राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दी इन दोनों विधेयकों को अपनी स्वीकृति
नई दिल्ली (TBN – The Bihar Now डेस्क)| राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) ने नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (संशोधन) विधेयक, 2021 [Narcotic Drugs and Psychotropic Substances (Amendment) Bill, 2021] और चुनाव कानून (संशोधन) विधेयक, 2021 [Election Laws (Amendment) Bill, 2021] को अपनी स्वीकृति दे दी है. ये दोनों बिल संसद के हाल ही में संपन्न शीतकालीन सत्र के दौरान अभूतपूर्व हंगामे के बीच पारित किए गए थे.
राष्ट्रपति की मंजूरी से दोनों विधेयकों को अधिनियम में बदल (Bills have been turned into Acts) दिया गया है. राष्ट्रपति ने बुधवार को दोनों विधेयकों को अपनी मंजूरी दे दी.
एक गजट अधिसूचना के अनुसार, नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सबस्टेंस (संशोधन) अधिनियम, 2021 और चुनाव कानून (संशोधन) अधिनियम, 2021 को राष्ट्रपति की सहमति प्राप्त हुई है.
सजा का प्रावधान
अधिनियम के तहत कुछ अवैध गतिविधियों (जैसे नशीले पदार्थ की खेती या नशीली दवाओं का निर्माण) या उनमें लगे व्यक्तियों को शरण देना एक अपराध घोषित किया गया है. इस अपराध के दोषी पाए जाने वाले व्यक्तियों को कम से कम दस साल के कठोर कारावास और कम से कम एक लाख रुपये के जुर्माने से दंडित किया जाएगा. करावास की अवधि बढ़ाकर 20 साल भी की जा सकती है.
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नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सबस्टेंस (संशोधन) अधिनियम, 2021 नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट, 1985 में संशोधन करता है और मूल कानून में 2014 के संशोधन द्वारा बनाई गई “विसंगति” का मसौदा तैयार करता है. यह नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सबस्टेंस (संशोधन) अध्यादेश, 2021 की जगह लेता है. यह अधिनियम मादक दवाओं और मनोदैहिक पदार्थों से संबंधित कुछ कार्यों (जैसे निर्माण, परिवहन और खपत) को नियंत्रित करता है.
वहीं, चुनाव कानून (संशोधन) अधिनियम 2021 वोटर कार्ड को आधार कार्ड से लिंक करने से जुड़ा है. इस विधेयक के माध्यम से जन प्रतिनिधि कानून 1950 और जन प्रतिनिधि कानून 1951 में संशोधन हुआ है. वोटर कार्ड को आधार से जोड़ने से वोटर लिस्ट में नामों का दोहराव नहीं होगा. फर्जी वोटिंग रोकने में मदद भी मिलेगी. सरकार ने कहा है कि आधार को वोटर कार्ड से जोड़ना अनिवार्य नहीं है.