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विश्व ध्यान दिवस : मेडिटेशन से मानव जीवन में आता है एक नया उजाला

बाढ़ (TBN – अखिलेश्वर सिन्हा की रिपोर्ट)| “परिवर्तन संसार का नियम है दुनिया निरंतर परिवर्तनशील है, मेडिटेशन अज्ञानता और अंधकार से ढके हुए मानव जीवन में एक नया उजाला लाता है” – यह बात बाढ़ ब्रह्मा कुमारीज़ (Brahma Kumaris, Barh) की संचालिका बीके ज्योति दीदी ने कही. वह शनिवार को बाढ़ एनटीपीसी मंदाकिनी क्लब (Barh NTPC Mandakini Club) द्वारा विश्व ध्यान दिवस (World Meditation Day) पर आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहीं थी.

उन्होंने कहा कि आज हर व्यक्ति का मन बाहर की दुनिया में भटक रहा है लेकिन जीवन में आने वाली हर समस्या समाधान हमारे भीतर ही है. उन्होंने बताया कि जब मेडिटेशन के माध्यम से हम अंतर्मुख होंगे तो स्वयं को शांत स्वरूप, प्रकाशवान, तेजस्वी, ऊर्जावान, दिव्य स्वरूप और आत्मक स्वरूप से स्थित कर पाएंगे.

बीके ज्योति ने कहा कि ध्यान के माध्यम से हम अपनी आंतरिक शक्तियों को जागृत कर सकते हैं. इससे न केवल हमारा जीवन स्वस्थ और संतुलन बनता है, बल्कि हम सामूहिक रूप से एक शांतिपूर्ण संवेदनशील और श्रेष्ठ समाज की स्थापना में योगदान दे सकते हैं.

इस कार्यक्रम के अवसर पर अतिथि के रूप में रेखा सिंह, निधि गुप्ता, निकिता सरकार तथा मंदाकिनी क्लब की अनेक सदस्य मौजूद रही.

बताते चलें, संयुक्त राष्ट्र ने 21 दिसंबर को विश्व ध्यान दिवस के रूप में घोषित किया है. यह मानव की सेवा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है. इस पहल का उद्देश्य वैश्विक स्तर पर मेडिटेशन के महत्व को पहचानना और इसे लोगों के दैनिक जीवन का हिस्सा बनना है. ध्यान का अभ्यास न केवल व्यक्तिगत जीवन में सकारात्मक प्रभाव डालता है बल्कि यह समाज और समुदाय में भी शांति सद्भावना और संतुष्ट को प्रोत्साहित करता है.