अधिकारियों का स्थानांतरण आदेश रद्द नहीं, बल्कि हो रही समीक्षा: मंत्री
मुजफ्फरपुर (TBN – The Bihar Now डेस्क)| मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) द्वारा भूमि सुधार और राजस्व विभागों (Land Reforms and Revenue departments) में अधिकारियों की तबादला पोस्टिंग पर प्रतिबंध लगाने के बाद, राज्य के मंत्री रामसूरत राय (Ramsurat Rai) ने रविवार को स्पष्ट किया कि आदेश रद्द नहीं किए गए हैं.
राय ने कहा कि इन तबादलों के आदेश की समीक्षा के लिए सुझाव दिया गया है क्योंकि कुछ लोगों ने शिकायत की थी कि उनके आदेश समय सीमा से कम समय में आए थे.
जदयू और भाजपा के बीच दरार से इनकार करते हुए राय ने कहा कि मुख्यमंत्री का भाजपा के साथ 20 से अधिक वर्षों से मजबूत संबंध रहा है . उन्होंने अफवाहों को नकारते हुए कहा कि यह एक मजबूत एनडीए गठबंधन है और आगे भी जारी रहेगा.
जो अधिकारी जहां भी हैं, फिलहाल वहीं रहेंगे
राय ने आगे कहा कि जहां तक तबादलों का सवाल है, कुछ लोगों ने शिकायत की कि आदेश बहुत कम समय में आए. इसलिए मुख्यमंत्री ने कहा कि इसकी समीक्षा करने की आवश्यकता है, यह कहते हुए कि अधिकारी जहां भी होंगे, फिलहाल वहीं रहेंगे.
मुख्यमंत्री देंगे समीक्षा रिपोर्ट को मंजूरी
उन्होंने कहा कि एक सप्ताह के बाद या 10 दिनों में समीक्षा की गई रिपोर्ट मुख्यमंत्री की मंजूरी से भेजी जाएगी. “मैंने (आदेश) रद्द कर दिया और समीक्षा के बाद मैं खुद (रिपोर्ट) भेजूंगा. उसके बाद मुख्यमंत्री अपनी मंजूरी देंगे. इसमें कोई विसंगति नहीं है, कोई जातिवाद शामिल नहीं है. अधिकारियों की कोई जाति नहीं होती है. स्थानांतरण पोस्टिंग अभ्यावेदन के आधार पर की जाती है, यह उनके लिए किया जाता है जिन लोगों ने यहां तीन साल पूरे कर लिए हैं,” राय ने कहा.
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इससे पहले 30 जून को राय द्वारा बड़े पैमाने पर भूमि सुधार और राजस्व विभाग के कई अधिकारियों का तबादला किया गया था.
उनके कार्यकाल में यह दूसरा ऐसा मामला है जब उनके द्वारा किए गए तबादलों को मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने खारिज कर दिया है.
क्या है मामला
बता दें, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार (8 जुलाई) को भू-अभिलेख एवं राजस्व विभागों के 149 अधिकारियों के तबादले एवं नियुक्ति रद्द कर दी थी. इन दोनों विभागों के बीच 149 सर्कल अधिकारियों, बंदोबस्त अधिकारियों और चकबंदी अधिकारियों के स्थानांतरण और पोस्टिंग ने नीतीश कुमार की आँखों में संदेह पैदा कर दिया और उन्होंने इसे रद्द करने का सुझाव दिया. इसके बाद विपक्षी दल राजद ने नीतीश सरकार के पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था.
इससे पहले, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस फैसले पर भूमि सुधार और राजस्व मंत्री राम सूरत राय ने परोक्ष रूप से नाराजगी जताई थी. मीडिया द्वारा सवाल किए जाने पर इसपर प्रतिक्रिया देते हुए राम सूरत राय ने कहा था – “स्थानांतरण-तैनाती रद्द करना मुख्यमंत्री का विशेष विशेषाधिकार है. यदि आवश्यक हो तो मैं स्पष्टीकरण दूंगा. जहां तक राजद का संबंध है, वे विपक्ष में हैं. इसलिए, यह कोई बड़ा मुद्दा नहीं है, अगर इसके नेता इसकी आलोचना कर रहे हैं.”
भूमि राजस्व मंत्री ने इस फैसले पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा था कि “राजनीति किसी के पिता की संपत्ति नहीं है.”