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उपवास पर रहेंगे हड़ताली शिक्षक 31 मार्च को

पटना (TBN रिपोर्ट) :- कोरोना वायरस और लॉकडाउन के बीच बिहार के नियोजित हड़ताली शिक्षकों ने 31 मार्च को उपवास रखने का आह्वान किया है. इसके साथ ही बिहार के सभी शिक्षक 2 अप्रैल को वेदना दिवस मनायेंगे. बता दें बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के लगभग चार लाख नियोजित शिक्षक समान काम, समान वेतन के साथ सात सूत्री मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. हड़ताल ख़त्म न करने की जिद पर अड़े हुए शिक्षकों के सामने अब भूखमरी जैसी समस्या आ गयी है. लेकिन अब भी हड़ताली शिक्षक पुराने शिक्षकों की तरह वेतनमान की मांग कर रहे हैं.                

इस मामले पर जानकारी देते हुए टीइटी और एसटीइट उतीर्ण नियोजित शिक्षक संघ के प्रदेश प्रवक्ता अश्विनी पांडेय ने कहा है कि “आपदा की इस घड़ी में हड़ताली शिक्षक समाज के साथ है. बिहार का शिक्षक समाज धैर्य और साहस के साथ जनता के समक्ष आये कोरोना संकट और अपने साथ हो रहे भेदभाव का मुकाबला कर रहा है. सरकार को मानवता को ध्यान में रखते हुए दो महीने का वेतन भुगतान करना चाहिए”.

बता दें सरकार के द्वारा हड़ताली शिक्षकों की मांगों पर ध्यान ने देने की वजह से शिक्षकों में आक्रोश है. राज्य के सभी हड़ताली शिक्षकों की सरकार के द्वारा अनदेखी करने से नाराज़ हड़ताली शिक्षकों ने उपवास रखने की घोषणा की है. हड़ताली शिक्षक समूहों ने कोरोना संकट में शिक्षकों के प्रति उपेक्षापूर्ण सरकारी व्यवहार के खिलाफ हड़ताली 4 लाख शिक्षक सपरिवार अपने घर में बैठ उपवास करेंगे. वहीं 2 अप्रैल को शिक्षक वेदना दिवस मनाते हुए अपने घरों में अपने अपने धर्मानुसार पुजा, हवन, नमाज, अरदास करते हुए सरकार के संवेदनशीलता की कामना करेंगे.

ज्ञात हो कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन के मुश्किल दौर में राज्य के नियोजित शिक्षकों और नियमित शिक्षकों को बिहार सरकार के द्वारा वेतन के भुगतान का निर्देश जारी किया गया है. इसके बावजूद भी हड़ताली शिक्षकों में बिहार सरकार को लेकर आक्रोश व्याप्त है.