कतर में दिखा पीएम मोदी की कूटनीति का दम, 8 पूर्व भारतीय नौसेना कर्मियों की मौत की सजा हो गई कम
नई दिल्ली / दोहा (TBN – The Bihar Now डेस्क)|कतर की एक अदालत (Qatari Court) ने गुरुवार को डहरा ग्लोबल मामले (Dahra Global case) में पिछले साल गिरफ्तार किए गए आठ पूर्व भारतीय नौसेना अधिकारियों की मौत की सजा को माफ कर दिया. सज़ा को अब जेल की शर्तों में बदल दिया गया है. इसकी जानकारी भारतीय विदेश मंत्रालय (Ministry of External Affairs) ने गुरुवार को एक प्रेस बयान में दी.
इस फैसले के बारे में बताते हुए विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘हमने दहरा ग्लोबल मामले में कतर की अपील अदालत के आज के फैसले पर गौर किया है, जिसमें सजाएं कम कर दी गई हैं. हम विस्तृत फैसले का इंतजार कर रहे हैं.’
विदेश मंत्रालय (MEA) ने यह भी कहा कि मामले में विस्तृत फैसले का इंतजार है और वह कतर में कानूनी टीम के साथ निकट संपर्क में है. विदेश मंत्रालय ने कहा, “हमें विस्तृत फैसले की प्रतीक्षा है. हम अगले कदम पर निर्णय लेने के लिए कानूनी टीम के साथ-साथ परिवार के सदस्यों के साथ निकट संपर्क में हैं. कतर में हमारे राजदूत और अन्य अधिकारी, जेल में बंद अधिकारियों के परिवार के सदस्यों के साथ, आज अपील अदालत में उपस्थित थे. हम मामले की शुरुआत से ही उनके साथ खड़े हैं और हम सभी कांसुलर और कानूनी सहायता देना जारी रखेंगे. हम इस मामले को कतरी अधिकारियों के साथ भी उठाना जारी रखेंगे.”
बता दें, आठ भारतीय नागरिक अक्टूबर 2022 से कतर में कैद हैं और उन पर पनडुब्बी कार्यक्रम पर कथित रूप से जासूसी करने का आरोप लगाया गया है. सेवानिवृत्त नौसैनिकों को कतर की एक अदालत ने उन आरोपों में मौत की सजा सुनाई थी जिन्हें अभी तक आधिकारिक तौर पर सार्वजनिक नहीं किया गया है. इसके अलावा, विदेश मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, कतर की अदालत ने प्रथम दृष्टया उनके खिलाफ फैसला सुनाया था.
इस महीने की शुरुआत में विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी थी कि डहरा ग्लोबल मामले में दो सुनवाई हो चुकी हैं. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता बागची ने कहा था, “दो सुनवाइयां हो चुकी हैं. हमने परिवारों के साथ बंदियों की अंतिम अपील दायर की थी. तब से दो सुनवाई हो चुकी हैं. एक 30 नवंबर को और दूसरी 23 नवंबर को. मुझे लगता है कि अगली सुनवाई है जल्द ही आ रहा है.”
विदेश मंत्रालय ने कहा, “इस मामले की कार्यवाही की गोपनीय और संवेदनशील प्रकृति के कारण इस समय कोई और टिप्पणी करना उचित नहीं होगा.”
जिन 8 भारतीयों को, जो वहां जेल में बंद हैं और सजा-ए-मौत दी गई थी, के नाम हैं – कमांडर सुगुनाकर पकाला, कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर संजीव गुप्ता, कमांडर अमित नागपाल, कमांडर पूरेनेंदु तिवारी, नाविक रागेश और कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा.
क्या है मामला
दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज के लिए काम करने वाले इन सभी लोगों की गिरफ्तारी सबसे पहले एक पूर्व कमांडर की बहन के ट्वीट से सामने आई, जो फर्म में प्रबंध निदेशक भी थी और 2013 से दोहा में कतर के नौसेना कर्मियों को प्रशिक्षण दे रही थी. पिछले साल नवंबर में रिटायर कमांडर पुणेन्दु तिवारी की बहन मीतू भार्गव ने अपने भाई को वापस लाने के लिए सरकार से मदद मांगी थी.
उसने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया था, “मैंने 25 अक्टूबर को एक ट्वीट किया और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से मेरे भाई को वापस लाने की अपील की जो दोहा, कतर में अवैध हिरासत में है. मेरा भाई एक सेवानिवृत्त नौसेना अधिकारी है और वह अपनी कंपनी डहरा ग्लोबल कंसल्टेंसी सर्विसेज के माध्यम से कतरी नौसेना को प्रशिक्षण देने के लिए वहां गया था.“
2019 में, कतर सरकार की सिफारिश पर पुणेन्दु तिवारी को प्रतिष्ठित प्रवासी भारतीय सम्मान (Pravasi Bharatiya Samman) से सम्मानित किया गया था, जो भारत सरकार द्वारा प्रवासी भारतीयों को दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है.
खबरों के अनुसार, परिवार के एक अन्य सदस्य को तब पता चला कि कुछ गड़बड़ है, जब गिरफ्तार किए गए लोगों में से उसके भाई ने उसके जन्मदिन पर बधाई संदेश का जवाब नहीं दिया. जबकि गिरफ्तार लोगों को कांसुलर पहुंच प्रदान की गई थी. कतरी अधिकारियों ने कभी भी सार्वजनिक रूप से यह खुलासा नहीं किया कि अधिकारियों को क्यों उठाया गया था या उन्हें किस आरोप में हिरासत में लिया गया था.
उस व्यक्त भारत के विदेश मंत्री ने राज्यसभा में अपने संबोधन के दौरान कहा, “यह एक बहुत ही संवेदनशील मामला है. उनके हित हमारे लिए सर्वोपरि हैं. राजदूत और वरिष्ठ अधिकारी कतर सरकार के साथ लगातार संपर्क में हैं. हम आश्वस्त करते हैं कि वे हमारी प्राथमिकता हैं.”
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद के बीच हुई हालिया बैठक पर भी प्रकाश डाला और कहा कि उनके बीच समग्र द्विपक्षीय संबंधों पर अच्छी बातचीत हुई है. प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने दुबई में COP28 शिखर सम्मेलन के मौके पर कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी से मुलाकात की और द्विपक्षीय साझेदारी और कतर में रहने वाले “भारतीय समुदाय की भलाई” पर चर्चा की. बताते चलें, पीएम नरेंद्र मोदी पिछले 1 दिसम्बर को कतर के शासक से मुलाकात की थी.