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कोरोना संकट से जूझ रहे बिहार में हो सकता है बिजली संकट

बाढ़ (अखिलेश कु सिन्हा – The Bihar Now रिपोर्ट)| देश भर में कोरोना की दूसरी लहर ने स्थिति भयावह कर डाली है. चारों ओर लोग त्राहिमाम कर रहे हैं. पूरे देश में कोरोना से संक्रमित नए मरीजों की संख्या नित नए रिकार्ड बना रही है.

इस स्थिति में एक बुरी खबर बाढ़ स्थित एनटीपीसी परियोजना से आ रही है. विश्वस्त सूत्रों के अनुसार यहाँ भी कोरोना ने तेजी से अपने पांव फैलाने शुरू कर दिए है. यह रफ्तार थमने का नाम नहीं ले रही है.

बाढ़ एनटीपीसी परियोजना के प्लांट के अंदर स्थिति इतनी भयावह हो चली है कि यदि बिहार सरकार द्वारा समय पर रेमडिसिवीर, ऑक्सीजन सिलेंडर व अन्य चिकित्सा न पहुंचाई गई तो इस प्लांट का संचालन प्रभावित हो सकता है

सूत्रों के अनुसार, एनटीपीसी की ओर से बिहार सरकार को दो दिन पूर्व पत्र लिखा गया है. बावजूद इसके अभी तक एनटीपीसी को राज्य सरकार से जरूरी मदद नहीं मिल रही है. यहां के हालात को देखते हुए कहा जा सकता है कि आने वाले दिनों में परियोजना के कुछ संक्रमित कर्मचारियों को एयरलिफ्ट करना पड़ सकता है.

इस प्लांट में तीन शिफ्टों में चौबीसों घंटे बिजली का उत्पादन होता है. विश्वस्त सूत्रों ने बताया कि ऐसी स्थिति में यदि एनटीपीसी के संक्रमित कर्मचारियों को जल्द से जल्द मदद नहीं पहुंचाई गई तो प्लांट में बंदी का संकट आ सकता है.

बता दें कि इस प्लांट से बिहार में बिजली की सप्लाइ होती है. ऐसे में बंदी होने से संकट की इस घड़ी में राज्य के अस्पताल भी प्रभावित होंगे. इससे कोरोनाग्रस्त रोगियों को जबरदस्त प्रॉब्लेम हो सकती है.

बताते चलें कि इस बाढ़ एनटीपीसी में, खबर मिलने तक, लगभग 44 कर्मचारी कोरोना से संक्रमित हो चुके थे. इतना ही नहीं बल्कि इन कर्मचारियों के उनके लगभग 48 परिजन भी संक्रमण से जूझ रहे हैं. एनटीपीसी की ऐसी स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार को तत्काल आवश्यक कदम उठाने पड़ सकते हैं नहीं तो कोरोना संकट से जूझ रहे बिहार में भीषण बिजली संकट भी पैदा हो जाएगा.