विजयवर्गीय ने नीतीश की तुलना “विदेशी महिलाओं” से की, जदयू ने कहा बीजेपी ‘असंवेदनशील’
इंदौर / पटना / नई दिल्ली (TBN – The Bihar Now डेस्क)| भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय (Bhartiya Janata Party National General Secretary Kailash Vijayvargiya) ने गुरुवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के खिलाफ विवादित टिप्पणी की और उनकी तुलना “विदेशी महिलाओं” (Vijayvargiya terms Nitish as foreign women) से की.
विजयवर्गीय ने यहां संवाददाताओं से कहा, “जब मैं विदेश यात्रा कर रहा था, तो वहां किसी ने कहा कि वहां की महिलाएं कभी भी अपना बॉयफ्रेंड बदल लेती हैं. बिहार के मुख्यमंत्री भी ऐसे ही हैं. वह कभी नहीं जानते कि वह किसका हाथ पकड़ सकते हैं या छोड़ सकते हैं.”
ललन सिंह का पलटवार
कैलाश विजयवर्गीय द्वारा नीतीश कुमार पर इस टिप्पणी के एक दिन बाद शुक्रवार को जनता दल (यूनाइटेड) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह (JDU President Rajiv Ranjan Singh alias Lalan Singh) ने भाजपा नेता पर पलटवार किया. उन्होंने विजयवर्गीय को एक “असंवेदनशील व्यक्ति” कहा, जो अपने काम पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय हमेशा “विदेशी दौरे” पर रहता है.
ललन सिंह ने कहा, “विजयवर्गीय जी पर कोई टिप्पणी करना बेकार है. कुछ दिन पहले जब देश के बेरोजगार युवा ‘अग्निवीर’ योजना पर आक्रोशित हुए थे तो इस पर प्रतिक्रिया देते हुए विजयवर्गीय ने कहा था कि अगर ‘अग्निवीर योजना’ के तहत युवा बेरोजगार हो जाते हैं, तो चार साल बाद उन्हें भाजपा कार्यालय में सुरक्षा गार्ड की नौकरी दी जाएगी.”
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ललन सिंह ने आगे कहा, “उस व्यक्ति को क्या जवाब दिया जा सकता है जिसका देश के युवाओं के प्रति, देश में बेरोजगारी के प्रति बयान इतना हल्का और असंवेदनशील हो सकता है? वह एक गंभीर व्यक्ति नहीं है. वह ज्यादातर विदेशी दौरों पर रहते हैं. विजयवर्गीय जी को पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के दौरान वहां का प्रभार सौंपा गया था. हम सभी जानते हैं कि उस समय (चुनाव प्रचार) के दौरान पश्चिम बंगाल में क्या हुआ था.”
वो बनें बिहार का प्रभारी तब होगा जमीनी हकीकत का एहसास
जदयू अध्यक्ष ने मीडिया एजेंसी से आगे कहा कि बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय को बिहार का भी प्रभारी बनना चाहिए. तभी वह 2024 के आम चुनावों (2024 general elections) और 2025 में होने वाले बिहार विधानसभा चुनावों (Bihar Assembly Elections to be held in 2025) के लिए भाजपा की संभावनाओं के बारे में जमीनी हकीकत का एहसास करेंगे.
जदयू नेता ने आगे कहा कि भाजपा नेता पश्चिम बंगाल विश्वसनीय नहीं हैं. उन्होंने यह भी कहा कि नीतीश कुमार 1996 से 2013 तक राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में थे और इन 17 वर्षों में कोई समस्या नहीं थी. लेकिन भाजपा का नया नेतृत्व “गठबंधन धर्म” का पालन नहीं करता है और न ही अपने गठबंधन सहयोगियों को सम्मान देना जानता है.