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घोटाले की विरासत महागठबंधन सरकार की बड़ी चुनौती

पटना (वरिष्ठ पत्रकार अनुभव सिन्हा की खास रिपोर्ट)| जोश और तजुर्बे से लबरेज बिहार में महागठबंधन की सरकार (Grand Coalition Government in Bihar) का विकासपरक एजेंडा जो भी हो, अपराध से जुड़े पुराने मामलों से निपटने की चुनौती उसके लिए बड़ी समस्या है.

नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के एक फैसले से बिहार की बदल गई राजनीति और सरकार ने महागठबंधन की सबसे बड़ी सहयोगी राजद के सामने “व्हेन बीजेपी इज इन, इट्स मंगल राज एण्ड व्हेन बीजेपी इज आउट, इट्स जंगल राज” (When BJP is in, it’s Mangal Raj and when BJP is out, it’s Jungle Raj) का एक ऐसा परसेप्शन खड़ा कर दिया है जिसमें सीबीआई की रेड है तो इससे जुड़ी लम्बी चली आ रही राजनीति भी, जिसकी वजह से राजद को दस साल तक सत्ता से बाहर रहना पड़ा.

इस बात पर भी राजनीति हुई कि 2015 में राजद को सत्ता अपने दम पर नहीं बल्कि नीतीश कुमार के कारण मिली, जब राजद और जदयू ने तब महागठबंधन के तहत साथ मिलकर चुनाव लड़ा था और भाजपा को धूल चलाते हुए उसे 53 सीटों पर समेट दिया था.

तब नवम्बर 2015 से जुलाई 2017, 27 जुलाई 2017 से 9 अगस्त 2022 और 9 अगस्त 2022 के बाद अलग-अलग राजनीतिक स्थितियां बनी और अब राजद फिर एक बार सत्ता में है. और, इस बार भी नीतीश कुमार ही कारण बनें जब 9 अगस्त को भाजपा से नाता तोड़कर वह फिर एक बार राजद के साथ हो लिए और सात दलों से मिलकर महागठबंधन की एक मजबूत सरकार बनाई है.

लालू और तेजस्वी के बेहद करीबी के ठिकानों पर सीबीआई का छापा

इसी बीच, बिहार के राज्यपाल के निर्देश पर 24 अगस्त को विधानसभा में महागठबंधन की सरकार ने विश्वास मत जीता, जबकि उसी दिन राजद के 6 करीबियों के यहां सुबह से सीबीआई की छापेमारी चल रही थी.

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इस छापेमारी ने अचानक राजद की राजनीति में तूफान खड़ा कर दिया क्योंकि जिन 6 लोगों के यहां छापेमारी की गई वो सभी लालू और तेजस्वी यादव के बेहद करीबी माने जाते हैं.

नित्यानंद राय को किया टारगेट

नए महागठबंधन सरकार में डिप्टी सीएम बनाए गए तेजस्वी यादव ने गुरुवार को मीडिया से मुखातिब हो भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व पर जम कर भड़ास निकाली और केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय (Union Minister of State for Home Nityanand Rai) को टारगेट करते हुए सम्भल कर रहने की चेतावनी भी दे डाली.

राजनीतिक हलकों और मीडिया जगत में इसे राजनीतिक ही माना गया, लेकिन सीबीआई रेड से जो तथ्य सामने आए हैं, वह राजद के लिए परेशानी का सबब जरूर हैं.

सीबीआई रेड

इसके पहले, हाल ही में सीबीआई ने लालू यादव के ठिकानों पर छापेमारी की थी और जमीन से जुड़े पांच सेल डीड तथा दो गिफ्ट के कागजात बरामद किए थे. सीबीआई के मुताबिक इन सात कागजातों से जो जानकारी सामने आई, उसमें लालू प्रसाद को 1 लाख से ज्यादा वर्ग फिट की जमीन, नौकरी के बदले जमीन घोटाले में दी गई. जबकि बुधवार को पड़े रेड में सीबीआई को 200 सेल डीड मिला जिसने जमीन घोटाले का दायरा और बढा़ दिया है.

और इसलिए, राजनीति और अपराध के मिश्रण से जंगल राज की स्थापना करने वाले लालू यादव ने महागठबंधन सरकार को घोटाले की एक ऐसी विरासत सौंपी है, जो बड़ी चुनौती है. नौकरी के बदले जमीन घोटाले का दायरा जितना बढ़ेगा, उसकी आंच महागठबंधन सरकार पर भी पड़ेगी.

(उपरोक्त लेखक के निजी विचार हैं)