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सीनियर एडवोकेट चितरंजन सिन्हा का निधन, चारा घोटाला में लालू यादव के थे वकील

पटना (TBN डेस्क) | बिहार सरकार के प्रधान अपर महाधिवक्ता (AAG2) चितरंजन सिन्हा (Chitranjan Sinha) का बेंगलुरु के एक अस्पताल में सोमवार को निधन हो गया. वे 74 वर्ष के थे और उन्हें कैंसर की बीमारी थी.

चितरंजन सिन्हा के निधन से उनके परिजनों एवं परिचितों के साथ राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) का पूरा परिवार भी दुखित है. आपको बता दें कि चितरंजन सिन्हा लालू प्रसाद यादव के वकील थे.

चितरंजन सिन्हा पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) के सीनियर एडवोकेट थे. वे देश के बहुचर्चित चारा घोटाला (Fodder Scam) मामले में लालू के वकील के रूप में प्रारंभ से ही पटना, दिल्ली और रांची तक इस मामले को देख रहे थे.

वे बिहार में आरजेडी, कांग्रेस और जेडीयू गठबंधन की सरकार के समय से ही प्रधान अपर महाधिवक्ता के पद पर पर बने हुए थे.

सिन्हा के निधन से अधिवक्ताओं में शोक की लहर फैल गई है और बड़ी संख्या में अधिवक्ताओं ने अपनी संवेदना व्यक्त की है. बिहार के महाधिवक्ता ललित किशोर, बार काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन मनन कुमार मिश्र, कृष्णा प्रसाद सिंह, योगेश चन्द्र वर्मा, वरीय अधिवक्ता एवं पूर्व मंत्री पीके शाही, यदुवंश गिरी, संजय राजन सहाय सहित अनेक वकीलों ने शोक व्यक्त की है.

पटना के खजांची रोड में रहने वाले चितरंजन सिन्हा की बेटियाँ विदेश में रहती हैं तथा वे यहां परिवार के अन्य सदस्यों के साथ रहते थे. वे देश के बहुचर्चित चारा घोटाला के वक्त से सुर्खियों में आये थे. इसी मामले के कारण वे लालू परिवार के बेहद करीब आ गए थे.

लालू के बच्चे चाचा कहते थे

1996 में बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव पर चारा घोटाला का आरोप लगने के बाद चितरंजन सिन्हा लालू के वकील के रूप में इस केस में हर जगह सीबीआई कोर्ट में लालू की तरफ से बहस किया करते थे.

लालू प्रसाद के घर में आयोजित किसी भी समारोह में चितरंजन सिन्हा सम्मानित सदस्य हुआ करते थे. इसके साथ ही लालू प्रसाद यादव किसी भी कानूनी सलाह के लिए इन्हें ही याद करते थे. लालू के सभी बच्चे चितरंजन सिन्हा को परिवार के सदस्य की तरह चाचा (अंकल) कहा करते थे.