यूनेस्को अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता पुरस्कार 2022 से सम्मानित हुआ KISS
भुवनेश्वर (TBN – The Bihar Now डेस्क)| यूनेस्को अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता पुरस्कार 2022 (UNESCO International Literacy Prize 2022) के लिए कलिंग सामाजिक विज्ञान संस्थान (Kalinga Institute of Social Sciences – KISS) को सर्वोच्च वैश्विक मान्यता से सम्मानित किया गया है. यह पुरस्कार गुरुवार 8 सितंबर को कोटे डी आइवर में यूनेस्को द्वारा आयोजित एक वैश्विक पुरस्कार समारोह में दिया गया.
बता दें, इस पुरस्कार के तहत विजेता को एक पदक और एक प्रशस्ति पत्र सहित 20,000 अमेरिकी डॉलर से सम्मानित किया जाता है. यूनेस्को ने 7 नवंबर 1965 को अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाने का फैसला लिया था. उसके बाद 8 सितंबर 1966 से हर साल विश्व साक्षरता दिवस मनाया जाने लगा.
हमारे देश भारत के लिए यह एक गर्व कि बात है कि KISS अंतर्राष्ट्रीय सम्मान प्राप्त करने वाला ओडिशा का पहला और एकमात्र संस्थान है. KISS के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, यह भारतीय गैर-लाभकारी गैर सरकारी संगठनों में तीसरा और इस पुरस्कार से सम्मानित होने वाला पहला भारतीय आदिवासी-आधारित संगठन है. वहीं यह पांचवीं ऐसी भारतीय संस्था है जिसे इस सम्मान से सम्मानित किया गया है.

अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के उत्सव के दौरान KISS के संस्थापक अच्युत सामंत (Dr. Achutya Samant) ने संस्थान के परिसर में इस पुरस्कार के KISS को मिलने की घोषणा की थी. अच्युत सामंत द्वारा KISS को इस पुरस्कार के मिलने की घोषणा के साथ ही संस्थान के 30,000 स्टूडेंटों में स्वतः जोश भर गया. उसके बाद सबों ने बड़े ही उमंग से अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस उत्सव को मनाया.
यह भी पढ़ें| ‘जनता राज’ कहने से आखिर सीएम का मतलब क्या है ?
KISS के आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, ‘किस’ पूरी तरह से एक निःशुल्क आवासीय शिक्षा संस्थान है. इस संस्थान की स्थापना प्रसिद्ध शिक्षाविद् और सामाजिक कार्यकर्ता डॉ अच्युत सामंत ने की थी. इस संस्थान में 70,000 आदिवासी बच्चों (परिसर में शिक्षा प्राप्त करने वाले 30,000 बच्चे और 40,000 पूर्व छात्र) के लिए बड़े स्तर पर विकास, व्यावसायिक और खेल सशक्तिकरण का मौका मिलता है.
बताते चलें, इस Kalinga Institute of Social Sciences की स्थापना डॉ अच्युत सामंत के द्वारा 1993 में की गई थी. यह डॉ सामंत द्वारा स्थापित तकनीकी विश्वविद्यालय, कलिंग इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (KIIT) की एक घटक इकाई है. स्थापना के समय यहां कुल 125 आदिवासी बच्चे हुआ करते थे. धीरे-धीरे यह आदिवासी बच्चों के लिए दुनिया का सबसे बड़ा शैक्षणिक संस्थान बन गया है. आज ‘किस’ को संयुक्त राष्ट्र के विभिन्न निकायों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों से सहयोग मिलता रहता है. यह ईसीओएसओसी (ECOSOC) के साथ 2015 से ही विशेष परामर्शदात्री के रूप में जुड़ा है. इसे जनजातीय सशक्तिकरण और शिक्षा में अपनी पहल के लिए संयुक्त राष्ट्र के जन सूचना विभाग से संबद्ध होने के अलावा कई प्रशंसाओं और पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है.