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नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ में 18 लोगों की मौत, 9 बिहार के

नई दिल्ली (The Bihar Now डेस्क)| नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात करीब 9:26 बजे मची भगदड़ में कम से कम 18 लोगों की मौत हो गई, जिनमें 3 बच्चे भी शामिल हैं, जबकि दर्जनों घायल हो गए. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. भगदड़ में बिहार के 9 लोगों की मौत हुई है जिसकी सूची रेलवे ने जारी की है.

भारतीय रेलवे की ओर से जारी सूची के मुताबिक, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ में बिहार के कई लोगों की मौत हुई है. मृतकों में शामिल नाम इस प्रकार हैं:

  • सुरुचि (11 वर्ष) पुत्री मनोज शाह निवासी मुजफ्फरपुर, बिहार
  • कृष्णा देवी (40 वर्ष) पत्नी विजय शाह निवासी समस्तीपुर, बिहार
  • विजय साह (15 वर्ष) पुत्र राम सरूप साह निवासी समस्तीपुर, बिहार
  • नीरज (12 वर्ष) पुत्र इंद्रजीत पासवान निवासी वैशाली, बिहार
  • शांति देवी (40 वर्ष) पत्नी राज कुमार मांझी निवासी नवादा, बिहार
  • पूजा कुमार (8 वर्ष) पुत्री राज कुमार मांझी निवासी नवादा, बिहार
  • आशा देवी (79 वर्ष) पत्नी रविंदी नाथ निवासी बक्सर, बिहार
  • पूनम देवी (40 वर्ष) पत्नी मेघनाथ निवासी सारण, बिहार
  • ललिता देवी (35 वर्ष) पत्नी संतोष निवासी पटना, बिहार

इस दर्दनाक हादसे के बाद भारतीय रेलवे ने पीड़ितों के लिए मुआवजे की घोषणा की है.

  • मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपये दिए जाएंगे.
  • गंभीर रूप से घायलों को 2.5 लाख रुपये की सहायता दी जाएगी.
  • सामान्य रूप से घायल लोगों को 1 लाख रुपये का मुआवजा मिलेगा.

सरकार ने आश्वासन दिया है कि प्रभावित परिवारों को हरसंभव सहायता दी जाएगी और हादसे की गहन जांच कराई जाएगी.

अन्य जगहों के मृतकों के नाम इस प्रकार हैं –

> संगीता मलिक (34 वर्ष) पत्नी मोहित मलिक निवासी भिवानी, हरियाणा
> पूनम (34 वर्ष) पत्नी वीरेंद्र सिंह निवासी महावीर एन्क्लेव, दिल्ली
> ममता झा (40 वर्ष) पत्नी विपिन झा निवासी नांगलोई, दिल्ली
> रिया सिंह (7 वर्ष) पुत्री ओपिल सिंह निवासी सागरपुर, दिल्ली
> बेबी कुमारी (24 वर्ष) पुत्री प्रभु साह निवासी बिजवासन, दिल्ली
> मनोज (47 वर्ष) पुत्र पंचदेव कुशवाह निवासी नांगलोई, दिल्ली
> पिंकी देवी (41 वर्ष) पत्नी उपेन्द्र शर्मा निवासी संगम विहार, दिल्ली
> शीला देवी (50 वर्ष) पत्नी उमेश गिरी निवासी सरिता विहार, दिल्ली
> व्योम (25 वर्ष) पुत्र धर्मवीर निवासी बवाना, दिल्ली

भीड़ बढ़ने से हुआ हादसा

यह हादसा तब हुआ जब स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 14 और 15 पर प्रयागराज जाने वाली ट्रेनों का इंतजार कर रहे यात्रियों की भीड़ अचानक बढ़ गई. प्रयागराज में चल रहे “महाकुंभ” के कारण बड़ी संख्या में श्रद्धालु वहां जाने के लिए स्टेशन पर इकट्ठा हुए थे, जिससे स्थिति बेकाबू हो गई और भगदड़ मच गई.

बताया जा रहा है कि स्टेशन पर भारी भीड़ होने की वजह से लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी. दम घुटने (सफोकेशन) की वजह से कई यात्री बेहोश होने लगे, जिससे वहां मौजूद लोग घबरा गए और अफरा-तफरी मच गई.

इसी दौरान, जब प्लेटफॉर्म नंबर 14 पर आने वाली ट्रेन के अचानक प्लेटफॉर्म नंबर 16 पर आने की घोषणा हुई, तो यात्रियों में भ्रम की स्थिति बन गई. लोग जल्दबाजी में इधर-उधर भागने लगे और भगदड़ मच गई.

