TET-STET शिक्षकों ने राज्यभर के जिला मुख्यालयों में किया सत्याग्रह
Last Updated on 2 years by Nikhil
> अपनी मांगों को लेकर TET-STET शिक्षकों ने राज्यभर के जिला मुख्यालयों में किया शिक्षक सत्याग्रह.
> RTE,NCTE एवं NEP2020 के सभी मानकों को पूरा करने वाले टीईटी एसटीईटी शिक्षकों का अलग संवर्ग बने:- संघ.
> प्रधान शिक्षक एवं प्रधानाध्यापक बहाली में टीईटी/एसटीईटी अनिवार्य हो तथा अनुभव की बाध्यता खत्म किया जाए.
> नव चयनित शिक्षकों का अविलम्ब पदस्थापन सुनिश्चित करे सरकार एवं सभी अभ्यर्थियों के नियोजन की हो गारन्टी.
> 15% बढ़ोतरी अविलंब लागू करो, नव प्रशिक्षित शिक्षकों सहित सभी तरह के अंतर वेतन का भुगतान और ससमय वेतन की व्यवस्था सुनिश्चित करो.
> मांगे नही माने जाने की स्थिति में सड़क से लेकर न्यायालय तक का संघर्ष होगा तेज.

पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क)| राज्यभर के जिला मुख्यालयों में अपनी 21-सूत्री मांगों के समर्थन में टीईटी एसटीईटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ – गोपगुट द्वारा राज्य के सभी जिला मुख्यालयों पर शिक्षक सत्याग्रह का आयोजन कर अपना आक्रोश प्रकट किया गया.
टीईटी एसटीईटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षकों के 21-सूत्री मांगों में प्रमुख हैं – टीईटी एसटीईटी शिक्षको ने प्रधान शिक्षक की बहाली में टीईटी को अनिवार्य करना, प्रधानाध्यापक की बहाली में एसटीईटी को अनिवार्य करना, टीईटी एसटीईटी शिक्षकों के अलग संवर्ग के गठन, नव चयनित शिक्षक अभ्यर्थियों के पदस्थापन, शेष बचे अभ्यर्थियों के नियोजन की गारंटी, विरमन तिथि से ग्रेड पे, दो वर्ष की बाध्यता समाप्त करना, 15 प्रतिशत वेतन वृद्धि का लाभ अगस्त के वेतन से देना, सभी प्रकार के एरियर भुगतान, पेंशन, ग्रेच्युटी, एसीपी, इंडेक्स 3 की बाध्यता समाप्त करना आदि.
सत्याग्रह में शामिल सभी शिक्षक/शिक्षिकाओं ने अपने हाथों में अपनी मांगों के समर्थन में तख्ती लेकर प्रदर्शन किया. इसी कड़ी में टीईटी एसटीईटी उतीर्ण नियोजित शिक्षक संघ जिला इकाई पटना के शिक्षक संघ के जिला संयोजक चंदन पटेल एवं राज्य कार्यकारिणी सदस्य मुकेश राज के नेतृत्व में गर्दनीबाग स्थित धरना स्थल पर सत्याग्रह किया.
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संघ के प्रदेश अध्यक्ष मार्कण्डेय पाठक एवं प्रदेश प्रवक्ता अश्विनी पाण्डेय ने कहा कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद बिहार समेत अन्य प्रदेशों में भी शिक्षक बनने के टीईटी को अनिवार्य बताया गया है. जबकि नई शिक्षा नीति में उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों तक एसटीईटी को ऐसे मे यह बड़ा सवाल है कि आखिर जो शिक्षक भी बनने के पात्र नही हैं वे प्रधान शिक्षक या प्रधानाध्यापक कैसे बनेंगे.
सरकार टीईटी शिक्षकों को ठग रही है
वही दूसरी ओर जो टीईटी एसटीईटी शिक्षक सभी मानदण्डों पर खड़ा उतरते हैं, उनके साथ आठ से दस वर्ष के अनुभव की मांग की जा रही है. यानी मोटे तौर पर देखा जाए तो सरकार टीईटी शिक्षकों को ठग रही है.
जिला संयोजक चंदन पटेल एवं राज्य कार्यकारिणी सदस्य मुकेश राज ने कहा कि जब परीक्षा ही योग्यता का पैमाना है तो लाखो परीक्षार्थी में से चुनकर आये टीईटी एसटीईटी शिक्षको का सरकार सम्मान करें एवं उनके लिए अलग संवर्ग गठित करे. साथ ही किसी भी प्रकार की पदोन्नति या नई बहाली में टीईटी/एसटीईटी को अनिवार्य किया जाए.
उन्होंने कहा कि नव चयनित अभ्यर्थियों का पदस्थापन जल्द से जल्द हो तथा शेष बचे अभ्यर्थियों के नियोजन की गारंटी सुनिश्चित हो.
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वहीं, संघ के जिला सहसंयोजक संजीव कुमार, धनन्जय कुमार, अनुज कुमार ने एक स्वर में कहा कि अगर सरकार हमारी मांगो को शीघ्रता से पूर्ण नही करती है तो संघर्ष को और तेज किया जाएगा तथा संघ सड़क से लेकर न्यायालय तक लड़ाई लड़ेगा.
इस मौके पर मो. राशिद,रतन कुमार, अनुज, प्रेम प्रकाश, संजीव, संजय, धनंजय, अब्दुर रफे, जौहर शमीम, विनोदगज़ाला याशमीन, कृष्ण मुरारी, रीता, मीनल, अनिल, विनोद, रंजीत, महेश, धर्मेंद्र, जीनत प्रवीण सहित सैकड़ों शिक्षक/शिक्षिका उपस्थित रहे.