, खेल, राजनीति, सरकारी रिपोर्टिंग, पुस्तकें, फीचर लेखन और क्षेत्रीय भाषाओं की पत्रकारिता शामिल हैं. कुल 20 पत्रकारों को उनके बेहतरीन योगदान के लिए सम्मानित किया जाता है.