मृतकों में तीन बच्चे भी शामिल

दिल्ली की कार्यवाहक मुख्यमंत्री आतिशी ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि 15 लोगों को लोक नायक जय प्रकाश अस्पताल लाया गया था, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. इनमें से 13 मृतकों की पहचान हो चुकी है, जबकि बाकी दो की शिनाख्त की जा रही है. मृतकों में तीन बच्चे भी शामिल हैं.

रेल मंत्री ने जताया दुख

रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस हादसे पर गहरा दुख जताया. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुए दुर्भाग्यपूर्ण हादसे से गहरा दुख हुआ. मेरी संवेदनाएं उन सभी लोगों के साथ हैं जिन्होंने इस घटना में अपने प्रियजनों को खो दिया. रेलवे की पूरी टीम प्रभावित लोगों की हर संभव मदद कर रही है.”

पहले रेलवे मंत्रालय ने किया था इनकार

हादसे के तुरंत बाद रेलवे मंत्रालय ने किसी भी मौत की खबर को खारिज कर दिया था. नॉर्दर्न रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (CPRO) ने स्टेशन पर भगदड़ होने की खबर को गलत बताया था. उन्होंने कहा था कि कोई भगदड़ नहीं मची, यह सिर्फ एक अफवाह है. उनके मुताबिक, स्टेशन पर भीड़ जरूर थी, लेकिन हालात काबू में थे और किसी तरह की भगदड़ जैसी घटना नहीं हुई. लेकिन बाद में अधिकारियों ने पुष्टि की कि भगदड़ में 15 लोगों की जान गई है और कई घायल हुए हैं.

रेलवे डीसीपी केपीएस मल्होत्रा के अनुसार, “प्लेटफॉर्म नंबर 14 पर बड़ी संख्या में यात्री जमा हो गए थे, क्योंकि वहां प्रयागराज एक्सप्रेस खड़ी थी. इस दौरान स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस और भुवनेश्वर राजधानी एक्सप्रेस के प्रस्थान में देरी हो रही थी, जिससे प्लेटफॉर्म नंबर 12, 13 और 14 पर यात्रियों की भीड़ लगातार बढ़ती गई. सबसे ज्यादा अफरा-तफरी प्लेटफॉर्म नंबर 14 और प्लेटफॉर्म नंबर 1 के पास मौजूद एस्केलेटर के पास मची. वहां हालात इतने बिगड़ गए कि लोग धक्का-मुक्की करने लगे और भगदड़ जैसी स्थिति बन गई.”

इस हादसे से स्टेशन पर अफरा-तफरी मच गई और यात्रियों में दहशत का माहौल बन गया. प्रशासन अब स्थिति को संभालने और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठा रहा है.

राजनीति शुरू

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ को लेकर राजनीति भी तेज हो गई है. इस हादसे की वजह प्रयागराज जाने वाली दो ट्रेनों का अचानक रद्द होना बताया जा रहा है, जिससे हजारों यात्री स्टेशन पर फंसे रह गए और भीड़ बेकाबू हो गई.

दुर्घटना की खबर मिलते ही दिल्ली की कार्यवाहक मुख्यमंत्री आतिशी (Atishi) तुरंत लोक नायक जय प्रकाश (LNJP) अस्पताल पहुंचीं और घायलों से मुलाकात की. उन्होंने पीड़ितों का हालचाल जाना और हर संभव मदद का आश्वासन दिया.

इस घटना पर कांग्रेस ने सरकार को घेरा और कहा कि यह हादसा प्रशासन की लापरवाही और खराब व्यवस्था की वजह से हुआ है. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि यदि रेलवे प्रबंधन सही ढंग से काम करता तो इतनी बड़ी घटना को रोका जा सकता था.

वहीं, दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ को लेकर केंद्र सरकार पर कड़ा हमला बोला है. उन्होंने इस हादसे को प्रशासन की भारी लापरवाही करार दिया.

सिसोदिया ने कहा, “इस भगदड़ में कई मासूम लोगों की जान चली गई, कई परिवार उजड़ गए. यह सिर्फ एक हादसा नहीं, बल्कि प्रशासन की गंभीर लापरवाही का नतीजा है.” उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा, “आखिर कब तक आम जनता को ऐसी घटनाओं की कीमत अपनी जान देकर चुकानी पड़ेगी?”

सिसोदिया ने सरकार से इस घटना की पूरी जिम्मेदारी लेने और रेलवे की अव्यवस्थाओं को सुधारने की मांग की.

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