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सोडियम-आयन सेल्स बनाने वाली कंपनी का रिलायंस करेगी अधिग्रहण

मुम्बई (TBN – The Bihar Now डेस्क)| ब्रिटेन में सोडियम-आयन सेल्स बनाने वाली कंपनी फैराडियन लिमिटेड ने शुरू में कहा था कि वह भारत में विनिर्माण की संभावनाएं तलाश रही है. कंपनी का कहना है कि सोडियम-आयन बैटरी की तकनीक, लिथियम आयन बैटरी से ज्यादा अच्छी है और यह दुनिया भर में ऑटोमोबाइल, स्टोरेज और मोबाइल क्षेत्रों में क्रांति ला सकती है.

रिलायंस की तरफ से जारी एक प्रेस रिलीज के अनुसार, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) की सहायक कंपनी रिलायंस न्यू एनर्जी सोलर लिमिटेड (RNESL) विस्तार योजना के तहत सोडियम-आयन सेल्स बनाने वाली कंपनी फैराडियन लिमिटेड का अधिग्रहण (Reliance New Energy Solar Ltd to acquire UK’s battery firm Faradion) करेगी. रिलायंस न्यू एनर्जी सोलर लिमिटेड 100 मिलियन ब्रिटिश पाउंड वाली इस कंपनी में 100 फीसदी हिस्‍सेदारी का अधिग्रहण करेगी. साथ ही RNESL नए कारोबार के विस्तार के लिए विकास पूंजी के तौर पर 25 मिलियन जीबीपी का निवेश भी करेगी.

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फैराडियन लिमिटेड सोडियम-आयन बैटरी बनाने वाली दुनिया की शीर्ष कंपनियों में एक है. ब्रिटेन में सोडियम-आयन सेल्स बनाने वाली कंपनी फैराडियन ने शुरू में कहा था कि वह भारत में विनिर्माण की संभावनाएं तलाश रही है. कंपनी का कहना है कि सोडियम-आयन बैटरी की तकनीक, लीथियम आयन बैटरी से ज्यादा अच्छी है.

भारतीय बाजार में अहम भूमिका निभा सकती है नई बैटरी

भारत का ऑटोमोबाइल सेक्टर अब तेजी से इलेक्ट्रिक वाहनों में बदल रहा है और इलेक्ट्रिक वाहन टेक्नोलॉजी को भी बहुत तेजी से अपना रहा है. साथ ही हम मोबाइल के सबसे बड़े बाजारों में से एक हैं. इसलिए नई तकनीक की बैटरी भारत के बदलते बाजार में एक अहम भूमिका निभा सकती है. फैराडियन की सोडियम-आयन तकनीक वैकल्पिक बैटरी की दुनिया में बहुत बड़ी तकनीक है. खासकर लीथियम-आयन और लेड एसिड बैटरी के विकल्प के रूप में इसे बहुत ही अहम माना जा रहा है.

भारत की एनर्जी स्टोरेज क्षमता और मजबूत तथा सुरक्षित होगी

अधिग्रहण के बारे में रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने कहा, “हम रिलायंस परिवार में फैराडियन और उसकी अनुभवी टीम का स्वागत करते हैं.” उन्होंने कहा कि फैराडियन की विकसित सोडियम-आयन तकनीक दुनिया में शीर्ष ऊर्जा भंडारण तकनीक मुहैया करती है.

मुकेश अंबानी ने कहा कि सोडियम-आयन तकनीक सोडियम का इस्तेमाल करती है. इससे भारत की एनर्जी स्टोरेज क्षमता और मजबूत तथा सुरक्षित होगी. उन्‍होंने भरोसा जताया कि फैराडियन के साथ काम करना भारत के इलेक्ट्रिक व्हीकल्स सेक्टर को विकसित करने में उनके प्रयासों की दिशा में एक बड़ा कदम होगा.