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जन सुराज पदयात्रा: पटना से भितिहरवा के लिए निकले प्रशांत किशोर

पटना (TBN – अनुभव सिन्हा की रिपोर्ट)| सफल रणनीतिज्ञ प्रशांत किशोर (Prashant Kishore) बिहार में व्यवस्था परिवर्तन के दृढ़ संकल्प के साथ अपनी ऐतिहासिक “जन सुराज पदयात्रा” (Jan Suraj Padyatra) शुरू करने पटना से पश्चिम चंपारण (West Champaran) जिले के भितिहरवा गांधी आश्रम (Bhitiharwa Gandhi Ashram) की ओर निकल चुके हैं. रविवार सुबह पूजा अर्चना के साथ वे 500 गाड़ियों के काफिले के साथ पटना से भितिहरवा निकल पड़े.

प्राचीनता और नवीनता का अद्भुत संगम है बिहार. यहां राजनीतिक प्रयोग बहुत हुए हैं. लोकतंत्र का पहला सफल प्रयोग ढाई हजार साल पहले यहीं हुआ था. बिहार के राजनीतिक प्रयोगों में सबकुछ है सिवाय गुणवत्ता को छोड़कर. नतीजतन व्यवस्था बीमार और दुर्बल हो चुकी है.

विकास के पैमाने पर व्याप्त घोर असंतुलन, कृषि प्रधान राज्य में ही कृषि की घोर उपेक्षा, भ्रष्टाचार को राजनीतिक संरक्षण, बद से बदतर हो चुकी शिक्षा, स्वास्थ्य, व्यवसाय के पारम्परिक मूल को बदलाव के नाम पर नष्ट कर कुव्यवस्था को बनाए रखने की हर सम्भव राजनीतिक कोशिशों को भी प्रयोग ही माना गया.

इन सामाजिक और राजनीतिक परिस्थितियों का जो स्वाभाविक प्रकटीकरण हो सकता है, उसकी ही अभिव्यक्ति है 21वीं सदी के बिहार में आज से शुरु हो रहा एक और राजनीतिक प्रयोग.

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इसकी विशेषता पर गौर कीजिए. इस प्रयोग को शुरु करने वाले प्रशांत किशोर की पारम्परिक तौर पर कोई राजनीतिक पृष्टभूमि नहीं रही है. पर उन्हें अत्यंत सफल रणनीतिज्ञ के रुप में देश ने स्वीकार किया है. 500 गाड़ियों के काफिले के साथ पटना से भीतीहरवा की यात्रा शुरूआती है.

प्रशान्त किशोर की 3500 किलोमीटर की पदयात्रा भीतिहरवा से गांधी जी की 133वीं जयंती के अवसर पर शुरु होगी. डेढ़ साल तक चलने वाली इस पद यात्रा में प्रशान्त किशोर हर पंचायत और गांव तक जायेंगे.

इस यात्रा का समापन 2024 में होगा तब तक प्रशांत किशोर के जन सुराज यात्रा का राजनीतिक स्वरुप भी स्पष्ट हो चुका रहेगा. 2025 के अंत में होने वाले विधान सभा चुनावों बिहारवासियों के समक्ष व्यवस्था को पूरी तरह से बदल देने का एक विकल्प मौजूद रहेगा.