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छपरा जहरीली शराब कांड की SIT जांच की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई

नई दिल्ली (TBN – The Bihar Now डेस्क)| सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बिहार के छपरा में हुई जहरीली शराब त्रासदी (Chhapra Hooch Tragedy) की स्वतंत्र और एसआईटी जांच की मांग वाली एक याचिका पर 9 जनवरी को सुनवाई करने पर अपनी सहमति जता दी है. मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष याचिका को जल्द सुनने के लिए मेन्शन किया गया था.

आर्यावर्त महासभा फाउंडेशन (Aryavarta Mahasabha Foundation) द्वारा अधिवक्ता पवन प्रकाश पाठक के माध्यम से यह याचिका दायर की गई है जिसमें अवैध शराब के निर्माण, व्यापार और बिक्री पर अंकुश लगाने के लिए राष्ट्र कार्य योजना तैयार करने की मांग की गई है. जनहित याचिका में आगे राज्य सरकार को निर्देश देने की मांग की गई है कि जहरीली शराब के मृतकों के पीड़ित परिवार को पर्याप्त मुआवजा दिया जाए क्योंकि वहां लोगों के अधिकारों का उल्लंघन किया गया और उन्हें खतरे में डाला गया.

याचिका में कहा गया है, “निर्देश पारित किया जाए कि प्रतिवादी द्वारा स्वतंत्र विशेष जांच दल का गठन किया जा सकता है और देश के कानून के अनुसार प्रभावी कदमों के लिए इस जहरीली त्रासदी की स्वतंत्र जांच की जा सकती है.”

जनहित याचिका में कहा गया है कि जब से बिहार सरकार ने 2016 में राज्य में शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया है, इसको लागू करने में पर्याप्त विफलता और इसके कई प्रतिकूल परिणामों के लिए सरकार को तीखी आलोचना का सामना करना पड़ा है.

याचिका में लिखा गया है कि बिहार की सीमाएं नेपाल, पश्चिम बंगाल, झारखंड और उत्तर प्रदेश के साथ मिलती हैं और इनमें से किसी भी राज्य में शराबबंदी नहीं है. और इस बात के बहुत सारे सबूत हैं कि पड़ोसी राज्यों से बिहार में शराब आ रही है. यह भी सत्य है पश्चिम बंगाल और झारखंड के आबकारी राजस्व में अभूतपूर्व वृद्धि हो गई है.

याचिका में दावा किया गया है कि राज्य की मद्यनिषेध नीति के परिणामस्वरूप यहां शराब की कई त्रासदियां हुई हैं जिसमें सैकड़ों मौतें हुईं हैं.

याचिका में कहा गया है कि हाल ही में लोकसभा में इसी मुद्दे पर सवाल उठाया गया था और संबोधित किया गया था, लेकिन शराब माफियाओं और कार्टेलों के प्रदर्शन को रोकने के लिए कोई प्रभावी कदम नहीं उठाए जा रहे हैं.

जनहित याचिका में कहा गया है कि यह पहली बार नहीं है जब भारत में जहरीली शराब के सेवन से लोगों के मरने की घटना सामने आई है. इसमें कहा गया है कि हाल के वर्षों में गुजरात, पंजाब और हरियाणा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक आदि से इसी तरह का के मामले सामने आए थे जिसमें जानमाल का नुकसान हुआ था.