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राजधानी में स्वाइन फ्लू ने दी दस्तक, एक की हुई मौत

पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क)| कोरोना का कहर अभी खत्म नहीं हुआ कि एक और खतरनाक वायरस का संक्रमण राजधानी में फैलने लगा है. इस खतरनाक वायरस का नाम है H1N1 यानि स्वाइन फ्लू. शुक्रवार को राजधानी के एक बड़े अस्पताल में स्वाइन फ्लू से एक संक्रमित मरीज की मौत हो गई.

58 वर्षीय अरविन्द नामक यह व्यक्ति फुलवारीशरीफ़ का रहने वाला था. 4 सितंबर को उसे राजा बाजार स्थित इस हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था जहां उसे H1N1 यानि स्वाइन फ्लू से ग्रसित पाया गया. इसी अस्पताल में दो और H1N1 यानि स्वाइन फ्लू के मरीजों का इलाज चल रहा है तथा कई और मरीज यहां पहुंचे हैं.

मृतक अरविन्द स्वाइन फ्लू से संक्रमित था, इसकी पुष्टि इस हॉस्पिटल के सुपरिटेंडेंट डॉ. आसिफ ने की है. इधर स्वाइन फ्लू संक्रमण के बढ़ने व इससे हुई पहली मौत से राज्य सरकार विशेषकर स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है.

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बता दें, H1N1 यानि स्वाइन फ्लू एक तेजी से फैलने वाला संक्रमण है जिसमें सर्दी-खांसी जैसे लक्षण होते हैं. यह बेहद तेजी से फैलता है.

H1N1 यानि स्वाइन फ्लू के लक्षण क्या-क्या हैं –

स्वाइन फ्लू एक विशेष एंफ्लुएंजा वायरस H1N1 से होता है जो बहुत तेजी से फैलता है. इसमें सामान्य सीज़नल सर्दी-जुकाम जैसे लक्षण होते हैं जैसे नाक का बहना या बंद हो जाना, गले में खराश होना, बुखार, बदन दर्द, सिर दर्द, ठंढ लगना, पेट में दर्द, कभी-कभी उल्टी होना आदि.

यह वायरस कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों व बच्चों को जल्द संक्रमित करता है. गर्भवती महिलायें भी इससे जल्द संक्रमित हो जाती हैं. यह वायरस संक्रमित व्यक्ति के खाँसने व छींकने से फैलता है. साथ ही, ऐसा व्यक्ति अपने मुंह या नाक पर हाथ रखने के बाद यदि किसी भी चीज को छूता है और उस वस्तु को सामान्य व्यक्ति छू लेता है तो उसे भी स्वाइन फ्लू का संक्रमण लग जाता है. खास बात यह है कि स्वाइन फ्लू के संक्रमण का पता 1 से 7 दिनों के अंदर लगता है जब लक्षण सामने आने शुरू होते हैं.

स्वाइन फ्लू से कैसे बचें ?

वैसे तो किसी भी संक्रमण से बचने का सबसे अच्छा तरीका होता है, आइसोलेट होकर रहना यानि भीड़भाड़ से बचकर रहना. ऐसा ही स्वाइन फ्लू से बचने के लिए भी करना होता है. इसलिए सबसे पहले जिस व्यक्ति को सर्दी-खांसी या जुकाम हो, उससे दूर रहना चाहिए. अपने आंख, नाक, मुंह को छूने के बाद किसी अन्य वस्तु को नहीं छूना चाहिए. साथ ही, अपने हाथों को साबुन/सैनीटाइजर/ऐन्टिसेप्टिक लिक्विड से साफ करना चाहिए.

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आलू, चावल आदि स्टार्चयुक्त व शर्करायुक्त चीजों का कम-से-कम उपयोग करना चाहिए. दही के बदले छाछ का सेवन करना चाहिए. पीने का पानी भी उबाला हुआ होना चाहिए. पोषक तत्वों से भरपूर पदार्थों का सेवन करना चाहिए. अंत में, जिस किसी को भी यदि सर्दी-जुकाम और बुखार हो, उसे घर में आइसोलेट होकर रहना चाहिए और भरपूर नींद (7 से 9 घंटे) लेनी चाहिए.

यदि किसी को सर्दी-खांसी या जुकाम हो तो उसे खांसते, छींकते समय अपने मुंह व नाक पर कपड़ा रखना चाहिए. लोगों को चाहिए कि वे टेंशन-फ्री रहें क्योंकि टेंशन से शरीर की प्रतिरोधात्मक क्षमता कम हो जाती है.