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BPSC परीक्षा में अब निगेटिव मार्किंग के साथ कई बदलाव

पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क)| बिहार लोक सेवा आयोग (Bihar Public Service Commission) ने प्रारंभिक परीक्षा (PT) में बड़ा परिवर्तन किया है. यह बदलाव 68वीं बीपीएससी परीक्षा से ही लागू हो जाएगा.

इस बदलाव को लेकर विभाग की ओर से घोषणा के अनुसार, पीटी परीक्षा में अब प्रश्न पत्र 150 अंक की बजाय 200 अंक के होंगे. साथ ही, अब से नेगटिव मार्किंग भी शुरू की जा रही है.

गुरुवार को आयोग मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए बीपीएससी अध्यक्ष अतुल प्रसाद ने यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि कठिन अंक वाले सवालों का अलग से सेट तैयार होगा. 1-1 अंक के 100 प्रश्न होंगे. बाकी 50 प्रश्न 2-2 अंक के होंगे. ये 50 प्रश्न स्टार मार्किंग वाले होंगे जो अन्य प्रश्नों की अपेक्षा थोड़े कठिन होंगे. इन प्रश्नों का सही जवाब देने पर अभ्यर्थियों को दोगुना अंक मिलेगा.

अतुल प्रसाद ने कहा कि नेगटिव मार्किंग शुरू होने के बाद वैसे विद्यार्थी जो प्रश्नों के उत्तर में तुक्का लगाते थे, वे सफल नहीं हो सकेंगे. बताया गया कि अंदाज के आधार पर जवाब देने वाले अभ्यर्थियों को परीक्षा की प्रक्रिया से बाहर करने के लिए कवायद की जा रही है.

‘ज्यादा संख्या में प्रतिभाशाली छात्र उतीर्ण हों’

बीपीएससी प्रारंभिक परीक्षा में किए गए इस पूरे बदलाव को लेकर आयोग के अध्यक्ष अतुल प्रसाद ने कहा कि इस बदलाव के बाद प्रतिभाशाली छात्र अधिक से अधिक आ सकेंगे.

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उन्होंने आगे कहा कि बीपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा में अब नेगेटिव मार्किंग भी होगी. बता दें कि अब तक प्रारंभिक परीक्षा में गलत जवाबों के लिए मार्क्स नहीं काटे जाते थे. ऐसे में कई परीक्षार्थी तुक्का मारकर भी आते थे.

अभ्यर्थियों के सामने प्रश्न पत्र परीक्षा केंद्र पर ही होगा प्रिंट

अध्यक्ष ने कहा कि अब आगे से बीपीएससी की लिखित परीक्षाओं में परीक्षा केंद्रों पर ही प्रश्न पत्र प्रिंट किए जाएंगे,न कि ये आयोग से प्रिंट होकर परीक्षा केंद्रों पर भेजे जाएंगे. परीक्षा के दिन ही चेयरमैन रैंडम रूप से एक सेट संबंधित परीक्षा केंद्रों को भेजेंगे. परीक्षा हाल में ही अभ्यर्थियों के सामने प्रश्न प्रिंट होगा और वितरित किया जाएगा.

उन्होंने बताया कि अभी एक-एक नंबर पर कई अभ्यर्थी आ जाते हैं, क्योंकि परीक्षा में निगेटिव मार्किंग नहीं है. स्वाभाविक है कि तुक्का से उत्तर दिए जाने पर भी छात्र को मार्क मिल जाया करते थे. नेगटिव मार्किंग होने से सही उत्तर न जानने वाले अभ्यर्थी तुक्का मारने की कोशिश नहीं करेंगे. इससे प्रतिभाशाली और सही उत्तर जानने वाले अभ्यर्थी ही पास करेंगे.